- सरकार, वरिष्ठ नागरिकों को निराश क्यों कर रही है? इस तरह की एलर्जी क्यों? क्या हम ईपीएस95 पेंशनभोगी भारत के नागरिक नहीं हैं?
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के सदस्यों ने मोदी सरकार से बड़ा सवाल पूछ लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पर सीधा हमला करते हुए पेंशनर्स ने बोल दिया है कि क्या हम ईपीएस 95 पेंशनभोगी भारत के नागरिक हैं या नहीं?
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कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) 7500 रुपए किए जाने पर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। इस पर पेंशनभोगी अनिल कुमार नामदेव ने सोशल मीडिया (Social Media) पर मन की बात लिखी।
ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति रायपुर (EPS 95 Pension Rashtriya Sangharsh Samiti Raipur) के अध्यक्ष ने लिखा-हम सभी आज संसद में पेश किए गए इस बजट से कुछ सकारात्मक की उम्मीद कर रहे थे, जबकि हम अच्छी तरह जानते हैं कि सरकार ने कई मौकों पर संसदीय सत्रों में कहा है कि ईपीएस95 स्व-परिभाषित अंशदायी योजना है और न्यूनतम पेंशन की मौजूदा मात्रा में कोई वृद्धि करने की गुंजाइश नहीं है।
सरकारी खजाने से बजटीय प्रावधान किए जाते हैं, ऐसे में इस स्व-वित्तपोषित योजना के लिए कोई राशि मिलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। शायद यही मूल कारण है कि 2024-25 के लिए घोषित बजट में ईपीएस95 पेंशनभोगियों के लिए कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
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सम्मानजनक आजीविका जीने के लिए…
नामदेव ने कहा-अगर मैं गलत नहीं हूँ दोस्तों। वास्तव में ऐसे पेंशनभोगी शायद न तो किसी सहानुभूति के पात्र हैं और न ही भारत के संविधान में गारंटीकृत किसी सामाजिक कल्याण योजना के, क्योंकि उन्होंने ऐसी अद्भुत योजना ईपीएस 95 को स्वीकार करके अपनी नियति तय कर ली है, जो उन्हें सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद सम्मानजनक आजीविका जीने के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने का आश्वासन देती है।
ईपीएस-95 पेंशनर्स (EPS 95 Pensioners) से इस तरह की एलर्जी क्यों?
पेंशनर्स सनत रावल ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा-अनिल जी, मैं आपके कथन से पूरी तरह सहमत हूं। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ईपीएस-95 पेंशनर्स/वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी क्यों की जा रही है। और सरकार ईपीएस-95 पेंशनर्स, वरिष्ठ नागरिकों को निराश क्यों कर रही है? इस तरह की एलर्जी क्यों? एनएसी जिंदाबाद…।