- कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के हिस्से आई है बड़ी कामयाबी।
- भारत-मालदीव ने 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया
- विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और उनके समकक्ष मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने माले में क्षमता निर्माण समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Indian Foreign Minister Dr. S. Jaishankar) और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर (Maldives Foreign Minister Moosa Zameer) ने मालदीव के माले में दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी संवाद के तहत 2024-2029 की अवधि के दौरान मालदीव के 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया।
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) अब तक बांग्लादेश, तंजानिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका और कंबोडिया के सिविल सेवकों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के साथ-साथ लैटिन अमेरिकी देशों और भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) तथा हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (आईओआर) देशों के लिए बहु-देशीय कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुका है।
ये खबर भी पढ़ें: कोशियारी समिति की रिपोर्ट पर 3000 पेंशन, 10 साल का एरियर दीजिए मोदीजी…
क्षमता निर्माण पहल के अंतर्गत, 8 जून, 2019 को मालदीव के 1000 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), और मालदीव गणराज्य के मालदीव सिविल सेवा आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
2024 तक, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने मालदीव के सिविल सेवकों के लिए क्षेत्रीय प्रशासन में कुल 32 क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों में मालदीव के स्थायी सचिवों, महासचिवों और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों सहित कुल 1000 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है।
इसके तहत एक कार्यक्रम भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) के लिए और एक कार्यक्रम मालदीव के सूचना आयोग कार्यालय (आईसीओएम) के लिए किया गया।
5 साल के लिए समझौते का नवीनीकरण भी
इस सहयोग की सफलता के मद्देनजर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का अनुरोध किया। 9 अगस्त, 2024 को इस समझौता ज्ञापन को आधिकारिक रूप से नवीनीकृत किया गया, जिसमें 2029 तक मालदीव के 1,000 अन्य सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
ये खबर भी पढ़ें: राउरकेला स्टील प्लांट: ब्लास्ट फर्नेस के मजदूरों के लिए नेक काम, मिली दुआएं
इस नवीनीकृत साझेदारी से न सिर्फ मालदीव के सिविल सेवकों की सार्वजनिक नीति, शासन और क्षेत्र प्रशासन में क्षमताओं में वृद्धि होगी बल्कि भारत और मालदीव के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
सेवा वितरण में सुधार और नई दिशाएं
भारत सरकार (Govt of India) का राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) (National Centre for Good Governance (NCGG)) कई देशों में सार्वजनिक नीति और शासन संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके मध्य-करियर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नागरिक-केंद्रित शासन, सेवा वितरण में सुधार और शासन में नवाचारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है।
इन कार्यक्रमों से नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण (Digital Empowerment of Citizens) और संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation of Institutions) के मामले में भारत के प्रयासों का पता चलता है ।