- केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ईपीएफओ के निरीक्षक सह सुविधाप्रदाता के लिए अद्यतन मैनुअल जारी किया।
- यह मैनुअल ईपीएफओ की पारदर्शिता, ईमानदारी और दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Union Minister of Labour & Employment and Youth Affairs & Sports Dr. Mansukh Mandaviya) ने नई दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) के निरीक्षक सह सुविधाप्रदाता के लिए अद्यतन मैनुअल जारी किया।
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डॉ. मांडविया ने इस बात पर जोर दिया कि इंस्पेक्टर की भूमिका में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। ‘इंस्पेक्टर’ की भूमिका अब ‘सुविधाप्रदाता’ की ज्यादा है, जो फील्ड कर्मियों से अपेक्षित जिम्मेदारियों के व्यापक दायरे को दर्शाता है। सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किए गए 16 अध्यायों से युक्त अपडेटेड मैनुअल में इंस्पेक्टर सह सुविधाप्रदाता के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के पूरे स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया है।
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विनियामक निरीक्षण से लेकर अनुपालन को बढ़ावा देने तक और आउटरीच पहल से लेकर आवश्यक भागीदारी बनाने तक, यह मैनुअल हमारे सभी हितधारकों के लिए एक मार्गदर्शक कम्पास के रूप में काम करेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों से सुविधाजनक व्यापार को और बेहतर बनाने के इरादे से मैनुअल को आत्मसात करने पर जोर दिया।
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यह मैनुअल तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के अनुसार है, जो वर्तमान कानूनी ढांचे का अभिन्न अंग हैं।
यह मैनुअल ईपीएफओ (EPFO) की पारदर्शिता, ईमानदारी और दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह मैनुअल ईपीएफओ (EPFO) के निरीक्षकों और सुविधा प्रदाताओं के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा, ताकि वे पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा के बहुआयामी, सहानुभूतिपूर्ण और संसाधन संपन्न चैंपियन बन सकें।
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केंद्रीय मंत्री ने पिछले चिंतन शिविर में की गई कार्रवाई और परिणामों की भी समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने शिकायतों के मूल कारणों का विश्लेषण करने और मौजूदा मुद्दों को हल करने तथा भविष्य में उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या का पूर्वानुमान लगाने के लिए निरंतर विचार-विमर्श करने पर जोर दिया। उन्होंने कानूनी मामलों को कम करने के लिए मध्यस्थता, सौदेबाजी और लोक अदालतों के उपयोग पर जोर दिया।
ईपीएफओ (EPFO) को सार्वजनिक सेवा वितरण के प्रति दूरदर्शी दृष्टिकोण से ताकत मिलती है। अब जबकि हम ‘विकसित भारत’ की दिशा में काम कर रहे हैं, तो जीवन को आसान बनाने और काम में आसानी के दोहरे उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के मिशन के केंद्र में बने हुए हैं।
इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती सुमिता डावरा, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्रीमती नीलम शमी राव तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईपीएफओ के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।