- आपके पेंशन योग्य वेतन का 1.16% और जहां लागू हो, वहां न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन के भुगतान के लिए सब्सिडी, यानी सालाना 900+ करोड़ रुपये)।
सूचनजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization), श्रम मंत्रालय (Ministry of Labor) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर पेंशनभोगियों की नजर टिकी हुई है।
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कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत न्यूनत पेंशन 1000 रुपए को बढ़ाने की मांग की जा रही है। ईपीएफओ (EPFO) के साथ केंद्र सरकार पर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) पर पेंशनर्स रामकृष्ण पिल्लई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया है। लिखा-पेंशन आम तौर पर नियोक्ता द्वारा भुगतान किया जाता है?
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क्या आपका नियोक्ता पेंशन देने के लिए तैयार है? क्या आपके नियोक्ता के पास आपको पेंशन देने की वित्तीय क्षमता है? कुछ नियोक्ता आज अस्तित्व में नहीं हैं।
सरकार को निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन क्यों देनी चाहिए? उन्होंने सरकार को कोई सेवा नहीं दी है। फिर भी सरकार पेंशन फंड में योगदान दे रही है और 1.9.2014 से केवल 1000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन दे रही है।
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न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन के भुगतान के लिए सब्सिडी
ईपीएस पेंशन (EPS pension) का भुगतान न तो सरकार या आपके नियोक्ता द्वारा किया जाता है, बल्कि यह आपके द्वारा महीने-दर-महीने किए जाने वाले आपके छोटे-छोटे योगदान से बनाया गया फंड है।
साथ ही सरकार का भी छोटा-सा योगदान होता है (आपके पेंशन योग्य वेतन का 1.16% और जहां लागू हो, वहां न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन के भुगतान के लिए सब्सिडी, यानी सालाना 900+ करोड़ रुपये)।
ईपीएस (EPS) में आपके द्वारा किए गए महीनों की संख्या ही मायने रखती है
आपका नियोक्ता ईपीएफ में योगदान दे रहा है, न कि ईपीएस में, ईपीएफ का एक छोटा हिस्सा ईपीएस में चला जाता है। यह एक तथ्य है। इसलिए आपकी पूरी सेवा का ईपीएस पेंशन से कोई संबंध नहीं है, बल्कि ईपीएस में आपके द्वारा किए गए महीनों की संख्या ही मायने रखती है।