सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेफी पदाधिकारियों ने इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक से नई दिल्ली में उनके ऑफिस में भेंट की। इस मीटिंग में सेफी के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उपक्रमों के अनेक महत्वपूर्ण मुद्दें पर चर्चा की गई।
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पांच सितंबर को सम्पन्न मीटिंग में सेफी के द्वारा बीते कुछ साल से उठाए जा रहे मुद्दों जिनमें मुख्यतः सार्वजनिक क्षेत्र के सभी इस्पात उपक्रमों का रणनीतिक विलय, राष्ट्रीय इस्पात निगम विशाखापट्टनम के पुर्नउत्थान एवं प्राइवेटाइजेशन पर विराम, सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उपक्रमों को कच्चे माल की आपूर्ति की गारंटी और इस्पात उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने जैसे विषयों पर सारगर्भित चर्चा हुई।
गौरतलब है कि बीते सालों में निजीकरण करने की प्रक्रियाओं में काफी तेजी से चल रही है, जिसके तहत आरआईएनएल, नगरनार इस्पात संयंत्र, एफएसएनएल जैसे उपक्रम खतरे में हैं। सेफी ने इन उपक्रमों को निजी हाथों में देने के स्थान पर SAIL के साथ रणनीतिक विलय किए जाने की मांग की।
सेफी ने इस्पात सचिव के समक्ष पूर्व में हुए सेल-एनटीपीसी संयुक्त उपक्रमों के गठन जैसे प्रयोग अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के साथ भी किए जाने का सुझाव रखा।
सेफी ने भारत के इस्पात जगत को चीन, वियतनाम के द्वारा की जा रही डंपिंग से हो रहे नुकसान से बचाने के लिए शासन के द्वारा एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की मांग रखी।
गौरतलब है कि वर्तमान में इस्पात उद्योग जगत स्टील डंपिंग से अत्यंत बुरी तरह प्रभावित हैं।
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स्टील एक्सीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया ने आग्रह किया है कि इस्पात क्षेत्र के राष्ट्र के तीन महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रमों क्रमशः नगरनार स्टील प्लांट, RINL और FSNL को विनिवेश करने के बजाए उनका आपस में सेल के साथ रणनीतिक विलय किया जाए।
यह रणनीतिक विलय राष्ट्र हित में होने के साथ ही राष्ट्र के समग्र विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस संदर्भ में ज्ञात हो कि भारत सरकार द्वारा इस तरह के रणनीतिक विलय बैंकों में किया गया, जहां इसका श्रेष्ठ परिणाम मिला।
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हम आपको बता दें कि भारत सरकार की नवीन इस्पात नीति 2030 के तहत इस्पात मंत्रालय के द्वारा सेल के क्षमता विस्तार के लिए निर्देशित किया गया हैं। इसके अंतर्गत सेल को वर्ष 2030 तक 21 एमटी से 35 एमटी की क्षमता अर्जित करने का लक्ष्य दिया गया है। इस विस्तार हेतु सेल के द्वारा एक लाख करोड़ रुपए की राशि का निवेश किया जाएगा। इस्पात क्षेत्र के दो सार्वजनिक उपक्रमों नगरनार इस्पात संयंत्र एवं राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को, जिनकी क्षमता क्रमशः तीन एमटी और 7.3 एमटी हैं एवं दोनों ही प्लांटों का मौजूदा विनिवेश प्रस्तावित हैं।
-नगरनार के लिए दिया सुझाव
नगरनार इस्पात संयंत्र (Nagarnar Steel plant) तीन एमटी की क्षमता के साथ 24000 करोड़ की लागत से अत्यंत आधुनिक तकनीक के साथ बना इस्पात संयंत्र है, जो कि कच्चे लौह अयस्क की खदानों से परिपूर्ण इकाई है। इसे चलाने के लिए मात्र 200 अधिकारी एवं 1000 कर्मचारी उपलब्ध है जो कि अपर्याप्त है। इन परिस्थितियों में इस संयंत्र की भी लाभार्जन क्षमता भारी रूप से प्रभावित हुई है। इसी प्रकार राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड 7.3 एमटी की क्षमता के साथ कुशल तकनीकी विशेषज्ञों से परिपूर्ण इकाई है जो वर्तमान में कच्चे लौह अयस्क की कमी एवं ऊंची कीमतों से जूझ रहा है व वर्तमान में आरआईएनएल को आधी क्षमता पर संचालित करना ही मुश्किल हो रहा है।
सेफी सार्वजनिक उपक्रम सेल के द्वारा एक लाख करोड़ के निवेश के साथ क्षमता विस्तार किए जाने तथा नगरनार इस्पात संयंत्र एवं राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के विनिवेश जैसे विरोधाभाषी निर्णयों के स्थान पर सेल के विस्तारीकरण की योजना के अंतर्गत नगरनार इस्पात संयंत्र एवं राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के रणनीतिक विलय की मांग करता है। इस रणनीतिक विलय से सेल की क्षमता विस्तार की योजना बिना किसी प्रतीक्षा अवधि के संपन्न किया जा सकेगा।
यह प्रस्ताव इस्पात मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय को दिया जा चुका है एवं इस विषय पर सेफी पिछले माह इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी.कुमारस्वामी एवं इस्पात एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा से चर्चा कर अपने प्रस्ताव से अवगत करा चुका है।
सेफी अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने कहा कि प्रस्तावित संयंत्र एक दूसरे के अनुपूरक बन सकते हैं यदि सेल, आरआईएनएल व नगरनार इस्पात संयंत्र तथा एफएसएनएल को एक कंपनी बनाया जाता है तो इस कंपनी के पास उन्नत इस्पात संयंत्र तथा प्रचुर मात्रा में आयरन अयस्क और निर्यात के लिए स्वयं का पोर्ट उपलब्ध रहेगा।
इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक के साथ मीटिंग में सेफी चेयरमैन नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में सेफी उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, सेफी सहसचिव के वी डी प्रसाद मौजूद थे। नरेन्द्र कुमार बंछोर ने कहा कि बैठक अत्यंत ही महत्वपूर्ण रही। इसमें सचिव ने करीब हरेक मुद्दे पर हमारी मांगों पर शीघ्र उचित फैसला लिए जाने का आश्वासन दिया।
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