सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित डीपीएस स्कूल (DPS School) में नाबालिग छात्रा के साथ कथित अनाचार के मामले की आंच सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। इस मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पत्र लिया गया है।
दुर्ग जिला ग्रामीण युवा कांग्रेस की मंथली मीटिंग दुर्ग के राजीव भवन में हुई। इसमें करीब दो महीने पहले डीपीएस स्कूल रिसाली में एक नाबालिग छात्रा के साथ अनाचार होने की घटना को स्कूल मैनेजमेंट द्वारा दबाने की कोशिश करने के आरोपों पर चर्चा रणनीतिक हुई। साथ ही दुर्ग पुलिस द्वारा नाबालिग के पालकों पर दबाव बनाकर कानूनी कार्रवाई नहीं होने देने का भी आरोप लगाया गया।
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यह भी कहा कि पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को पूरे मामले की संपूर्ण जानकारी है लेकिन इसे दबाने की कोशिशें जारी रही, मगर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) भूपेश बघेल ने इस मामले में आवाज उठाई तब पुलिस प्रशासन ने FIR दर्ज की। इसके बाद पाक्सो के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया गया।
युवा कांग्रेस की मीटिंग में नेताओं ने कहा कि ऐसे संवेदनशील प्रकरण में 02 माह बाद सितंबर 2024 में FIR दर्ज होना पुलिस की ढीलाई को दर्शाता है।
युवा कांग्रेस ने क्या कहा, बिंदुवार समझिए…
1)इस मामले में डीपीएस के प्राचार्य की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
2)मामले में अज्ञात जो पकड़ से बाहर है के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
3) जांचकर्ता अधिकारी की जांच होनी चाहिए।
4)पुलिस अधीक्षक की संदिग्ध भूमिका है।
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कहा जा रहा है कि तीनों की भूमिका संदेहास्पद हैं। सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले में संज्ञान लीजिए और इन बिन्दुओं में जांच करिए…
1)जब पालकों द्वारा TC के लिए एप्लीकेशन किया गया तब स्कूल मैनेजमेंट के द्वारा पुलिस प्रशासन को सूचित क्यों नहीं किया गया, जो जांच का विषय हैं।
2)उक्त घटना मीडिया के द्वारा प्रकाश में आने के बाद हरकत में आकर स्कूल मैनेजमेंट द्वारा सभी बस स्कूल स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया। यह अचानक कराना और इसकी टाइमिंग भी जांच का विषय हैं।
3)पालकों के द्वारा स्कूल का घेराव किए जाने के बाद भी स्कूल मैनेजमेंट और दुर्ग पुलिस द्वारा कोई कड़ी कार्रवाई नहीं किया जाना और पीड़ित बालिका की क्लास जिस ब्लॉक में थी वहां के कुछ प्यून और अन्य स्टाफ को तत्काल वहां से हटा दिया गया जो संदिग्ध हैं।
4)पूरे प्रकरण में कार्रवाई के 02 महीने में भी पुलिस की कार्रवाई नजर नहीं आ रही है।
5)पुलिस प्रशासन की भूमिका के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने पर टेबल कुर्सी छीनकर ले जाना व FIR में भारी विलंब होना प्रकरण में संदेह पैदा करता है।
-न्याय की लगा रहे है गुजार
दुर्ग जिला ग्रामीण युवा कांग्रेस के अध्यक्ष जयंत देशमुख ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय चाहते है। हम सुप्रीम कोर्ट से प्रकरण में राजनीतिक हस्तक्षेप को हटाकर मामले की न्यायिक जांच और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का अनुरोध करते है।
-यह रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रभारी नरेन्द्र वर्मा, दुर्ग ग्रामीण युवा कांग्रेस के अध्यक्ष जयंत देशमुख, दीप सारस्वत, पृथ्वी चन्द्राकर, यशवंत देशमुख, दीपक निर्मलकर, दीपांकर साहू, आशुतोष सिंह, रामा लोकेंद्र वर्मा, दीपक जैन, पंकज सिंह, दीप चन्द्राकर, अनमोल चौबे, अजय वर्मा, आशीष वर्मा, हेमंत साहू सहित अन्य मौजूद रहे।
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