सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड: बोकारो-करगली में कारो कोल हैंडलिंग प्लांट व कोनार कोल हैंडलिंग प्लांट परियोजना का शिलान्यास

  • केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने सीसीएल की दो परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

सूचनाजी न्यूज, झारखंड। कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे (Minister of State for Coal and Mines Satish Chandra Dubey) ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड-सीसीएल (Central Coalfields Limited-CCL) के बोकारो एवं करगली क्षेत्र में कारो कोल हैंडलिंग प्लांट (Karo Coal Handling Plant) एवं कोनार कोल हैंडलिंग प्लांट (Konar Coal Handling Plant) परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इन दोनों संयंत्रों की क्षमता क्रमशः 7 मिलियन टन प्रतिवर्ष एवं 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष है।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL बोनस: BAKS बोकारो 19 अक्टूबर को BSL में करेगी हड़ताल

इस अवसर पर गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, बेरमो के विधायक कुमार जयमंगल (अनूप सिंह), कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन पीएम प्रसाद, सीसीएल के सीएमडी निलेन्दु कुमार सिंह, सीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी, श्रमिक संघ के प्रतिनिधि एवं अन्य हितधारक उपस्थित थे। श्री दुबे ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत कोनार प्लांट के शिलान्यास समारोह के अवसर पर पौधारोपण भी किया।

ये खबर भी पढ़ें: BIG NEWS: DPS Bhilai में बच्ची से गंदी हरकत का केस पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, मैनेजमेंट पुलिस, SP लपेटे में

कारो और कोनार कोल हैंडलिंग प्लांट (Karo and Konar Coal Handling Plant)) परियोजनाओं में फर्स्ट माइल रेल कनेक्टिविटी सुविधा, कोयला खदानों से उत्पादित कोयले को नजदीकी रेलवे सर्किट तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। रेलवे सर्किट से कोयला देशभर के थर्मल पावर प्लांट और अन्य उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। फिलहाल इन खदानों से कोयला, सड़क मार्ग से रेलवे साइडिंग तक लाया जाता है।

ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Pension: महाराष्ट्र, हरियाणा चुनाव से पहले पेंशन 7500 न होने पर लाखों पेंशनभोगी भाजपा के खिलाफ करेंगे मतदान

कोनार कोल हैंडलिंग प्लांट (Konar Coal Handling Plant): इस प्लांट में हॉपर, क्रशर, 10000 टन क्षमता का कोल स्टोरेज बंकर (Coal Storage Bunker) और 1.6 किलोमीटर लंबी कन्वेयर बेल्ट शामिल है। इस बेल्ट से 1000 टन स्टोरेज क्षमता के साइलो बंकर के जरिए कोयले को रेलवे वैगनों तक पहुंचाया जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL बायोमेट्रिक पर ALC Labour Court से बड़ी खबर, स्टैंडिंग ऑर्डर ने फंसाया पेंच

5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता की इस परियोजना की लागत 322 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के शुरू होने से वर्तमान में रेक लोडिंग का समय 5 घंटे से घटकर 1 घंटा रह जाएगा, जिससे कोयला डिस्पैच में तेजी आएगी और रेक की उपलब्धता बढ़ेगी।

ये खबर भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में खादी कपड़ा खरीदने पर 25% की बंपर छूट

कारो कोल हैंडलिंग प्लांट (Karo Coal Handling Plant): इस प्लांट में हॉपर, क्रशर, 15000 टन क्षमता का कोयला भंडारण बंकर और एक किलोमीटर लंबी कन्वेयर बेल्ट शामिल है। इस बेल्ट की मदद से 4000 टन भंडारण क्षमता के साइलो बंकर से कोयले को रेलवे वैगनों में भरा जाएगा। 7 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाली इस परियोजना की लागत 410 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के शुरू होने से वर्तमान रेक लोडिंग का समय 5 घंटे से घटकर 1 घंटा रह जाएगा जिससे कोयले के डिस्पैच में तेजी आएगी।

ये खबर भी पढ़ें: CG News: पुलिस की वर्दी पहनने का ख्वाब अब होगा पूरा, उम्र में 5 साल की छूट

मशीनीकृत प्रणालियां लागू होने सड़क मार्ग से कोयला ढोने की आवश्यकता के खत्म होगी और कोयले के डिस्पैच में गति और दक्षता आएगी तथा इस प्रकार डीजल की खपत को कम होगी। इस व्यवस्था से क्षेत्र में धूल और वाहन जनित प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।

ये खबर भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के इस जिले को पीएम मोदी ने दी बड़ी सौगात, जल संकट होगा दूर

ताज़ा ख़बरें

खबरें और भी हैं...

अतिरिक्त ख़बरें