2014 से पहले सेवानिवृत्त 70 लाख पेंशनभोगियों में से लगभग 90% की आयु 75 पार, कब बढ़ेगी पेंशन

Out of about 70 lakh pensioners who retired before 2014, about 90% have crossed the age of 75, when will the pension increase?
पेंशनर्स अपनी समस्याएं व्यक्त कर रहे हैं। सरकार और प्रधानमंत्री ईपीएस पेंशन के बारे में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं।
  • पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए था और इन वृद्धावस्था पेंशनभोगियों के प्रति कुछ सहानुभूति दिखानी चाहिए थी।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) आंदोलन से जुड़े पेंशनभोगियों का कहना है कि एनएसी और इसके नेता अशोक राउत ईपीएस पेंशन वृद्धि और न्यूनतम पेंशन तथा अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर बहुत मेहनत कर रहे हैं।

 ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 उच्च पेंशन पर मद्रास हाईकोर्ट का फैसला, पढ़िए डिटेल

इसके अलावा, बड़ी संख्या में पेंशनभोगी रोजाना सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से अपनी समस्याएं व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन हमारी सरकार और प्रधानमंत्री ईपीएस पेंशन के बारे में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में जीत के बाद शायद मोदी और उनकी पार्टी यह सोच रही है कि कोई भी अन्य पार्टी भाजपा को नहीं हरा सकती।

ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 हायर और न्यूनतम पेंशन पर EPFO का आया सीधा जवाब

लेकिन जनता जानती है कि भाजपा और उसके साथी कैसे चुनाव जीत रहे हैं। यह चाल हमेशा नहीं चल सकती। ईपीएस द्वारा रोजाना सोशल मीडिया के माध्यम से कई शिकायतों के बावजूद न तो सर्वोच्च न्यायालय और न ही सरकार ने ईपीएस पेंशनभोगियों को जवाब देने की जहमत उठाई है।

ये खबर भी पढ़ें: जीवन प्रमाण पत्र: भारत में 77 लाख को चाहिए पेंशन, दिया जीवित होने का प्रमाण, पढ़िए डिटेल

2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए लगभग 70 लाख या उससे अधिक पेंशनभोगियों में से लगभग 90% 75 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं और अब वे धरती पर अपने अंतिम कुछ दिन गिन रहे हैं। मोदी/ सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए था और इन वृद्धावस्था पेंशनभोगियों के प्रति कुछ सहानुभूति दिखानी चाहिए थी।

ये खबर भी पढ़ें: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम की ताज़ा खबर

पेंशनभोगी बोल रहे हैं कि मोदी हर दिन सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी की बात करते रहते हैं। लेकिन वे उन कर्मचारियों के बारे में कभी बात नहीं करते जो निजी कंपनियों से सेवानिवृत्त हुए हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पेंशन फंड में योगदान दिया है।

ये खबर भी पढ़ें: गोवा में जुटे ईपीएस 95 पेंशनभोगी, 9 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन, 10-12 को दिल्ली रामलीला मैदान में अनशन

पीएम की इस हरकत से हमें लगता है कि या तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की परवाह नहीं है या फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को लागू न करने की हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आए हुए 2 साल से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन ईपीएफओ (EPFO) या सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब केवल भगवान ही जानता है कि पेंशनभोगियों का क्या होगा।

ये खबर भी पढ़ें: असंगठित श्रमिक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से ई-श्रम पोर्टल पर करे रजिस्ट्रेशन, नौकरी के अवसरों की तलाश होगी पूरी