- ट्रायल के पश्चात अदलात ने शेष आरोपियों को दोषी ठहराया एवं उन्हें तदनुसार सजा सुनाई।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो कोर्ट (Central Bureau of Investigation) ने 24 साल पुराने मामले में 3 अधिवक्ताओं को सजा सुनाई है। जुर्माने के साथ सजा से हड़कंप मचा हुआ है।
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई मामले, लखनऊ की अदालत ने 15.09.2000 को कलेक्टर कार्यालय, इटावा (उत्तर प्रदेश) में सरकारी संपत्ति को नष्ट करने एवं अभद्र व्यवहार से सरकारी लोकसेवकों को चोट पहुंचाने से संबंधित एक मामले में तीन आरोपी अधिवक्ताओं सुनील टंडन, धर्मेंद्र मिश्रा एवं सुनील बाजपेयी को एक वर्ष की कारावास एवं कुल 7,500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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सीबीआई ने उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आपराधिक विविध (याचिका), में जारी आदेश 26.09.2000 के आधार पर सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन, इटावा (उ.प्र.) में अपराध क्रमांक 303/2000 के तहत दर्ज मामले की जांच को अपने हाथों में लेकर तत्काल मामला दर्ज किया।
जांच के बाद, सीबीआई (CBI) ने दिनाँक 28.06.2011 को आरोपी वीरेंद्र सिंह यादव, अवनीश चौहान, सुनील टंडन, सुनील बाजपेई एवं धर्मेंद्र मिश्रा के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 147, 323 के साथ पठित धारा 149 और 332 के तहत एवं वीरेंद्र सिंह यादव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 153 के तहत भी आरोप पत्र दायर किया।
विचारण के दौरान 2 आरोपियों अवनीश चौहान एवं वीरेंद्र यादव की मृत्यु हो गई और उनके विरुद्ध कार्यवाही रोक दी गई। विचारण के पश्चात अदलात ने शेष आरोपियों को दोषी ठहराया एवं उन्हें तदनुसार सजा सुनाई।