- सीटू ने कहा नहीं जोड़ा जाना चाहिए समझौता के साथ शर्तों को।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। नाइट शिफ्ट एलाउंस (Night Shift Allowance) के साथ बायोमेट्रिक (Bio- Metric) की शर्त पर कर्मचारियों का गुस्सा भड़का हुआ है। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने एक बार फिर सेल प्रबंधन (SAIL Management) और समझौते पर साइन करने वालों पर नाराजगी जाहिर की है।
सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि 9 वेतन समझौता सफलतापूर्वक संपन्न करने के बाद यह 10वां वेतन समझौता संयंत्र में कार्यरत कर्मियों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। यह 10वां वेतन समझौता शुरू से ही शर्तों की भेंट चढ़ता चला गया, जिसका नतीजा है कि आज 89 महीना बीत जाने के बाद भी वेतन समझौता पूर्ण नहीं हो सका है। जबकि इसी अवधि में कोल माइंस के अंदर पांच-पांच साल के दो वेतन समझौते पूर्ण हो चुके हैं।
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सीटू ने किया है-TA- DA लेने से इन्कार
सीटू नेता ने कहा इस बार नाइट अलाउंस बढ़ाने के लिए हुई बैठक में तो प्रबंधन ने हद ही कर दिया कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (Biometric Attendance System) से हाजिरी लगाने को रात्रि पाली भत्ता 180 मिलने की शर्तों को जोड़ दिया। कुछ यूनियनों ने इस शर्त के साथ तैयार किए गए समझौते पत्र पर हस्ताक्षर भी कर दिया।
सेल प्रबंधन (SAIL Management) द्वारा सीटू के नेता को टारगेट करते हुए कहा कि आप जब हस्ताक्षर नहीं करना चाहते हैं तो आते क्यों हैं? क्या आप सिर्फ टीए-डीए लेने आते हैं। तब सीटू के नेताओं ने कहा कि हम कर्मियों के हक के लिए फोरम में आते हैं। टीए-डीए के लिए नहीं। प्रबंधन ने जब टीए डीए का फार्म भरने के लिए दिया तो सीटू नेताओं ने वापस कर दिया।
एफोर्डेबिलिटी क्लाज़ एवं सस्टेनेबिलिटी क्लाज
समझौता को शुरू करने की इजाजत देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कैबिनेट अप्रूवल का हवाला देते हुए कहा था कि जिन सार्वजनिक उद्योगों का वेतन समझौता 1 जनवरी 2017 से बकाया है। वह अपना वेतन समझौता प्रारंभ कर सकते हैं। बशर्ते कि उन सार्वजनिक उद्योगों को एफोर्डेबिलिटी क्लाज़ एवं सस्टेनेबिलिटी क्लाज (Affordability Clause and Sustainability Clause) को ध्यान में रखकर यह समझौता करना होगा, जिसका मतलब स्पष्ट था कि 3 साल तक लाभ की स्थिति में रहने के बाद ही वेतन समझौता शुरू कर सकते हैं।
3 साल के लाभ के औसत का 20% तक ही वेतन समझौता में खर्च किया जा सकता है। वेतन समझौता लागू करने के बाद आगामी 3 साल तक लाभ की स्थिति में रहना होगा। अन्यथा बैकवर्ड रिवीजन अर्थात वेतन समझौता को पलटा दिया जाएगा।
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दो समझौते से नहीं बढ़ा रात्रि पाली भत्ता
सीटू के सहायक महासचिव टी. जोगा राव ने कहा-पिछले दो वेतन समझौता से रात्रि पाली भत्ते में कोई बढ़ोतरी नहीं हुआ है। 1 जनवरी 2017 से लागू होने वाले वेतन समझौता के 89 महीना बीत जाने के बाद 90 वे महीने में रात्रि पाली भत्ता में प्रति माह 1 के हिसाब से 90 महीना के बाद 90 बढ़ाया गया है। उस बढ़ोतरी को भी बायोमेट्रिक फेस रीडिंग शर्त के साथ जोड़ दिया गया है। प्रबंधन यह सब जानबूझकर करता प्रतीत हो रहा है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव कर्मियों के मनोबल पर पड़ रहा है एवं इसका प्रतिकूल असर उत्पादन पर भी पड़ता है।
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