बोकारो जनरल हॉस्पिटल की ओपीडी छोड़ अक्सर लापता रहते हैं धरती के भगवान, मरीज परेशान

Doctors often go missing from OPD of Bokaro General Hospital, patients are troubled
संयंत्र में घटता मैनपावर और कर्मचारियों पर बढ़ता काम का बोझ है। दूसरी ओर OPD में डॉक्टर समय पर नहीं बैठते।
  • बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ढिलाई से डाक्टर काट रहे मौज।
  • बीजीएच में मरीजों को काफी देर तक करना पड़ता है इंतजार।
  • कर्मचारी और अधिकारी कामकाज छोड़कर यहां बर्बाद कर रहे समय।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL – Bokaro Steel Plant) के कर्मचारी और अधिकारी अस्पताल की व्यवस्था से काफी दुखी हैं। मायूस हो रहे हैं। धरती के भगवान कहलाने वाले डाक्टर साहब समय से ड्यूटी नहीं पहुंच रहे हैं। घंटों दरवाजा बंद रहने से मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, कामकाज छोड़ कार्मिक अस्पताल की ओपीडी में बुदबुदा रहे हैं। एक फोटो 10.30 बजे की सामने आई है, जिसमें डाक्टर साहब के कमरे का दरवाजा बंद है।

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एक तरफ संयंत्र में घटता मैनपावर और कर्मचारियों पर बढ़ता काम का बोझ तो दूसरी ओर OPD के समय सारिणी अनुसार डॉक्टर नहीं आ रहे हैं। डाक्टरों के नदारद रहने से तनाव का माहौल बना हुआ है। चिकित्सा के क्षेत्र में जाने-माने नाम एक वरिष्ठ डॉक्टर की कार्य संस्कृति सवालों से घिर गई है। जिनकी प्रतिष्ठा चिकित्सा क्षेत्र में काफी है।

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परन्तु दुर्भाग्य उनसे चिकित्सीय परामर्श लेने वाले बीएसएल कर्मचारी और उनके आश्रितों का है कि उनके ओपीडी के बाहर बैठकर प्रतीक्षा करना पड़ रहा है। डॉक्टर साहब कब आएंगे, कोई पता किसी प्रतीक्षारत मरीज को नहीं है। न ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था ही की गई कि जिससे यह जानकारी मिल सके कि कोई डॉक्टर कितने देर में आएंगे। या आएंगे भी की, नहीं…।

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यह तस्वीर बोकारो जनरल हॉस्पिटल मैनेंजमेंट (Bokaro General Hospital Management) की विफल प्रबंधकीय कौशल को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है। आये दिन ओपीडी के समय में MR लोगों का आना एक साधारण प्रक्रिया है, जिससे कि चिकित्सीय परामर्श लेने में कर्मचारियों तथा उनके आश्रितों को कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ता है।

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पूछताछ केंद्र बनाया जाए

ओपीडी में इस प्रकार की घटना नहीं घटनी चाहिए। साथ ही इस समाचार के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन से मांग करते है कि एक पूछताछ केंद्र की स्थापना या कॉल सेंटर स्थापित किया जाए, जिससे ऐसी स्थिति में कर्मचारी तथा उनके आश्रितों को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध हो पाए।
हरिओम, अध्यक्ष- BAKS बोकारो

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