- इस्पात मंत्रालय बोकारो के पायलट प्रोजेक्ट को लेकर काफी सक्रिय है।
अज़मत अली, बोकारो। बोकारो स्टील प्लांट से एक ऐसी स्कीम लांच हुई है, जो सेल के सभी प्लांट पर लागू होनी तय है। इस्पात मंत्रालय सीधी नजर बनाए हुए है। मंत्रालय को प्रस्ताव इतना पसंद आया कि हर दिन इसको लेकर अपडेट है। 25 करोड़ से ज्यादा की सीधी कमाई सेल को होने जा रही है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) के पुराने नॉन-रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स (NRB) को लाइसेंस पर देने का फॉर्मूला भिलाई स्टील प्लांट, दुर्गापुर, इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट पर भी लागू हो सकता है। कुछ ऐसे ही संकेत दिए जा रहे हैं।
बंद हो चुके स्कूल, हॉस्पिटल और अन्य भवनों को लाइसेंस पर देकर राजस्व बढ़ाने पर काम शुरू हो चुका है। बोकारो में 8 सितंबर की रात 12 बजे तक आवेदन की आखिरी तारीख है। जो आवेदन करेंगे, उन्हीं के बीच नीलामी प्रक्रिया होगी।
25 बिल्डिंग तय की गई है, जो लाइसेंस पर दी जाएगी। बीएसएल प्रबंधन 33 माह का पैसा एक साथ लेगा। लाइसेंस की राशि के अलावा 11 माह की सिक्योरिटी मनी भी ली जाएगी।
कुल मिलाकर 25 करोड़ से ज्यादा का राजस्व बोकारो स्टील प्लांट को हासिल होने की उम्मीद है। इसी मुनाफ के सौदे को सेल के सभी प्लांट में लागू करने की तैयारी भी है। बोकारो का पायलट प्रोजेक्ट सफल हुआ तो बीएसपी, आरएसपी, आइएसपी, डीएसपी में भी यही योजना शुरू हो सकती है।
आवेदन करने वालों में इनके नाम भी
इंडियन इंस्टीट्यूट ड्रोन टेक्नोलॉजी कंपनी ने भी आवेदन किया है। बीएसएल के भवन को लीज पर लेकर यहां ड्रोन बनाने की तैयारी है।
इसी तरह झारखंड बोकारो के मुस्कान अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, डाक्टर जाकिर हुसैन एजुकेशनल सोसाइटी, कोलंबस स्कूल, फिसिक्स वाला (Physics Wallah), मारुति (Maruti), पटना के कोचिंग संस्थान समेत बोकारो के प्राइवेट स्कूल, कोचिंग सेंटर, व्यापारियों ने भी आवेदन किया है। शनिवार दोपहर तक करीब 400 आवेदन किए जा चुके थे।
100 एकड़ जमीन, 25 करोड़ से अधिक का रेवेन्यू
Bokaro Steel Plant की ईडी एचआर राजश्री बनर्जी, सीजीएम टीए कुंदन कुमार, TA-LRA विभाग के जनरल मैनेजर अशोक कुमार सिंह को प्रबंधन ने इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी है। 25 नॉन-रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स (NRB) की कुल जमीन करीब 100 एकड़ से अधि है। आधा दर्जन से ज्यादा बिल्डिंग 8-8 एकड़ में बनी हैं। 4-5 एकड़ से कम में कोई बिल्डिंग नहीं है। इस तरह जो भी लाइसेंस पर लेगा, उसको काफी फायदा होना तय है।