- छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय के पुत्र मनीष पांडेय का जन्मदिन होने जा रहा खास।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ के युवा नेताओं में मनीष पांडेय का नाम किसी तारीफ का मोहताज़ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के उभरते नेता मनीष पांडेय का 37वां बर्थडे मनाया जा रहा है। 12 सितंबर 1988 को जन्मे मनीष पांडेय युवाओं के बीच अच्छी पैठ बना चुके हैं।
खेल के जरिए मैदान में उतरे। धर्म की राह तय करते हुए सियासी बिसात पर माहिर हो चुके हैं। 14 साल से सेवा का मार्ग चुने हुए हैं। हर जन्मदिन को खास बनाते हैं। दिव्यांगों के बीच समय गुजारते हैं। इस बार सेक्टर 9 हॉस्पिटल के सामने भगवा ध्वज फहराकर बड़ा संदेश छोड़ेंगे। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा रायपुर के प्रभारी, रामजन्म उत्सव समिति युवा विंग अध्यक्ष और यंगिस्तान के चेयरपर्सन हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय के बेटे मनीष पांडेय की प्राथमिक शिक्षा भिलाई में हुई। शंकरा महाविद्यालय से बीकॉम किए और पुणे से एमबीए करने गए। साल 2013 में दादी का निधन हो गया। खबर मिलते ही फाइनल सेमेस्टर का एग्जाम छोड़कर भिलाई लौट आए। परिवार के गम में ऐसा खो गए कि पढ़ाई से दूरी होती गई।
पिता जी छत्तीसगढ़ की सियासत में एक धाकड़ नेता की पहचान बना चुके थे। घर का माहौल देखते हुए मनीष पांडेय ने युवाओं के बीच अपनी पहचान बनानी शुरू की। यंगिस्तान क्रिकेट टूर्नामेंट का आगाज 2013 से शुरू कराया। साल 2013-14 विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में भी उतर गए। पापा प्रेम प्रकाश पांडेय के चुनाव प्रचार अभियान का जिम्मा खुर्सीपार और छावनी में संभाला।
सेक्टर 9 स्थित आफिस में बैठने लगे। साथ में यंगिस्तान क्रिकेट लीग शुरू किया। छत्तीसगढ़ क्रिकेट लीग कराया। 8 देशों में लाइव प्रसारण हुआ था। जनता के बीच पैठ बनाने का सिलसिला थमा नहीं और 2018 में और सक्रिय हो गए।
राम जन्मोत्सव समिति को दिलाई नई पहचान
मनीष पांडेय क्रिकेट के साथ धर्म और आस्था की पिच पर भी जमकर खेलते रहे। राम जन्मोत्सव समिति को नई पहचान दिलाई। 1986 में खुर्सीपार से 1 ध्वज यात्रा निकलती थी। 2017 में राम जन्म समिति से 322 मंदिर जुड़ गए। देखते ही देखते 1000 हजार मंदिरों से ध्वज यात्रा निकाली जाती है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और सरकार से टकराते रहे
साल 2018 में मुक्ति पखवाडा शुरू हुआ। भिलाई नगर निगम के भ्रष्टाचार के खिलाफ 70 वार्ड से अभियान शुरू किया। वहीं, धर्मांतरण के खिलाफ 250 किलोमीटर की पदयात्रा की। कुम्हारी, जामुल, वैशालीनगर, दुर्ग-भिलाई शहर, टाउनशिप, हुडको, रिसाली, रुआबांधा, जोरातराई को कवर किया।
भिलाई टाउनशिप में दूषित जलापूर्ति के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई। मनीष पांडेय के संघर्षों की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ विधानसभा घेराव खास रहा है। सीजीपीएससी घोटाले के खिलाफ भयानक रूप अपनाया और पुलिस के नाक में दम कर दिया था। गुस्साई सरकार ने एफआइआर तक कराया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ भ्रष्टाचार की बारात निकाली थी।