- मरोदा सेक्टर का आवास मेंटेनेंस आफिस के कब्जे में है। एलाटी को आवास में अन्य पक्ष के निवासरत होने का थमाया नोटिस।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट के नगर सेवाएं विभाग भगवान भरोसे ही चल रहा है। कहने को यहां सीजीएम बैठते हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा चौपट व्यवस्था भी यहीं की है। डीआइसी-ईडी ध्यान नहीं दे रहे। सीजीएम को भी लंबे समय से डटे अधिकारी ऐसा खेला रहे हैं कि प्लांट की छवि धूमिल होती जा रही है।
नगर सेवा विभाग को नरक सेवा विभाग मानते हुए अब कर्मचारी यूनियन ने आइआर विभाग के माध्यम से उच्च प्रबंधन तक बात रखनी शुरू कर दी है। ताज़ा मामला हैरान करने वाला है।
मरोदा सेक्टर का आवास मेंटेनेंस आफिस के कब्जे में है। लेकिन एलाटी को आवास में अन्य पक्ष के निवासरत होने सम्बंधित नोटिस थमा दिया गया है। इसीलिए कहा जा रहा है कि टाउनशिप में महारथी की कमी नहीं है। यूनियन इतनी भड़की हुई है कि ऐसा लगता है-अगर, कारपोरेट आफिस से उसे स्पेशल पॉवर मिला होता तो शायद किसी न किसी पर गाज गिर चुकी होती। अब यूनियन ने मोर्चा खोलते हुए कहा-कई और खुलासे होने वाले हैं।


किंतु उनके टेक्निकल एडवाइजर ने कहा कि एजेंडा भेजिए, जैसे ही सीटू के महासचिव ने एजेंडा बताया तो वे कहने लगे कि जिनके साथ यह घटना हुई है उनकी लिस्ट भेजिए। सीटू को समझ में आ गया कि नगर प्रशासन सेवाएं विभाग बैठक करने से कतरा रहा है। इसीलिए औद्योगिक संबंध विभाग के माध्यम से पत्र भेज दिया गया।
आवास आवंटन के बाद वेलकम में लगते हैं डेढ़ से दो साल
भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा टाउनशिप में आनलाइन आवास एलाटमेंट करने के बाद उक्त आवास में आवश्यक मेंटेनेंस जैसे बिजली वायरिंग, खिड़की दरवाजे मरम्मत, सिविल कार्य, टारफेल्टिंग, रंगाई पुताई इत्यादि को सम्बंधित मेंटेनेंस आफिस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से वेलकम कार्य के माध्यम से पूर्ण होने के पश्चात एलाटी को सुपुर्द किया जाता है। इस काम को पूरा करने के लिए नगर प्रशासन सेवाएं विभाग को डेढ़ साल से दो साल लग जा रहा है। यह स्थिति ठीक नहीं है।
आवास सुपुर्द करने का बहाना करके काटा जा रहा है पैनल रेंट
आवास का वेलकम के तहत मेंटेनेंस कार्य पूर्ण हो जाने के बाद सुपुर्द करते समय आवश्यक दस्तावेज में कर्मचारी से हस्ताक्षर लिए जाते हैं। किंतु यह बात संज्ञान में आ रही है कि मेंटेनेंस के दौरान ही कर्मचारी से कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर ले लिया जाते हैं। सीटू को आशंका है कि कही इन दस्तावेजों को आवास सुपुर्द करने का दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है। इसे आधार बनाकर पैनल रेंट काटा जा रहा है।
अन्य पक्ष निवासरत होने की बात कह कर भी काटा जा रहा है पैनल रेंट
सीटू नेताओं ने कहा-47/D रूआबांधा सेक्टर का आवास प्रदीप धिरहे के नाम से आवंटित है। वह सन 2020 से उक्त आवास में निवासरत हैं। उन्होंने 113/A रूआबांधा सेक्टर को आवंटित करवाकर उसे वेलकम के माध्यम से मेंटेनेंस करवाने के लिए मेंटेनेंस ऑफिस के सुपुर्द किया। 9 महीना के बाद अचानक आवास का पैनल रेंट काटना शुरू हो गया, जिसकी शिकायत करने पर कहा गया कि “आप नए घर में शिफ्ट हो गए हो ऐसा रिकॉर्ड में दर्ज है एवं पुराने आवास में अन्य पक्ष निवास कर रहा है।
इसीलिए पुराने आवास का पैनल रेंट काटा जा रहा है” किंतु वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। गलत तरीके से पैनल रेंट काटने की शिकायत करने के बावजूद भी अभी तक पैनल रेंट काटना जारी है। उन्हें उनके एच आर विभाग के माध्यम से नोटिस दिया गया है कि 47/D में अन्य पक्ष निवासरत हैं। इसी को आधार बनाकर पैनल रेंट काटा जा रहा है।
आवास मेंटेनेंस कार्यालय के सुपुर्द है, फिर भी काटा जा रहा है उस आवास का पैनल रेंट
सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा-आवास क्रमांक 6/A, F पाकेट, मरोदा सेक्टर श्यामलाल भार्गव के नाम से आवंटित है। उक्त आवास दो साल से सिविल कार्य, टारफेल्टिंग, बिजली कार्य से संबंधित वेलकम स्कीम के अंतर्गत मेंटेनेंस ऑफिस के पास जमा है, जिसकी चाबी मरोदा सेक्टर मेंटेनेंस आफिस में ही है।
अभी एलाटी को सुपुर्द भी नहीं किया गया है। मेंटेनेंस कार्यालय यह लिखकर भी दे चुका है कि उक्त आवास उन्हीं के अधीन है। अर्थात वेलकम के पश्चात एलाटी को आवास सुपुर्द नहीं करने संबंधित पर्याप्त सबूत होने के बावजूद एलाटी को उक्त आवास में अन्य पक्ष निवासरत होने का नोटिस दिया गया है और इसे आधार बनाकर पैनल रेंट काटा जा रहा है।
नगर सेवाएं विभाग अपनी कमजोरी छुपाने के लिए कर रहा है यह सब कवायद
सीटू नेताओं ने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि नगर प्रशासन सेवाएं विभाग अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाने के कारणों को छुपा कर और जिम्मेदार अधिकारियों-ठेकेदारों को बचाने के लिए एलाटी कर्मचारियों के ऊपर दोषारोपण करते हुए जबरिया पैनल रेंट काटना शुरू कर रहा है। यह किसी भी स्तर पर उचित नहीं है।
मेंटेनेंस कार्य पूर्ण करने का नहीं है कोई निर्धारित समय सीमा
नगर प्रशासन सेवाएं विभाग मेंटेनेंस कार्य पूर्ण करने में डेढ़ से 2 साल तक लगा देता है तथा कितनी समय सीमा में मेंटेनेंस कार्य पूर्ण किया जाएगा इस संबंध कोई सर्कुलर तक जारी नहीं किया है। और कर्मियों से जबरिया पैनल रेंट काट कर राजस्व उगाही किया जा रहा है।
व्यवस्था दुरुस्त करने सीटू ने किया निम्न मांग
1. प्रबंधन इस तरह जबरिया पैनल रेंट काटना तत्काल बंद करे एवं गलत तरीके से काटे गए पैनल रेंट को वापस किया जाए।
2. आवास आवंटन के बाद आवश्यक मेंटेनेंस कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित कर उसका सर्कुलर जारी किया जाए।
3. डेढ़ से दो साल में मेंटेनेंस कार्य पूर्ण नहीं किए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों/ठेकेदारों के खिलाफ जांच कर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
4. कर्मियों को आवंटित मल्टीपल आवास में अन्य पक्ष को दिए जाने के झूठे आरोप लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाए एवं कर्मियों के पर्सनल फाइल से उपरोक्त संदर्भित गलत दस्तावेज को हटाया जाए।