- वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाओं/लाभों नकद आदि पर तैयार होगी रिपोर्ट।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारत सरकार ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बिहार में 6 नवंबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा। इससे पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को बनाया गया है। सदस्य (अंशकालिक) प्रो. पुलक घोष, सदस्य-सचिव पंकज जैन को जिम्मेदारी दी गई है।
आयोग, अपने गठन की तारीख से 18 माह की समयावधि के अंदर अपनी सिफारिशें देगा। आयोग, सिफारिशों को अंतिम रूप दिए जाने के पश्चात्, किसी भी मामले पर, आवश्यकता पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट भेजने पर विचार कर सकता है।
आयोग के विचारार्थ ये विषय होंगे
कर्मचारियों की निम्नलिखित श्रेणियों के संबंध में विभिन्न विभागों, एजेंसियों एवं सेवाओं की युक्तिसंगतता, समकालीन कार्यात्मक आवश्यकताओं और विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाओं/लाभों नकद अथवा वस्तु के रूप में सहित परिलब्धियों की जांच करना तथा वांछनीय और व्यवहार्य परिवर्तनों की सिफारिश करना है।
(i) केन्द्र सरकार के कर्मचारी-औद्योगिक एवं गैर-औद्योगिक
(ii) अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित कार्मिक
(iii) रक्षा बलों से संबंधित कार्मिक
(iv) संघ राज्य क्षेत्रों के कार्मिक
(v) भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी
(vi) संसद के अधिनियमों के तहत गठित नियामक निकायों(आरबीआई को छोड़कर) के सदस्य
(vii) उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी
(viii) उच्च न्यायालयों के अधिकारी और कर्मचारी जिनपर होने वाला व्यय संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा वहन
किया जाता है, और
(ix) संघ राज्य क्षेत्रों में अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारी।
न्यायिक अधिकारियों के संबंध में ये होगा
बता दें कि न्यायिक अधिकारियों के संबंध में, आयोग अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ और अन्य बनाम केन्द्र सरकार और अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 24 अगस्त, 1993 के अपने दिए गए निर्णय में प्रतिपादित सिद्धांत का अनुपालन करेगा, अर्थात् न्यायाधीशों एवं प्रशासनिक कार्यपालिका की सेवा शर्तों के बीच कोई संबंध नहीं होगा और कि न्यायाधीश की सेवा शर्तों को न्यायपालिका की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
जानिए क्या-क्या खास प्वाइंट होगा
• सरकारी सेवा में प्रतिभाओं को आकर्षित करने, कार्य प्रणाली में दक्षता, जवाबदेही और उत्तरदायित्व को बढ़ावा
• देने के लिए अनुकूल परिलब्धि संरचना तैयार करना।
• निष्पादन और उत्पादकता में सुधार करने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए बोनस की वर्तमान योजनाओं की जांच करना तथा उत्पादकता और निष्पादन में उत्कृष्टता को पुरस्कृत करने के लिए सामान्य सिद्धांतों, वित्तीय मापदंडों, उत्पादकता और निष्पादन संबंधी मापदंडों पर सिफारिशें करना।
• मौजूदा भत्तों और उनकी स्वीकार्यता की शर्तों की समीक्षा करना तथा भत्तों की बहुलता को ध्यान में रखते हुए उनके युक्तिकरण की सिफारिश करना।
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पेंशन को लेकर इस पर सिफारिश होगी
1. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एकीकृत पेंशन योजना सहित) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की मृत्यु-सह- सेवानिवृत्ति ग्रेच्यूटी की समीक्षा और उस पर सिफारिशें करना।
2. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एकीकृत पेंशन योजना सहित) के अंतर्गत न आने वाले कर्मचारियों कीमृत्यु-सह- सेवानिवृत्ति ग्रेच्यूटी और पेंशन की समीक्षा करना
तमाम सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए ये भी पक्ष आएगा
• देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय विवेक की आवश्यकता
• यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता कि विकासात्मक व्यय एवं कल्याणकारी उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें।
• गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की गैर-वित्तपोषित लागत
• उन राज्य सरकारों जो साधारणतः कुछ संशोधनों के साथ इन सिफारिशों को अंगीकार करते हैं, की वित्त व्यवस्था पर इन सिफारिशों के संभावित प्रभाव।
• केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध प्रचलित परिलब्धि संरचना, लाभ और कार्य परिस्थितियां।
• आयोग अपनी कार्यप्रणाली स्वयं विकसित करेगा और ऐसे सलाहकारों, संस्थागत परामर्शदाताओं और विशेषज्ञों को
• नियुक्त कर सकता है, जिन्हें यह आयोग किसी प्रयोजन विशेष के लिए आवश्यक समझे। यह आयोग ऐसी सूचना और ऐसे साक्ष्य ले सकता है जिन्हें यह आवश्यक समझे। भारत सरकार के मंत्रालय और विभाग आयोग द्वारा मांगी जाने वाली कोई सूचना और दस्तावेज तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराएंगे। भारत सरकार का यह विश्वास है कि राज्य सरकारें, सेवा संघ तथा अन्य संबंधित पक्ष, आयोग को अपना संपूर्ण सहयोग और सहायता प्रदान करेंगे।












