सेक्टर 9 हॉस्पिटल को बचाने की मुहिम से जुड़ा इंटक, कहा-शिक्षा विभाग भी खतरे में, विरोध शुरू

INTUC Joins the Campaign to Save Sector 9 Hospital Says Education Department is Also in Danger Preparing for Protest
  • एनजेसीएस सदस्य वंश बहादुर सिंह ने कहा-सेक्टर 9 हॉस्पिटल के निजीकरण का इंटक करेगा कड़ा विरोध।
  • हॉस्पिटल के मेडिकल स्टाफ की नौकरी भी खतरे में आ सकती है। इंटक भिलाई से कॉरपोरेट ऑफिस तक इसका विरोध करेगा।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी के सेक्टर 9 हॉस्पिटल को निजी हाथों में देने की शुरुआती प्रक्रिया की रिपोर्ट पर हंगामा मच गया है। सूचनाजी.कॉम में खबर प्रसारित होते ही अब स्टील इंप्लाइज यूनियन इंटक ने भी विरोध का स्वर उठा दिया है।

कार्यकारिणी की आपात बैठक हुई, जिसमें सेक्टर 9 और सेक्टर 1 हॉस्पिटल के अधिकांश विभागों को निजी हाथों में दिए जाने की खबरों पर आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रबंधन द्वारा यूनियन से चर्चा किए बिना सेक्टर 9 हॉस्पिटल की व्यवस्था में कोई भी परिवर्तन किया गया तो इसका इंटक यूनियन कड़ा विरोध करेगा।

बैठक में इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिल रही है कि भिलाई प्रबंधन सेक्टर 9 हॉस्पिटल की लगभग 90% व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने जा रहा है। यूनियन को यह भी पता चला है कि इसमें मंत्रालय की तरफ से भिलाई प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है।

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भिलाई इस्पात संयंत्र अत्यंत हेजॉर्डस प्लांट है, इसी को ध्यान में रखते हुए यहां पर हॉस्पिटल सुविधा शुरू किया गया। भिलाई इस्पात सन्यत्र के कर्मचारी पिघलते लोहे, जहरीली एवं ज्वलनशील गैसों के बीच कार्य करते हैं, जिससे यहां लगातार दुर्घटनाएं होती हैं। साथ ही धूल, धुआ एवं जहरीली गैसों के बीच लगातार कार्य करने से कर्मचारियों को विभिन्न बीमारियां भी होते रहती है।

हड़ताल के समय ही इस्पात संयंत्र संवेदनशील प्लांट होता है

इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि जब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते हैं। तब प्रबंधन इसे अति संवेदनशील एवं राष्ट्र निर्माण के लिए अति महत्वपूर्ण प्लांट बताता है। लेकिन यहां के कर्मचारियों की मेडिकल सुविधा को बंद करते समय उसे इसकी महत्ता समझ में नहीं आती है।

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शिक्षा विभाग भी निजी हाथों में जा सकता है

इंटक यूनियन को सूत्रों से यह भी पता चल रहा है कि मेडिकल विभाग के बाद शिक्षा विभाग को भी निजी हाथों में सौंपने के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है। यूनियन इस पर भी शीर्ष प्रबंध से चर्चा करेगा।

इंटक करेगा कड़ा विरोध

यूनियन महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को लगातार मिलने वाली किसी भी सुविधा में यदि प्रबंधन परिवर्तन करता है तो उसे यूनियनों की सहमति लेना अनिवार्य है। संयंत्र प्रबंधन के इस निर्णय से सेक्टर 9 हॉस्पिटल में कार्य करने वाले मेडिकल स्टाफ की नौकरी भी खतरे में आज आएगी। इंटक यूनियन भिलाई से लेकर कॉरपोरेट ऑफिस तक इसका विरोध करेगा।

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इंटक के कार्यकारिणी सदस्यों का जमावड़ा

बैठक में यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा, महासचिव वंश बहादुर सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस रवि, उपाध्यक्ष अजय कुमार मार्टिन, अतिरिक्त महासचिव शेखर कुमार शर्मा, उप महासचिव शिव शंकर सिंह, धनेश प्रसाद, रमाशंकर सिंह, सहायक कोषाध्यक्ष जीआर सुमन, उमापति मिश्रा, वरिष्ठ सचिव रेशम राठौर, राजकुमार, ज्ञानेंद्र पांडेय, के रमन मूर्ति, सचिव डी शंकर, ताम्रध्वज सिंहा, गणेश सोनी, विजय विश्वकर्मा, राजकुमार नायर, रामजीत सिन्हा, अजीत मोहन सोनी, एसपी, गोविंद राठौड़ सिंह, मलय बनर्जी, डीपी साहू, अरविंद प्रताप सिंह, सरोज राठौर, बिन्नी पॉल, सुनील सहारिया, चंद्र नायक, अजय शाह, अनिल पार्क, चेतन खोबरागड़े आदि उपस्थित थे।

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