BSP में लगातार हादसे-मौत से यूनियन की आई याद, नेताओं ने ED Works को दिखाया आईना

ED Works Meeting with Union Leaders After Accident and Death in BSP
  • करीब सवा 2 घंटे तक चर्चा चली, जिसमें से करीब डेढ़ घंटे तक ईडी वर्क्स ही बोलते रहे।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट में लगातार हो रहे हादसे और मौत से प्रबंधन तनाव में आ गया है। पिछले दिनों कोक ओवन में गैलरी गिरने के बाद ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने यूनियन नेताओं के साथ मीटिंग की थी। अब मौत के बाद बुधवार को संयुक्त यूनियन के नेताओं के साथ मीटिंग की।

करीब सवा 2 घंटे तक चर्चा चली, जिसमें से करीब डेढ़ घंटे तक ईडी वर्क्स ही बोलते रहे। ईडी वर्क्स ने यूनियन नेताओं से शिकायत करते हुए कहा-आप लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोई खबर मुझे नहीं दे रहे हैं। हादसे बढ़ते जा रहे हैं। इस पर यूनियन नेताओं ने कहा-सर, सभी यूनियिनों की ओर से लगातार पत्र दिए जाते हैं।

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सुझाव दिए रहे। मामले उठाए जा रहे। सीजीएम स्तर पर कोई मीटिंग न करना, बात पर ध्यान न देना, सुझाव को नजर अंदाज करना, ठेका मजदूरों का पूरा पेमेंट न दिलाना, गड्ढायुक्त सड़क की मरम्मत न कराने से यूनियनों का गुस्सा भी बढ़ा हुआ है। उच्च प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। हादसे और मौत के बाद यूनियन नेताओं से सहयोग मांगा जाता है। बीएसपी के सीजीएम के खिलाफ सभी यूनियन नेताओं ने खुलकर आरोप लगाए। ईडी वर्क्स सुनते रहे और अपनी बात सुनाते रहे।

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संयंत्र भवन में बुधवार सुबह 11 बजे से करीब डेढ़ बजे तक मीटिंग हुई। इंटक से वंश बहादुर सिंह, एस रवि, बीएमएस से प्रदीप पाल, दिल्ली राव, सीटू से विजय जांगडे, टी. जोगाराव, एटक से विनोद कुमार सोनी, विनय मिश्र, एचएमएस से हरिराम यादव, विनोद वासनिक, एक्टू से बृजेंद्र तिवारी, जेएल कुर्रे, लोइमू से अभिषेस यादव, विनोद बिहारी सिंह, स्टील वर्कर्स यूनियन से टंडन दास, पुरुषोत्तम यादव शामिल हुए थे।

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कुल मिलाकर यूनियन नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा-हमारी सुनिए। हम बताएंगे। सिस्टम को मजबूत कीजिए। कर्मचारियों के हित में सुझाव दिए जाते हैं। नजर अंदाज करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगवाइए। प्रबंधन की साइड से खामी है। सुझाव देने पर कोई सुनता नहीं है। अनस्किल्ड लेबर है, असुरक्षित काम कराया जाता है। इंश्योरेंस, पूरा पेमेंट, वसूली सब मुद्दा उठाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

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जानिए मीटिंग की बातचीत के खास प्वाइंट

• बोरिया गेट के पास भारी वाहनों को हटवाने की मांग की गई। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

• ट्रक वालों की गुंडई चल रही है। मेन गेट की गैलरी पूरी खुलवाइए। 2 गैलरी पर सीआइएसएफ का कब्जा है।

• ब्लास्ट फर्नेस से लेकर प्लांट के अंदर ज्यादा खराब सड़क है।

• सीजीएम मीटिंग तक नहीं करते हैं, क्या मतलब इस तरह सहयोग मांगने से।

• गेट खोलने और बंद करने के टाइमिंग पर सवाल उठाया गया है।

• ठेका मजदूरों का पूरा पेमेंट नहीं करा पाते हैं। सीजीएम मजदूर को डराते हें, गेट पास छीनने की बात कही जाती है।

• सीजीएम मीटिंग करें और कार्रवाई करें।

• बरसात खत्म हो चुकी है। सड़क तक नहीं बनाई जा रही है।

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