अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 के हॉयर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) फॉर्मूले को पर संशय के बादल छंट गए हैं। भविष्य निधि आयुक्त नई दिल्ली ने परिपत्र जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से सारी पॉलिसी को बताया गया है। कर्मचारी और अधिकारी इस आधार पर अपनी गणना कर सकते हैं। कार्मिकों को इससे काफी राहत मिलेगी।
लंबी प्रतीक्षा के बाद उच्च पेंशन की गणना के फार्मूले पर संशय के बादल छंट गए हैं। ईपीएफओ (EPFO) ने 1 जून को सर्कुलर जारी किया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त नई दिल्ली ने सभी अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, जोनल कार्यालयों और क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को निर्देश दिया है कि पेंशन के गणना की विधि, वर्तमान में ईपीएस 95 के प्रावधानों के अनुसार होगा।
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राष्ट्रीय संघर्ष समिति फॉर ईपीएस 95 पेंशनर्स छत्तीसगढ़ राज्य अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी ने बताया कि योग्य पाए गए उन मामलों में जहां पेंशन 1 सितंबर 14 के पूर्व प्रारंभ हो गया था, वहां रिटायरमेंट के अंतिम 12 महीनों का औसत पेंशन फार्मूले में पेंशनेबल सैलरी के रूप में लिया जाएगा।
इसी तरह, उन योग्य मामलों में जहां पेंशन की शुरुवात 1 सितंबर 2014 के बाद हुई है। वहां रिटायरमेंट के पूर्व के अंतिम 60 महीनों के वेतन का औसत लिया जाएगा। इस तरह पेंशन की गणना के तरीके पर समस्त जिज्ञासाओं का उत्तर मिल गया है।
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बता दें कि ईपीएफओ पोर्टल पर 26 जून तक ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरने की समय सीमा निर्धारित की गई है। पूर्व में तारीख बढ़ाई जा चुकी है। ऑनलाइन आवेदन करने वालों को राहत दी गई कि अगर किसी ने गलत फॉर्म भर दिया है तो उसमें सुधार कर सकते हैं। कोई चाहता है कि उसे आवेदन डिलीट करना है तो वह भी ऑप्शन दिया गया है। फिलहाल, कार्मिक आवेदन भरने की प्रक्रिया में जुटे हैं। विभागीय अधिकारियों के संपर्क में भी हैं ताकि कोई त्रुटि न होने पाए।