- भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता ने बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि किसी समाज की प्रगति उसकी महिलाओं की प्रगति से मापी जा सकती है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई महिला समाज ने 4 अगस्त को अपना 66वां स्थापना दिवस उत्साह एवं उल्लासपूर्वक मनाया। यह समारोह सेक्टर-1 स्थित नेहरू सांस्कृतिक सदन, भिलाई में आयोजित किया गया। समारोह में पद्मश्री सम्मानित पंडवानी गायिका उषा बारले मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
समारोह में अतिथियों के आगमन पर बैज लगाकर एवं पुष्प गुच्छ से उनका स्वागत किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्रीमती उषा बारले तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता तथा उपस्थित अन्य अतिथियों द्वारा श्री गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
छत्तीसगढ़ी में बोलीं पद्मश्री उषा बारले
समारोह की मुख्य अतिथि पद्मश्री सम्मानित डॉ उषा बारले ने भिलाई महिला समाज को 66वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। छत्तीसगढ़ी भाषण में कहा कि ‘नारी निंदा ना करो, नारी नर की खान, नारी से नर होत हैं, ध्रुव प्रहलाद समान’ अपने इन्हीं शब्दों के साथ उन्होंने नारी शक्ति और महिलाओं की प्रतिभाओं के प्रदर्शन का सार प्रकट किया। उन्होंने इस आयोजन के लिए भिलाई महिला समाज के कार्यकर्ताओं की सराहना की और महिला सशक्तिकरण के इस प्रयास के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। डॉ बारले ने भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना से लेकर अब तक की प्रसिद्धि का वर्णन, स्वयं की बनाई हुई छत्तीसगढ़ी कविता “बने हे कारखाना हो…” के माध्यम से किया। अपने इस गीत के साथ ही उन्होंने पंडवानी की कुछ पंक्तियों से मंचस्थ अतिथियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता बोलीं…
भिलाई महिला समाज के 66वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता ने बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि किसी समाज की प्रगति उसकी महिलाओं की प्रगति से मापी जा सकती है।
यही कारण है कि यह सुनिश्चित किया जायें कि समाज में महिलाओं को वह सम्मान और अधिकार मिले जिनकी वे हकदार हैं। इस दिशा में प्रयास और चिंतन जरूरी है। इस बदलाव के लिए हमें अपने परिवार, बच्चों, परिवेश और समाज को शिक्षित और जागरूक करें। इसमें थोड़ा धैर्य और परिश्रम की जरूरत है।
भिलाई महिला समाज, महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके उत्थान के लिए बनाया गया एक संगठन मात्र नहीं है बल्कि अनगिनत महिलाओं के लिए आशा की किरण और प्रेरणा का स्त्रोत है।
महिलाओं ने उन्नति के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ, इस संगठन ने अनेक जीवन और परिवारों को सहारा दिया है। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी अति महत्वपूर्ण है जिससे वे बिना हिचक के अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें।
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महासचिव साधना गोयल ने किया धन्यवाद
भिलाई महिला समाज की महासचिव साधना गोयल ने अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि और उपस्थित जनों का धन्यवाद करते हुए कहा आप सबकी भागीदारी से ही यह आयोजन सफल हुआ है। उन्होंने विगत वर्षों में भिलाई महिला समाज ने क्रमशः उत्तरोतर प्रगति और उत्कृष्ट कार्यों का वर्णन किया।
समाज की ये सदस्य और खदान की नारी भी बनीं गवाह
समारोह में भिलाई महिला समाज की उपाध्यक्ष नीरजा कुमारी सिंह, अतिरिक्त उपाध्यक्ष प्रणोती मुखोपाध्याय, अतिरिक्त उपाध्यक्ष मोली चक्रवर्ती, अतिरिक्त उपाध्यक्ष मीरा पंडा, अतिरिक्त उपाध्यक्ष नुपुर स्वरुप, अतिरिक्त उपाध्यक्ष स्मिता गिरी, महासचिव साधना गोयल, सहसचिव सोनाली रथ, कोषाध्यक्ष शिखा जैन, सह-कोषाध्यक्ष दीपन्विता पाल एवं भिलाई महिला समाज की विभिन्न उत्पादक इकाइयों की प्रभारी एवं सदस्यगण उपस्थित थीं। इस अवसर पर दल्ली राजहरा खदान समूह की महिला संगठन ने भी भाग लिया।
श्रेष्ठ क्लब का खिताब सेक्टर-10 क्लब को मिला
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इस दौरान समारोह में भिलाई महिला समाज द्वारा संचालित 10 क्लबों और 6 इकाइयों को प्रोत्साहित किया एवं श्रेष्ठ क्लब का खिताब सेक्टर-10 क्लब को मिला, जिसे नलिनी श्रीवास्तव ट्रॉफी से पुरस्कृत किया गया।
समारोह के आकर्षण का केन्द्र भिलाई महिला समाज के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत साँस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Program) रहे। जिसमें विभिन्न क्लबों के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें बिहू नृत्य, नारी सशक्तिकरण पर नृत्य नाटिका, सावन पर नृत्य नाटिका, बंगाली लोकनृत्य, छत्तीसगढ़ी नृत्य आदि की प्रस्तुति दी गयी। मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। उपाध्यक्ष नीरजा कुमारी ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया और आभार व्यक्त किया|
4 अगस्त 1957 को भिलाई महिला समाज की हुई थी स्थापना
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा भिलाई महिला समाज की उपलब्धियों पर आधारित ब्रोशर (Brochure) का विमोचन भी किया गया। जिसमें भिलाई महिला समाज के इतिहास से लेकर वर्तमान कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया।
विदित हो कि 4 अगस्त, 1957 को भिलाई महिला समाज की स्थापना मात्र 50 समर्पित सदस्यों के साथ किया गया था। आज प्रगति के नए सोपान तय करते हुए 800 से भी अधिक सक्रिय व समर्पित सदस्य की एक प्रतिष्ठित संस्था बन गई है।
इस अवसर पर भिलाई महिला समाज की संस्थापिका स्व. श्रीमती नलिनी श्रीवास्तव को समर्पित एक विनम्र श्रद्धांजली के रूप में, भिलाई महिला समाज की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा का एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाया गया। समारोह का संचालन अर्चना साहू एवं सीमा चंद्राकर ने किया, महासचिव साधना गोयल ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष शिखा जैन ने किया।