-निर्धारित गाइड लाइन का पालन व तय राशि जमा करने पर होगी बहाली।
सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। नर्सिंग होम एक्ट की टीम के द्वारा सुपेला नर्सिंग होम इंदिरा नगर कोहका रोड सुपेला भिलाई का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल संस्थान को नर्सिंग होम एक्ट के तहत प्रदत्त लाइसेंस में 08 बिस्तर संचालन करने की अनुमति प्राप्त है। परन्तु नर्सिंग होम एक्ट द्वारा प्रदत्त लायसेंस की अवधि समाप्त होने के उपरांत भी बिना लायसेंस नवीनीकरण के संस्था का संचालन करते हुए पाया गया, जो कि नर्सिंग होम एक्ट नियम 2010 एवं 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित अधिनियम अथवा इसके अधीन बनाये गये किन्हीं नियमों के अधीन जो कोई भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाये गये प्रावधान का उल्लंघन करता है तो 20 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डनीय होगा।
इधर-लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी सिन्हा हॉस्पिटल का हो रहा था संचालन, लगा जुर्माना
दुर्ग। नर्सिंग होम एक्ट की टीम के द्वारा सिन्हा हास्पिटल सुपेला चौक भिलाई का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल संस्थान को नर्सिंग होम एक्ट के तहत प्रदत्त लायसेंस वैधता दिनांक 17 मई 2019, 10 बिस्तर संचालन करने की अनुमति प्राप्त है। परन्तु नर्सिंग होम एक्ट द्वारा प्रदत्त लायसेंस की अवधि समाप्त होने के उपरांत भी बिना लायसेंस नवीनीकरण के संस्था का संचालन करते हुए पाया गया। जो कि नर्सिंग होम एक्ट नियम 2010 एवं 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित अधिनियम अथवा इसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों के अधीन जो कोई भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाये गये प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो 20 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डनीय होगा।
20 बिस्तर की अनुमति पर महिमा हॉस्पिटल कर रहा था 57 बिस्तर का संचालन
नर्सिंग होम एक्ट की टीम के द्वारा महिमा हास्पिटल कादम्बरी नगर भिलाई का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल संस्थान को नर्सिंग होम एक्ट के तहत प्रदत्त लायसेंस वैधता दिनांक 19 अप्रैल 2018 से 18 अप्रैल 2023, 20 बिस्तर संचालन करने की अनुमति प्राप्त है। परन्तु संस्था का संचालन बिना किसी पूर्व अनुमति के 57 बिस्तर संचालन करते हुए पाया गया। जो कि नर्सिंग होम एक्ट नियम 2010 एवं 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित बनाये गये किन्हीं नियमों के अधीन जो कोई भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाये गये प्रावधान का उल्लंघन करता है,तो 20 हजार रूपए के जुर्माने से दण्डनीय होगा।