बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी अबू नसर को ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन का कोषाध्यक्ष चुना गया है।
सूचनाजी न्यूज, किरीबुरू। ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन का सातवां सम्मेलन किरीबुरू माइंस में हुआ। 51 सदस्य कार्यकारिणी चुनी गई, जिसमें रमेंद्र कुमार-अध्यक्ष, विद्यासागर गिरी, के एस राव, बीएन सिंह, राजेंद्र बेहरा, रमेश सेठी, नवीन मुखर्जी, तरुण दास, कमलजीत मान को उपाध्यक्ष बनाया गया। जबकि डी आदिनारायणा महामंत्री तथा रामाश्रय प्रताप सिंह अवर महामंत्री चुने गए। उत्पल कुमार सिन्हा, विनोद कुमार सोनी, सत्येंद्र कुमार, बृजेश कुमार, शंभू चरण प्रमाणिक, रामा कृष्णा, जगमोहन समद, गुंजन कुमार, एसके सिंह सचिव चुने गए। अबू नसर को ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन का कोषाध्यक्ष चुना गया।
प्रतिनिधि सत्र का प्रारंभ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा एवं एटक का झंडा उत्तोलन के साथ शुरू हुआ। राष्ट्रीय गीत तथा झंडा गीत के बाद आंदोलन में शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने किया। प्रतिनिधि सत्र के आरंभ में सम्मेलन में आए हुए पदाधिकारियों को पुष्पगुच्छ देकर शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
स्वागत अध्यक्ष यूनियन के महामंत्री जगमोहन समद ने स्वागत भाषण में किरीबुरू के इतिहास की पुष्टि पर चर्चा करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। सेल के मजदूरों के वेज रिवीजन 39 माह का एरियर, ग्रेच्युटी जैसे लंबित मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया। प्लांट तथा माइंस के उत्पादन तथा उत्पादकता से जुड़े ठेका मजदूरों की हालत जर्जर है, जिन्हें न्यूनतम वेतन नहीं मिलता। मिनिमम वेज मांगने पर गेट पास छीन लिया जाता है।
इस पर लड़ाई जमके होगी। एटक की राष्ट्रीय महामंत्री अमरजीत कौर ने देश की परिस्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि देश की आर्थिक व्यवस्था जनतांत्रिक ढांचा संसदीय जनवाद और समाजिक संस्कृति पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि जीरो भ्रष्टाचार की बात करने वाले प्रधानमंत्री हिडनबर्ग द्वारा उद्घाटित अडानी का महा घोटाला पर चुप्पी साधे हुए हैं। और जांच कराने को भी तैयार नहीं हैं।
प्रतिनिधि सत्र में फेडरेशन के उप महासचिव रामाश्रय प्रसाद सिंह ने विगत 4 साल का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें देश दुनिया एवं सेल, आरआइएनएल तथा माइंस की स्थितियों की विवेचना करते हुए आने वाले दिनों में गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए मजदूर वर्ग को एकजुट कार्रवाई पर जोर दिया। महासचिव के प्रतिवेदन पर प्रतिनिधियों द्वारा विचार विमर्श किया।
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सम्मेलन में 6 प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध एवं सेल में विलय का प्रस्ताव है। सेल कर्मचारियों के लिए प्रबंधन एकतरफा ग्रेच्युटी सीलिंग की वापसी पूर्व के भांति ग्रेच्युटी भुगतान का प्रस्ताव, 21 जून 2021 के हड़ताल के पश्चात कर्मियों के स्थानांतरण वापस करने का प्रस्ताव, ठेका कर्मियों के लिए मिनिमम वेज तथा ठेकेदार बदले मजदूर वही रहे का नीति लागू करने, महंगाई एवं बेरोजगारी के खिलाफ, डाक कर्मियों के यूनियन को पूर्ण मान्यता देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।