- कर्मचारी पेंशन योजना 1995 का मामला तूल पकड़ा हुआ है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। एक बार फिर चुनाव में सबक सिखाने का दम पेंशनभोगी भर रहे हैं। ईपीएस 95 पेंशनभोगी (EPS 95 Pensioners) का कहना है कि झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Jharkhand and Maharashtra Assembly Elections) में सरकार को सबक सिखाएं। न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए नोटा का प्रयोग किया जाए। अब देखना यह है कि इनकी अपील पर कितने लोग अमल करते हैं या नहीं…।
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सरकार पर दबाव बनाने के लिए कहा जा रहा है कि अगर पेंशन नहीं बढ़ाई गई तो सभी पेंशनर्स अपनी फैमिली के साथ वोटिंग करेंगे, लेकिन नोटा का उपयोग करें। अपने नजदीक मित्र को भी समझाएं और उनको भी नोटा का उपयोग करने को बोलें,ताकि अपनी ताकत सरकार को मालूम पड़े।
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पेंशनभोगी मूर्ति सुब्रमणि कहते हैं कि हम कभी भी नई पेंशन के संशोधन के बारे में नहीं सोचते हैं। खास तौर पर 2014 सितंबर से सेवानिवृत्त होने वाले। केवल भगवान ही हमारी मदद कर सकते हैं।
सत्यनारायण हेगड़े ने सीबीटी पर कहा-बैठक केवल “टाइम पास” काम करने के लिए होती है, कॉफी, चाय और बिस्कुट और काजू के साथ। और पारिवारिक मामलों का आदान-प्रदान एक मीटिंग पॉइंट के रूप में। इस बैठक का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
ये ट्रेड यूनियनें जो हमारे नियोक्ताओं के साथ मिलकर हमें विफल करने के लिए जिम्मेदार हैं, निश्चित रूप से पेंशनभोगियों के पक्ष में कुछ नहीं करेंगी, जिन्हें उपयुक्त पेंशन योजना शुरू न करके कर्मचारियों के कैरियर की शुरुआत से ही निराश किया गया है।
प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, नौकरशाह और कर्मचारी संघों सहित सभी को लगता है कि पेंशनभोगी बाहरी लोग हैं और वे अपने जीवनयापन के लिए तीसरे दर्जे के नागरिकों की तरह अपना वेतन कमाने के लिए भारत में हैं।
यह स्पष्ट रूप से इन सभी समूहों द्वारा हमारे प्रति सौतेला व्यवहार है। मारे प्रति इस तरह के निर्दयी व्यवहार। भगवान उनका भला करे।
सनत रावल ने कहा-अतीत को देखें, सीबीटी कभी भी ईपीएस-95 पेंशनभोगियों/वरिष्ठ नागरिकों (EPS-95 Pensioners/Senior Citizens) का पक्ष नहीं लेता। सरकार EPS-95 पेंशनभोगियों को भिखारी समझती है और जैसा कि आपने कहा है सरकार 1,000 या 2,000 रुपये नकद राशि के रूप में मंजूर/देगी/बढ़ाएगी और घोषणा करेगी कि हमने पेंशन बढ़ा दी है।