सभी यूनियन नेताओं को चेतावनी पत्र थमा दिया है। किसी ने कर्मचारियों को ड्यूटी जाते समय रोका तो एफआइआर होगी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई/बोकारो। सेल हड़ताल को लेकर बोकारो और भिलाई स्टील प्लांट से बड़ी खबर आ रही है। बोकारो में आचार संहिता की वजह से जिला प्रशासन ने हड़ताल पर रोक लगा दिया है। साथ ही सभी यूनियन नेताओं को चेतावनी पत्र थमा दिया है। किसी ने कर्मचारियों को ड्यूटी जाते समय रोका तो एफआइआर होगी।
इसको देखते हुए संयुक्त यूनियन ने कर्मचारियों से अपील किया है कि वे घर पर ही रहें। ड्यूटी न जाएं, इससे हड़ताल सफल हो जाएगी।
इस बीच भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन ने एक युवा श्रमिक नेता को अनुशासनहीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। इससे हड़कंप मचा हुआ है। बीएसपी प्रबंधन का कहना है कि सुलह वार्ता के दौरान हड़ताल पर जाना औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पूर्णतः प्रतिबंधित है।
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सेल बीएसपी प्रबंधन का कहना है कि आईडी एक्ट की धारा 22 (1) (d) के अनुसार भिलाई इस्पात संयंत्र जैसे लोक उपयोगी सेवाओं में जब सुलह अधिकारी के समक्ष हड़ताल का विषय सुलह वार्ता में शामिल कर लिया गया हो तो हड़ताल पर जाना गैरकानूनी और पूर्णतः प्रतिबंधित है।
एक महीने की कैद व जुर्माना भी
प्रबंधन का कहना है कि आईडी एक्ट के प्रावधान इस बारे में इतने सख्त है कि सुलह वार्ता समाप्त हो जाने के सात दिनों के भीतर भी हड़ताल पर नहीं जाया जा सकता है, और गैरकानूनी हड़ताल में शामिल होने वाले आई डी एक्ट की धारा 26 के तहत एक महीने की कैद व जुर्माने के भागी बन सकते है।
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जानिए न्यायालय को लेकर क्या कहा प्रबंधन ने
गैरकानूनी कृत्य के लिए न्यायालय सजा दे सकता है। इसका अर्थ ये नहीं हो सकता की जबतक न्यायालय उस कृत्य के लिए सजा न दे दे या उसे प्रतिबंधित या गैरकानूनी घोषित न कर दे वह कृत्य गैर कानूनी नहीं है। जब एक्ट में किसी कृत्य को गैरकानूनी परिभाषित कर के उसे प्रतिबंधित कर दिया गया तो उसे करना निश्चित रूप से कानून के उल्लंघन के दायरे में आएगा।
छुट्टी अगर स्वीकृत नहीं तो…
साथ ही साथ कोई भी छुट्टी जो प्रबंधन द्वारा स्वीकृत नहीं की गई हो वह अनाधिकृत अनुपस्थिति होती है, जिसके लिए कार्मिक के गवर्निंग रूल या स्टैंडिंग ऑर्डर्स के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
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ऐसा ज्ञात हुआ है कि शीर्ष सेल प्रबंधन विशेष अधिकारों के तहत कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वाले, संयंत्र के कर्मियों के अतिरिक्त बाहर से प्रदर्शनकारी लाने वाले नेताओं के विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही करेगा।
वर्तमान में कोई भी श्रमिक नेता प्रोटेक्टेड वर्कर नहीं
नेताओं को यह स्पष्ट संदेश औद्योगिक सम्बन्ध विभाग द्वारा दिया जा रहा है कि वर्तमान में कोई भी श्रमिक नेता प्रोटेक्टेड वर्कर नहीं है। अतः उन्हें कोई भी संरक्षण प्राप्त नहीं है।
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पूर्व में भी प्रबंधन ने कुछ लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की थी, जिसे वापस लिए जाने के प्रयास 3 साल से जारी हैं, पर उन कार्यवाहियों को वापस नहीं लिया गया।
कर्मचारी नेता प्रबंधन के इस कड़े रुख से चिंतित हैं। आम कर्मचारी यह प्रश्न पूछ रहे हैं कि जो लोग अपने नेताओं को नहीं बचा पाए वो अन्य कर्मचारियों को कैसे बचाएंगे।