Bhilai Steel Plant Biometric: कम स्पीड में जाना, घर लौटकर आना, लाश मत लाना, बदल दीजिए आदत

  • भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारी और कर्मचारी ध्यान दें।
  • आधे घंटे पहले घर से निकलें, ताकि समय पर ड्यूटी पहुंच सकें।
  • गाड़ियों की रफ्तार से आपके साथ किसी दूसरे को भी हो सकता है नुकसान।
  • परिवार की खातिर प्लीज गाड़ियों को ओवर स्पीड में न चलाएं।
  • सेफ्टी विभाग के कर्मी अथवा अधिकारी चोरी चुपके बैठे रहते हैं।
  • अचानक बाहर निकाल कर तेजी से जा रहे वाहनों का फोटो खींचते हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में बायोमेट्रिक लागू हो चुका है। इसका असर भी दिखने लगा है। कर्मचारी और अधिकारी राइट टाइम हो गए हैं। लेकिन, ड्यूटी पहुंचने की इतनी जल्दबाजी है कि हादसे को लगातार दावत दी जा रही है।

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आज एक अजीबोगरीब घटना को देखने के बाद सीटू के महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा कि हम सबको अब अपनी आदत बदलनी होगी। ओवर स्पीड में भागती गाड़ियां गवाही दे रही हैं कि किसी दिन बड़ा हादसा होगा। एक साथ सड़क और प्लांट के गेट पर लगने वाले जाम से बचने के लिए मार्जिन लेकर चलना होगा।

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घर से जल्दी निकलें, ताकि रास्ते में होने वाली अनहोनी से बच सकें, क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी हम सब पर है। खुद के लिए नहीं, तो परिवार वालों के लिए अपनी आदत को बदलना होगा। अन्यथा हमारी गाड़ी से किसी को नुकसान नहीं होगा तो किसी दूसरे की गाड़ी से जख्म हो सकता है। हम सबको सबका ख्याल रखते हुए गाड़ी चलानी चाहिए।

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सेफ्टी डिपार्टमेंट की कार्य प्रणाली पर भी सवाल

कहा जा रहा है कि सेफ्टी विभाग के कर्मी अथवा अधिकारी चोरी चुपके बैठे रहते हैं। अचानक बाहर निकाल कर तेजी से जा रहे वाहनों का फोटो खींचते हैं। इसके दौरान बायोमेट्रिक फेस रीडिंग अटेंडेंस सिस्टम के सामने वक्त पर पहुंचने की हड़बड़ी।

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दूसरी तरफ फोटो खींचने के लिए खड़े सेफ्टी के अधिकारी अथवा कर्मचारी से बचने के खींचतान में कर्मी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे है। इस पूरी घटनाक्रम में कर्मियों को नियंत्रित स्पीड में चलने का संदेश देने के लिए खड़े सुरक्षा अधिकारी ही उस कर्मी के लिए दुर्घटना का कारण बन रहे हैं।

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घरों से गेटों की तरफ अनियंत्रित स्पीड

लाख कोशिश करने के बावजूद कर्मी एवं अधिकारी वर्तमान समय में घरों से देरी से निकल रहे है। वहीं, किसी भी तरह से निर्धारित वक्त के अंदर संयंत्र के गेटों में घुस जाने की जल्दी बाजी में घर से संयंत्र की तरफ जाने वाले सड़कों पर अनियंत्रित स्पीड में दौड़ रहे हैं, जिसके कारण छोटी मोटी दुर्घटना होने की बात आए दिन सामने आ रही है। यदि यह रफ्तार ऐसे ही जारी रही तो किसी भी दिन कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

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घर जाते समय भी कमोवेश यही स्थिति है सभी गेटों की

1 जुलाई से घर से संयंत्र की तरफ जाने एवं वापस घर की तरफ आने वाली सड़कों में ड्यूटी शुरू होने एवं खत्म होने के वक्त अजीब से हालात दिख रहे हैं। कर्मी जितने तेजी से संयंत्र पहुंच जाना चाहते हैं, उतने ही तेजी से छुट्टी होने के बाद घर भी आ जाना चाहते हैं। संयंत्र के बाहर के कुछ रोड वन वे है, जिसमें आने और जाने के रास्ते निश्चित है। किंतु बोरिया गेट से डीपीएस चौक एवं पंथी चौक तक वनडे नहीं है। जहां प्लांट जाने एवं वापस आने वाले रोड़ों में कर्मी अपना लेन छोड़कर सामने से आने वाली गाड़ी की लेन में चले जा रहे हैं, जबकि घर जाते समय कर्मियों को थोड़ा धैर्य के साथ जाना होगा।

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ट्रैफिक पुलिस को देखकर भी हो जाती है अजीब सी स्थिति

प्लांट के तरफ से घर जाने वाले कुछ मार्गों पर अक्सर ट्रैफिक पुलिस गाड़ी के कागजात को चेक करते हुए नजर आती है, जिसे देखकर लोग अक्सर रास्ता बदल लेते हैं। हड़बड़ाहट में यू टर्न भी लेने लगते हैं।

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सीटू का मानना है कि ड्यूटी जाने एवं आने के वक्त ट्रैफिक पुलिस को कागजात चेकिंग से बचना चाहिए, क्योंकि मौजूदा समय में बायोमेट्रिक फेस रीडिंग के चलते ड्यूटी टाइम में न केवल गाड़ियों की संख्या बड़ी है, बल्कि रफ्तार भी बढ़ी है।

ऐसा नहीं है कि संयंत्र आने जाने वाले कर्मियों के पास गाड़ी के कागजात नहीं है, बल्कि अक्सर कागजात को घर में रखने के कारण वह इस हड़बड़ाहट का शिकार हो सकते हैं। इसलिए इस अप्रिय स्थिति से बचने हेतु कदम उठाने होंगे।

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