सेक्टर-1 गर्ल्स बास्केटबॉल कोट की ढलाई में सारे नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई है। एक बारिश में ही जल-जमाव हो गया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority Of India Limited) के भिलाई स्टील प्लांट के खेल मैदानों को संवारने का काम चल रहा है। 2 करोड़ की लागत से इसको संवारा जा रहा है। लेकिन, निर्माण कार्य ऐसा हो रहा है कि जल्द ही फिर करोड़ों खर्च करने की नौबत आनी तय है। कंस्ट्रक्शन की बुनियादी बातों को ही नजर अंदाज किया जा रहा है।
आलम यह है कि सेक्टर-1 गर्ल्स बास्केटबॉल कोट की ढलाई में सारे नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई है। एक बारिश में ही जल-जमाव हो गया। कोच की नजर पड़ी और मामला तूल पकड़ लिया। आननफानन में कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मटेरियल डालकर समतल करना शुरू किया।
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अब सवाल ये है कि जिसको समतल किया गया है, उसके आसपास का एरिया नीचा हो गया। पानी अब वहां लगेगा। दूसरी गौर करने वाली बात यह है कि बास्केटबॉल कोट पर करीब 3 इंच मोटी ढलाई की जा रही है। सरिया का जाल बिछाया गया। लेकिन, फर्श को खोदकर ग्रिप नहीं बनाया गया। इसी कोट पर बच्चे दौड़ेंगे और कूदेंगे। आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि इसकी कितनी लाइफ होगी।
आशंका जताई जा रही है कि कुछ बारिश में ही यह सब उखड़ जाएगा। इसलिए गुणवक्तायुक्त निर्माण के लिए नजर रखना जरूरी है। आखिर कहां चूक हो रही है कोई देखने वाला नहीं है। बीएसपी ने ठेका देकर रस्म अदायगी पूरी कर ली। सीमेंट और बालू का औसत भी कोई 1-12 तो कोई 1-8 बता रहा। यह तो जांच से ही स्पष्ट हो सकेगा। इसकी भी जा हैरानी इस बात की है कि बीएसपी के खेल विभाग तक को कंस्ट्रक्शन की ड्राइंग-डिजाइन और कार्य के बारे में जानकारी नहीं है।

मानीटरिंग करने वाला कोई नहीं होने से अक्सर पानी की पाइपलाइन और इलेक्ट्रिक वायर तक को नुकसान हो रहा है। खेल विभाग और नगर सेवाएं विभाग संयुक्त रूप से दो बार सर्वे कर चुका है। छत का काम बारिश में करने से मना किया गया था, बावजूद कोई जानकारी दिए गए बगैर छत हटा दी गई, जिससे सामान नुकसान हो रहा है।
वालीबॉल ग्राउंड में गलत स्टेज, छत उखाड़ा सामान हो रहे बर्बाद
सेक्टर-1 स्थित वालीबॉल ग्राउंड को भी संवारने की मुहिम शुरू की गई है। पिछले दो माह से खेल की सभी गतिविधियां बंद है। लेकिन, यहां काम की रफ्तार और गलत कंस्ट्रक्शन ने सबकी धड़कन बढ़ा दी है। स्टेज बिल्कुल नेट के पास बना दिया गया है, जिससे अब वहां खेल हो ही नहीं सकता है। स्पोर्ट्स रूल्स इसको इजाजत नहीं देता है। यहीं, खिलाड़ियों के ठहरने के लिए हॉल है। छत को कवर करने के लिए शीट लगनी है, जिसको लगाया ही नहीं गया है। इस वजह से खेल के सामान बर्बाद हो रहे हैं।

बीएसपी खेल विभाग ने ये कहा…
सेल भिलाई स्टील प्लांट के खेल विभाग के प्रभारी एसआर जाखड़ का कहना है कि टाउनशिप के सभी खेल मैदानों को बेहतर बनाने के लिए दो साल पहले प्रस्ताव भेजा गया था। पूर्व ईडी पीएंडए एमएम गद्रे के कार्यकाल में इसको स्वीकृति मिली। 2 करोड़ का टेंडर है। टाइल्स, वाशरूम, स्टेडियम से पानी निकासी, लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट, बास्केटबाल कोट, वालीबॉल ग्राउंड, स्टेडियम की सीढ़ी ठीक करना आदि कार्य है।

बास्केटबॉल और वालीबॉल ग्राउंड पर जो काम हुआ है, उसकी गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें मिली है। इसको संज्ञान में लेकर ठेका कंपनी से जवाब तलब किया गया है। खेल विभाग को ड्राइंग तक नहीं दी जा रही है। खेल मैदान के नियम होते हैं। इसलिए बहुत ही बारीकी से काम करना होता है, लेकिन जो शिकायत मिल रही है, वह कंपनी हित में नहीं है।