- संयुक्त यूनियन बोली-मौजूदा केंद्र सरकार मजदूर एवं किसानों के वोटों से सत्ता में आई है। वह लगातार मजदूर और किसानों के खिलाफ बड़े कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। केंद्र सरकार द्वारा श्रम संहिता अधिसूचना जारी कर दिया गया है। देश भर में सभी ट्रेड यूनियनों द्वारा श्रम कोड को जबरदस्ती मजदूरों पर थोपने के विरोध में 26 नवंबर को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की तैयारियां ट्रे यूनियनों ने की है।
इसी के तहत 23 नवंबर को भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत विभिन्न ट्रेड यूनियनों (एटक इंटक,एच एम एस, एक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, सीटू एवं अन्य) द्वारा संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें तय किया गया कि 29 श्रम कानून को खत्म कर तैयार किए गए चार श्रम कोड को जबरदस्ती लागू करने के खिलाफ 26 नवंबर को शाम 5:45 बजे सेल परिवार चौक सिविक सेंटर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
क्यों घातक हैं चार श्रम कोड?
चार श्रम संहिताओं के मूल में है ‘हायर एण्ड फायर’ यानि मालिकों की मर्जी, जब चाहो काम पर रखों, जब चाहो निकाल दो! काम के घंटे मालिक की मनमर्जी होगी। अवकाश, कार्य के घंटों आदि की हेरा फेरी की गई है। ठेका प्रथा कानूनी बन जाएगा।
ट्रेनी के नाम पर ‘फोकट के मज़दूरों से काम करना वैध होगा। छाँटनी-बंदी आसान होगी, यूनियन बनाना, आंदोलन और समझौता लगभग असंभव होगा; श्रम न्यायालय खत्म होंगे और श्रम अधिकारी फैसिलिटेटर होंगे, जिनका काम सलाह देना होगा। असंगठित क्षेत्र के मज़दूर और असुरक्षित होंगे।
निरंकुश होती जा रही है केंद्र सरकार
संयुक्त यूनियन ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार जो मजदूर एवं किसानों के वोटों से सत्ता में आई है वह लगातार मजदूर और किसानों के खिलाफ बड़े कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है। देश के आम जनता को हासिये पर डाल दिया है इसके खिलाफ देश भर में संघर्ष तेज हो रहे है जिसमें हम सबको भी अपने हिस्से की भूमिका अदा करना है, तभी हम ऐसे जन विरोधी मजदूर विरोधी किसान विरोधी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंक सकेगें।












