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सूक्ष्म और लघु उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने Bhilai Steel Plant कर रहा नॉलेज शेयरिंग

सूक्ष्म और लघु उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने Bhilai Steel Plant कर रहा नॉलेज शेयरिंग
  • इस्पात संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग द्वारा नॉलेज शेयरिंग वर्कशॉप का आयोजन।
  • सूक्ष्म और लघु इकाइयों के लिए विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के अधिनियमों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के एचआरडीसी के कॉन्फ्रेंस हॉल में संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग ने विक्रेता विकास कार्यक्रम के तहत एमएसएमई उद्यमियों के लिए एक दिवसीय “नॉलेज शेयरिंग वर्कशॉप” का आयोजन किया।

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इस कार्यक्रम में विशेष प्रतिनिधि के रूप में केंद्र सरकार के विभागों जैसे एमएसएमई विकास संस्थान, रायपुर एवं शासकीय ई मार्केट प्लेस (जेम) तथा राज्य सरकार के विभाग जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र दुर्ग इत्यादि आमंत्रित थे।

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कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अजय कुमार चक्रवर्ती ने किया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) तपन कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (मार्केटिंग) सुष्मिता डे, मुख्य महाप्रबंधक डीटीआईसी (दुर्ग) हरीश सक्सेना, प्रबंधक (डीटीआईसी) तुषार त्रिपाठी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इनके अलावा कार्यक्रम में सहायक निदेशक (एमएसएमई) किशोर इरपाटे, सहायक निदेशक (एमएसएमई) उमेश प्रसाद, जीईएम फैसिलिटेटर अमित उपाध्याय और बीएआईए अध्यक्ष रतन दासगुप्ता समेत एमएम विभाग के क्रय, भण्डार, निरीक्षण एवं एमपीआरडी के सभी प्रमुख सहित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में अध्यक्ष और अन्य पद धारकों और कई प्रतिष्ठित एमएसएमई उद्यमियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ बीएआईए की लगभग 64 एमएसई इकाइयां मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्देश्य सूक्ष्म और लघु इकाइयों के लिए विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के अधिनियमों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना और सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को उनके विकास के लिए सहायता, समर्थन और प्रोत्साहन देने हेतु तकनीकी विवरण प्रदान करना था।

कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अजय कुमार चक्रवर्ती ने इस अवसर कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र में आधुनिकीकरण के बाद विभिन्न मोडेक्स इकाइयों को सटीक एवं उचित पुर्जों की आवश्यकता होती है। उन्होंने सूक्ष्म और लघु इकाइयों से मोडेक्स इकाइयों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नवीनतम तकनीक और उपकरणों के साथ अपनी प्रक्रियाओं को लगातार उन्नत करने का अनुरोध किया।

उन्होंने संयंत्र की मोडेक्स इकाइयों के पुर्जों के लिए ड्राइंग के विकास पर भी जोर देते हुये उद्यमियों को जीईएम प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करने और ऑनबोर्ड करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा एमएसई इकाइयों को हर संभव मदद और समर्थन देने के प्रति आश्वस्त किया।

सहायक निदेशक (एमएसएमई) किशोर इरपटे ने सदन को एमएसई इकाइयों के लिए विभिन्न नए विकास जैसे 6 सिग्मा सर्टिफिकेट, जेडईडी (जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट) सर्टिफिकेट के साथ एमएसईएस इकाइयों के लिए कांस्य/चांदी/सोना सर्टिफिकेट स्तर और इसके लाभों के बारे में जानकारी दी।

सहायक निदेशक (एमएसएमई) किशोर इरपाटे ने आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) योजना के बारे में सदन को सूचित करते हुये इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एसएसआई इकाइयों को प्रोत्साहित करते हुये ‘विवाद से विश्वास-एमएसएमई को राहत’, पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। सहायक निदेशक (एमएसएमई) उमेश प्रसाद ने श्रोताओं को एमएसई इकाइयों के लिए उद्यम पंजीकरण की आवश्यकता और उसके लिए आवेदन करने के तरीके के बारे में जानकारी दी।

प्रबंधक (डीटीआईसी) तुषार त्रिपाठी ने नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों के विस्तार के लिए एसएसआई इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्य सरकार के प्रोत्साहन और छूट की जानकारी देते हुये औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत दिये जाने वाले विभिन्न मौद्रिक एवं गैर-मौद्रिक लाभों की भी जानकारी प्रदान की। साथ ही उन्होंने पूंजी और ब्याज सब्सिडी के लिए राज्य सरकार की तकनीकी खरीद योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

अमित उपाध्याय ने सदन को बताया कि जीईएम (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस) एक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति बढ़ाना है और उद्यमियों को जीईएम पोर्टल पर पंजीकृत होने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह प्रोडक्ट अपलोड, ब्रांड अप्रूवल और ओईएम डैशबोर्ड के यांत्रिकी की भी व्याख्या करता है।

अमित उपाध्याय ने ‘विवाद से विश्वास – एमएसएमई को राहत’, जीएएम पोर्टल में सूचना/ दस्तावेजों को अपलोड करने की प्रक्रिया और मामलों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। सत्र के बाद, लघु उद्योग इकाइयों की विभिन्न प्रश्नों और शंकाओं का निवारण किया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग ने अपने सह-भागीदारों को अपना बहुमूल्य समय देने और कार्यशाला में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद दिया।

अंत में बीएआईए अध्यक्ष रतनदास गुप्ता ने एमएसईएस की सहायता और समर्थन के लिए आयोजित इस कार्यक्रम लिए कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन), मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) और सामग्री प्रबंधन तथा बीएसपी प्रबंधन को सामूहिक रूप से धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन उपमहाप्रबंधक (एमपीआरडी) मनोहर शर्मा, उप महाप्रबंधक (पर्चेज़) यामिनी ताम्रकार और सहायक महाप्रबंधक (एमपीआरडी) शुभांजलि गुप्ता ने किया।