
- नवस्थापित ड्यूल फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम दो प्रमुख सुविधाओं से युक्त है।
- वाटर स्प्रिंकलर नेटवर्क, जो 19,670 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें 3,910 स्प्रिंकलर तथा 600 मल्टी-सेंसर डिटेक्टर लगे हैं।
- क्लीन एजेंट गैस सप्रेशन सिस्टम, जो 1,025 वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai STeel plant) के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र (जेएलएन एचआरसी) में दो महत्त्वपूर्ण अधोसंरचनात्मक सुविधाएं-300 केएलडी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) एवं अत्याधुनिक ड्यूल फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम का लोकार्पण किया गया।
उल्लेखनीय है कि ये दोनों नवस्थापित व्यवस्थाएं न केवल चिकित्सालय की परिचालन क्षमता को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि सुरक्षा मानकों को भी उल्लेखनीय रूप से ऊंचा उठाएंगी।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस. मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (माइन्स) बी.के. गिरि, तथा कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. रवीन्द्रनाथ एम. की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (परियोजनाएं) अनुराग उपाध्याय, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजनाएं) उमेश भारद्वाज, मुख्य महाप्रबंधक (सीईटी) प्रणय कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. विनीता द्विवेदी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ सौरव मुखर्जी, महाप्रबंधक (एम&एस-मेडिकल) एसएम शाहिद अहमद, सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. उदय कुमार, महाप्रबंधक (पीपीसी) संजय दवे आदि उपस्थित थे।
अनिर्बान दासगुप्ता ने दीप प्रज्वलन कर इन सुविधाओं का विधिवत शुभारंभ किया एवं जेएलएन चिकित्सालय सामूहिक टीम को बधाई दी। उन्होंने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए नवस्थापित प्रणालियों के दक्ष एवं विवेकपूर्ण उपयोग की शुभकामनाएं दीं।
300 केएलडी क्षमता वाला एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) चिकित्सालय के 860-बेड युक्त संकुल से उत्पन्न अपशिष्ट जल का उपचार करेगा। यह संयंत्र भौतिक विधियों जैसे स्क्रीनिंग एवं सेडीमेंटेशन (एसएमएफटी व लमेल्ला क्लैरिफायर), जैविक उपचार हेतु मूविंग बेड बायोफिल्म रिएक्टर (एमबीबीआर) तकनीक, तथा रासायनिक प्रक्रियाओं जैसे कोएग्युलेशन एवं पीएच स्थिरीकरण की मिश्रित विधि अपनाता है।
उपचारित जल को या तो परिसर में पुनः उपयोग किया जाएगा अथवा पर्यावरणीय मानकों—पी एच, बीओडी, सीओडी एवं टीएसएस की सतत निगरानी के उपरांत सुरक्षित रूप से निर्वहन किया जाएगा।
नवस्थापित ड्यूल फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम दो प्रमुख सुविधाओं से युक्त है। पहला, वाटर स्प्रिंकलर नेटवर्क, जो 19,670 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें 3,910 स्प्रिंकलर तथा 600 मल्टी-सेंसर डिटेक्टर लगे हैं। दूसरा, क्लीन एजेंट गैस सप्रेशन सिस्टम, जो 1,025 वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करता है। यह प्रणाली भूमिगत व मुख्य पाइपलाइन नेटवर्क द्वारा सशक्त की गई है, जो चिकित्सालय के संवेदनशील क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा की एक सशक्त परत प्रदान करती है।
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ये अधोसंरचनात्मक सुदृढ़ीकरण न केवल जेएलएन चिकित्सालय की कार्यप्रणाली को आधुनिक मानकों के अनुरूप बनाएंगे, बल्कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की सामाजिक स्वास्थ्य प्रतिबद्धता को भी नई ऊर्जा प्रदान करेंगे।