‘क से कमाओ-ख से खाओ’ का नारा देने वाले ईडी वर्क्स अंजनी कुमार रिटायर हो गए, पर ये नहीं छोड़ेंगे पीछा

Bhilai Steel Plant's ED works Anjani Kumar retired, but a flurry of allegations
सीटू को अच्छे से याद है पिछले ई डी वर्क्स की पहली बैठक। यूनियन ने कहा-अंजनी कुमार की जिद की वजह से अधिकारी भी परेशान रहे।
  • सीटू नेता सेफ्टी के विषय पर चर्चा के लिए ईडी वर्क्स अंजनी कुमार से मांग रहे थे समय, लेकिन समय नहीं दिए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 2 दिन पहले सेवानिवृत हुए कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) भिलाई स्टील प्लांट में पदभार संभालते ही सभी यूनियनों की संयुक्त बैठक बुलाए थे। उस बैठक में उन्होंने जिस मिठास के साथ कर्मियों के पक्ष में बातों को रखा था। वह सीटू को आज भी अच्छे से याद है।

ये खबर भी पढ़ें: Union Budget 2025 LIVE Updates: स्टार्ट अप के लिए 10 हजार करोड़ का फंड, पढ़िए ये भी घोषणाएं

बैठक में ऐसा महसूस हो रहा था कि वह कुछ नया कायाकल्प करना चाहते हैं और देखते ही देखते सब कुछ बदल जाएगा। किंतु आज जब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं और पीछे पलट के देखने पर उनके कार्यकाल में हुए सारे कार्य सबके सामने सर्व विदित हैं।

ये खबर भी पढ़ें: केन्द्रीय बजट 2025-26 की मुख्य बातें आसान शब्दों में समझिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ये घोषणाएं

“क से कमाओ ख से खाओ” का दिया था सूत्र

पूर्व ईडी वर्क्स अंजनी कुमार ने पहली बैठक में “क से कमाओ-ख से खाओ” का सूत्र दिया था। उन्होंने कहा था हमें क-ख आना पर्याप्त है, क्योंकि इसमें क से कमाने और ख से खाने का निहितार्थ छुपा हुआ है। उनकी इन बातों में कमाने और खाने के अलावा और कोई दूसरी मांगों को करने अथवा संयंत्र से जुड़े बातों को उठाने की आवश्यकता नहीं थी।

ये खबर भी पढ़ें: बीएसपी मजदूर की लाश उठाने से परिवार ने किया मना, 20 लाख की मांग, ठेकेदार ने नहीं कराया था 10 लाख का इंश्योरेंस

सीटू चाहता था सुरक्षा पर बैठक करना किंतु नहीं दिया समय

बीएसपी की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूनियन ने पूर्व कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) से संयंत्र में बढ़ रहे असुरक्षित कार्यों के खिलाफ सुरक्षा के संदर्भ में बैठक करने के लिए समय मांगा। किंतु उनके पास इस संदर्भ में बात करने के लिए समय तक नहीं था, जिस दिन वे सेवानिवृत्त हो रहे थे, उस दिन भी उनसे सुरक्षा के संदर्भ में बातचीत करने के लिए थोड़ा सा समय मांगा गया था।

ये खबर भी पढ़ें: Union Budget 2025 LIVE Updates: स्टार्ट अप के लिए 10 हजार करोड़ का फंड, पढ़िए ये भी घोषणाएं

किंतु उनके टीए से जवाब मिला कि वे विदाई कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण समय नहीं दे पाएंगे। अब असुरक्षित कार्यप्रणाली को रोकने के लिए नए कार्यपालक निदेशक वर्क्स से मिलने का समय मांगेंगे। देखना होगा कि वे इन मुद्दों पर सीटू से कितना जल्दी मिलते हैं एवं किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं।

ये खबर भी पढ़ें: बजट 2025-26: व्‍यापार में सुविधा देने पर फोकस, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया जीएसटी संशोधन का प्रस्‍ताव

क्या है तीन माह का फंडा

शायद यह प्रबंधन का मूल मंत्र है कि तीन माह का समय दीजिए सब ठीक कर देंगे। किसी का स्थानांतरण हो या कोई खास समस्या सामने आई हो या कोई बड़े अधिकारी अपने नए पदभार ग्रहण कर रहे हैं। वे अक्सर तीन माह  का फंडा लेकर आते हैं। और कहते हैं कि तीन माह का समय दीजिए सब ठीक हो जाएगा। अथवा हम सब ठीक कर देंगे।

ये खबर भी पढ़ें: पेंशन, FDI, KYC, कंपनियों के विलय पर वित्त मंत्री की बजट 2025 में बड़ी घोषणाएं

जब पूर्व कार्यपालक निदेशक वर्क्स ने पदभार ग्रहण किया तो उन्होंने यूनियनों के साथ पहली बैठक में कहा था कि मुझे तीन माह का समय दीजिए उसके बाद देखिए कैसे कायाकल्प होता है। दरअसल तीन माह का फंडा प्रबंधन का एक मूल मंत्र है,जिसमें वे अपने आप को स्थापित करने के लिए समय चाहते हैं।

ये खबर भी पढ़ें: वित्त मंत्री की घोषणाओं से भिलाई के व्यापारी गदगद, MSME पर ये बोला चेंबर ऑफ कॉमर्स

क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि तीन माह के अंदर वे अपने आप को स्थापित कर लेंगे और सब कुछ सामान्य हो जाएगा एवं हर कोई उनके कामकाज करने के तौर तरीखों के आदी हो जाएगा। इसीलिए हर बड़ा अधिकारी अपना पदभार संभालते ही तीन माह का समय चाहते हैं।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: सेक्टर 9 हॉस्पिटल में ऑनलाइन मेडिसिन सिस्टम फेल, उठे सवाल

आसानी से नहीं मिटेंगे दामन पर लगे दाग

सीटू नेता ने कहा कि 2 दिन पहले सेवानिवृत्त हुए कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) के दामन पर लगे धब्बे आसानी से नहीं मिटने वाले हैं। चाहे वह धब्बे बदनामी के हो या खून के। यूनियन नेता ने कहा-सीटू कभी व्यक्तिगत टिप्पणियां नहीं करता। किंतु उन्होंने जो कदम उठाए हैं एवं जिन निर्णय को संयंत्र पर थोपा है। वह आसानी से उनका पीछा छोड़ने वाला नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें: विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र में एचडी कुमार स्वामी बोले-भगवान वेंकटेश्वर स्वामी से प्रार्थना किया हूं, RINL को बनाऊंगा देश का नंबर 1 प्लांट

क्लस्टर चेंज प्रमोशन एवं क्वालिफिकेशन बेस्ड अपग्रेडेशन को लेकर उन्होंने जो नियम विरुद्ध निर्देश कार्मिक विभाग के माध्यम से दिया था, उसके धब्बे उनका पीछा करते रहेंगे। सुरक्षा सहित सारे नियमों को ताक पर रखकर साथ ही साथ उत्पादन को लेकर जो दबाव बनाते रहते थे।

ये खबर भी पढ़ें: बीएसपी मजदूर की लाश उठाने से परिवार ने किया मना, 20 लाख की मांग, ठेकेदार ने नहीं कराया था 10 लाख का इंश्योरेंस

इसके कारण ही उनके सेवानिवृत्त होने वाले दिन एक ठेका श्रमिक की मृत्यु हो गई। जिसकी जिम्मेदारी भी उन पर ही आती है, जिससे वे पीछा नहीं छुड़ा सकते है, क्योंकि वह ठेका श्रमिक भी क से कमाने एवं ख से खाने के लिए ही संयंत्र में आया था। जिस स्थिति में घर पहुंचा यह सभी को मालूम है।

ये खबर भी पढ़ें: BSP Accident: अधिकारियों पर होगी FIR, बेटे को नौकरी देगा बीएसपी, लेटर तैयार,परिवार में कोहराम