वरिष्ठ नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु सुलभ इंटरनेशनल के साथ समझौता।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर 9 हॉस्पिटल में आने वाले बुजुर्ग मरीजों के लिए अच्छी खबर है। 26 लोगों की टीम मरीजों को अस्पताल के गेट से रिसीव करेगी। डाक्टर, लैब, एक्सरे, कैंटीन आदि स्थानों तक ले जाया जाएगा और उन्हें गेट तक छोड़ा जाएगा। यह सुविधा सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग और मेसर्स सुलभ इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एक्शन सोशियोलॉजी एंड सोशियोलॉजी ऑफ सेनिटेशन (एसआईएसएएसएस) के बीच भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) परियोजना के तहत यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया।
इस्पात भवन में भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और सभी कार्यपालक निदेशकों की उपस्थिति में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता वरिष्ठ नागरिकों एवं जरूरतमंदों को पोर्टल सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए किया गया है।
यह भिलाई के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (एम एंड एचएस) डॉ रविन्द्रनाथ एम एवं मेसर्स सुलभ इंटरनेशनल की ओर से उपाध्यक्ष (एसआईएसएएसएस) सोनम मिश्रा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
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इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (प्रोजेक्ट्स) एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) एके चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान) बीके गिरी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (एम एंड एचएस) डॉ रविन्द्रनाथ एम, मुख्य महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) डीएन करन, मुख्य महाप्रबंधक (टीए एंड सीएसआर) उत्पल दत्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एम एंड एचएस) डॉक्टर सौरव मुखर्जी सहित मेसर्स सुलभ इंटरनेशनल (एसआईएसएएसएस) के वरिष्ठ अधिकारी उपाध्यक्ष (एसआईएसएएसएस) सोनम मिश्रा, वरिष्ठ लेखाकार (एसआईएसएएसएस) विकास झा, अभियंता (एसआईएसएएसएस) अभिषेक राज भी उपस्थित थे।
बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज ने ये कहा…
इस अवसर पर संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता एवं सभी कार्यपालक निदेशकों ने इस नई पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सेक्टर-9 चिकित्सालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
अनिर्बान दासगुप्ता ने संयंत्र के चिकित्सालय की और भी सुविधाओं में वृद्धि की चर्चा करते हुए अस्पताल की सुरक्षा, साफ-सफाई और व्यवस्था पर भी ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से वरिष्ठ वर्ग और जरूरतमंद लोगों के लिए एक बहुत बड़ी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
बुजुर्ग लोगों को सहायता प्रदान करने की कोशिश
उपाध्यक्ष (एसआईएसएएसएस) सोनम मिश्रा ने अपने संबोधन में मेसर्स सुलभ इंटरनेशनल के इतिहास, उद्देश्य और गतिविधियों की जानकारी दी और इस पहल के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर प्रकाश डाला।
इस समझौते की परिकल्पना उन बुजुर्ग लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए की गई है जो बुढ़ापे के कारण अशक्त हैं और अस्पताल (जेएलएनएच एंड आरसी भिलाई स्टील प्लांट) में अपनी बीमारियों के लिए परामर्श लेने के दौरान छोटी-छोटी आवश्यकताओं में कठिनाइयों का सामना करते हैं।
अस्पताल में आने वाले कुल दैनिक रोगियों में से एक बड़ा प्रतिशत बुजुर्ग रोगियों का हैं। ओपीडी के साथ-साथ कैजुअल्टी विभाग में इन बुजुर्गों को निर्धारित स्थानों तक पहुँचने के लिए अस्पताल परिसर में समय पर मदद, मार्गदर्शन और सहायता की आवश्यकता होती है।
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‘हेल्पलाइन काउंटर/डेस्क’
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विभिन्न समीक्षाओं, बैठकों और दौरों के दौरान, यह बात सामने आई है कि विशेष रूप से वृद्ध लोगों के लिए ‘हेल्पलाइन काउंटर/डेस्क’ को मजबूत करने की आवश्यकता है।
हेल्पलाइन काउंटर टीम से अपेक्षा की जाती है कि वह न केवल ‘मुस्कान के साथ सेवा’ की नीति के अनुरूप कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता और गर्व की भावना के साथ मदद और मार्गदर्शन प्रदान करें, बल्कि ‘स्ट्रेचर या व्हीलचेयर पर आवश्यकतानुसार पोर्टर सेवा प्रदान करके अस्पताल से समय पर उपचार और अन्य आवश्यक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए रोगियों को अस्पताल में सही स्थान/विभाग तक पहुँचने में सुविधा प्रदान करें।’
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समिति का गठन किया गया
उपरोक्त प्रस्ताव सीएसआर एपेक्स बैठक में रखा गया, जहां सभी सदस्यों ने प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की और सुझाव दिया कि एक समिति बनाकर इस पर काम शुरू किया जाना चाहिए।
उपरोक्त समिति ने मेसर्स सुलभ इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एक्शन सोशियोलॉजी एंड सोशियोलॉजी ऑफ सेनिटेशन के माध्यम से आवश्यकता को पूरा करने के लिए मुख्य रूप से विवरण तैयार करने के लिए समिति का गठन किया गया है।
न्यूनतम 26 श्रमिकों की तैनाती की भी सिफारिश
उपरोक्त समिति ने दो स्थानों पर हेल्पडेस्क संचालित करने की सिफारिश की, अर्थात ओपीडी सेवाओं के लिए सोमवार से शनिवार तक ओपीडी समय के अनुसार और वर्ष में 365 दिन 24 गुणे 7 आधार पर आकस्मिक सेवाओं के लिए। समिति ने परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए न्यूनतम 26 श्रमिकों की तैनाती की भी सिफारिश की।
सीएसआर के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्प डेस्क की सुविधा एक वर्ष के लिए प्रारंभ की गई है।
यह कार्यकाल पूरा होने पर संतोषजनक प्रदर्शन को देखते हुए इसे आगे भी विस्तारित किया जा सकता है। इस हेल्प डेस्क में ओपीडी और केजुअल्टी के हेल्प डेस्क पर अटेंडेंट और सुपरवाइजर हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
ये अधिकारी बने गवाह
कार्यक्रम में पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कमेटी के सदस्य डाक्टर राजीव कुमार पॉल, महाप्रबंधक (सीएसआर) शिवराजन, महाप्रबंधक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) शाहीद अहमद, महाप्रबंधक (मानव संसाधन-निदेशक प्रभारी सचिवालय) अतुल नौटियाल, महाप्रबंधक (आईआर) एवं कमेटी के सदस्य विकास चन्द्रा, महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अजय कुमार तथा वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) सुशील कामड़े भी उपस्थित थे।