Big News: कीर्ति चक्र सम्मानित शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के मां-पिता का छलका दर्द, ‘बहू ने कहीं का नहीं छोड़ा’

-बीते दिनों राष्ट्रपति के हाथों कीर्ति चक्र पाने वाली शहीद पत्नी की जमकर वायरल हो रही फोटो।
-शादी के कुछ दिन बाद ही विधवा होने वाली शहीद की लव स्टोरी की खूब हो रही चर्चा। 
– सेना के नियम में चाहते है बदलाव।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर।
बीते दिनों कीर्ति चक्र पाने वाले शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां और उनके पिता का दर्द छलक गया। शहीद के पिता रवि प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि बहू ने हमें कही का नहीं छोड़ा। नियम के अनुसार अंशुमान सिंह की माता मंजू देवी और उनकी पत्नी स्मृति सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कीर्ति चक्र ग्रहण किया।

पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि मां ने तो कम से कम कीर्ति चक्र को स्पर्श भी किया। हमें तो देखने भी नहीं मिला। क्योंकि वहां से बहू स्मृति कीर्ति चक्र को लेकर सीधे अपने घर चली गई। एक बार भी हम लोगों को कीर्ति चक्र दिखाना उचित नहीं समझी।

गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने आगे कहा कि शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह का एड्रेस भी बहू ने चेंज करवा कर अपने मायके का पता लिखवा लिया है। जबकि हम सभी के सिम को भी बंद करवा दिया है। इतना ही नहीं, अंशुमान की मां के पास मौजूद ATM को भी ब्लॉक करवा दिया गया है।

-सेना के नियम में हो बदलाव

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि सेना के नियम में बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि Next of Kin (NOK) यानी ‘निकटतम परिजन’ की नियमावली में फेरबदल करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उनकी बहू स्मृति सिंह अब उनके साथ नहीं रहती है। NOK में निहीत नियमों में बदलाव होना चाहिए। इसे लेकन पिता रवि प्रताप सिंह ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी चर्चा कर चुके है।

-जानें क्या है NOK नियम

सेना के NOK नियम का मतलब है कि सदस्य के जीवनसाथी, निकटतम रिश्तेदार, परिवार के सदस्य या फिर कानूनी अभिभावक से हैं। जब कोई व्यक्ति सेना में चयनित होता है तो उसके मां-पिता या अभिभावक को NOK के तौर पर नामांकित किए जाने का नियम हैं।

इस नियम के अनुसार व्यक्ति के शादी करने के बाद उसके मां-पिता के बजाए उसके जीवनसाथी का नाम उसके ‘निकटतम रिश्तेदार’ (NOK) के तौर पर नामांकिय कर दिया जाता हैं। इस नियम में फेरबदल की मांग कैप्टन के पिता रवि प्रताप सिंह कर रहे है।

-MP में बदला नियम

सेना के इस नियम में ही बदलाव की मांग लंबे समय से की जा रही है। अलग-अलग राज्यों में इसके नियमों में बदलाव किया गया है। मध्यप्रदेश (MP) में कुछ दिन पहले CM मोहन यादव की कैबिनेट ने इस नियम में बदलाव करते हुए 50% परिजनों को हकदार बना दिया। जबकि इसी तरह से 50% हकदार जीवनसाथी को बना दिया। इस नियम में पहले पूरा 100% का हक जीवनसाथी का ही होता था। इसी तरह से अलग-अलग राज्यवार विभिन्न नियम है।