- इस्पात मंत्रालय के अधीन कार्यरत सार्वजनिक उपक्रमों की उठी आवाज।
- SAIL, RINL, NMDC, MECON एवं NISP के 20000 अधिकारियों को लीड कर रहा सेफी।
- सेफी चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर, बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
अज़मत अली, भिलाई। पेंशन (Pension) को लेकर सीबीटी के ट्रस्टी को मीटिंग में बैठने से पहले कई बातों की याद दिलाई गई थी। रास्ता बताया गया है। गुहार लगाई गई है कि पेंशनभोगियों (Pensioners) के साथ न्याय किया जाए। पेंशन कैलकुलेशन (Pension Calculation) और ब्याज पर सीधी मांग की गई है। ईपीएस 95 हायर पेंशन में हो रही देरी पर भी ध्यान आकृष्ट कराया गया है।
श्रम मंत्री, ईपीएफओ (EPFO) के साथ सीबीटी ट्रस्ट को स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी (Steel Executives Federation of India-SEFI) के चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर ने ई-मेल के माध्यम से त्वरित ध्यान देने की मांग की है।
सेफी इस्पात मंत्रालय के द्वारा अधिकृत राष्ट्रीय संगठन है, जो कि इस्पात मंत्रालय के अधीन कार्यरत सार्वजनिक उपक्रमों SAIL, RINL, NMDC, MECON एवं NISP के 20000 अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है। सेफी, केन्द्र शासन द्वारा इस्पात क्षेत्र के उन्नयन के लिए किए गए प्रयासों के लिए इस्पात मंत्रालय एवं भारत शासन (Ministry of Steel and Government of India) का शुक्रिया भी अदा किया।
जानिए पेंशन गणना पद्धति में सुधार की मांग क्या है
सेफी चेयरमैन एनके बंछोर (SEFI Chairman NK Banchhor) ने ट्रस्ट को लिखे पत्र में बताया कि कानूनी आदेश का खंडन करने वाली आनुपातिक आधारित गणना को वापस लेकर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के आदेश के अनुसार सही गणना पद्धति सुनिश्चित होनी चाहिए।
न्यायालय का निर्णय बहुत स्पष्ट है कि 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए लोगों के लिए, पेंशन योग्य वेतन सेवानिवृत्ति तिथि से पहले के अंतिम बारह महीनों के औसत वेतन के रूप में लिया जाएगा और 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए लोगों के लिए 60 महीने का औसत माना जाएगा। आनुपातिक आधार पर गणना अवैध और अनैतिक है।
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बकाया पर ब्याज ही उचित मुआवजा
पेंशन वितरण में देरी के कारण किसी भी बकाया पर ब्याज का भुगतान करके पेंशनभोगियों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई है।
वर्तमान में चल रही देरी और असंगत निर्देशों ने सेवानिवृत्त लोगों और कर्मचारियों के बीच अनावश्यक चिंता और वित्तीय संकट पैदा कर दिया है।
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सेफी ने यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरशः सम्मान किया जाए, जिससे सेवानिवृत्त और कार्यरत कर्मचारियों का विश्वास और वित्तीय स्थिरता बहाल हो सके।
ईपीएफओ को मुद्दे हल करने का निर्देश दें
एनके बंछोर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सीबीटी के सदस्य-सचिव होने के नाते इनके पास निहित शक्तियों का प्रयोग करके ईपीएफओ को इन मुद्दों को हल करने हेतु तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश देंगे। हम आगामी सीबीटी बैठक के दौरान आपकी त्वरित प्रतिक्रिया और आवश्यक कार्रवाई की आशा करते हैं।
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Employers Representatives में इन्हें गया ई-मेल
1. Atul Sobti
2. Sougata Roy Choudhury
3. Ashish Wig
4. Baldevbhai G. Prajapti
5. Dr. Sachin B. Sabnis
6. Hitender Mehta
7. Sanjay Bhatia
8. Vineet Nahata
9. Madhu Damodaran
10. Kanika Shriram
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Employees Representatives को भी पत्र
1. Girish Chandra Arya
2. Sunkari Mallesham
3. Harbhajan Singh Sidhu
4. R. Karumalaiyan
5. Sheo Pradad Tiwari
6. Dr. Deepak Kumar Jaiswal
7. Hiranmay J. Pandya
8. Manali Shah
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