सूचनाजी न्यूज़, भिलाई।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (Marxist Communist Party) के भिलाई नगर समिति के सचिव अशोक खातरकर ने कहा जब देश के प्रधानमंत्री कुछ कहते हैं तो उसे केवल हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व देखा है। इसीलिए उनके द्वारा कहे गए बातों का ठोस मतलब एवं मकसद होना चाहिए। किंतु चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार द्वारा जिन बातों को कहा जा रहा है उस बातों का मतलब तो कुछ भी नहीं निकल रहा है। क्योंकि उसमें कोई सच्चाई नहीं है
इसे देश के जनता एवं दुनिया दोनों समझ रहे हैं। किंतु उनका इन सब बातों को कहने के पीछे का मकसद स्पष्ट दिख रहा है कि पहले चरण का मतदान होने के बाद जो स्थिति सामने आई उस पर काबू पाते हुए मोदी जी किसी भी तरह से देश के अंदर लोगों को भरमाते हुए नफरत फैलाकर 2024 का चुनाव जीत लेना चाहते हैं।
महिलाओं के गुप्त धन तक छीन लिया था मोदी सरकार ने
माकपा नेता ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा महिलाओं के गुप्त धन को छिनने की बात महिलाएं नहीं भूली है।
मौजूदा केंद्र सरकार ने काले धन पर कब्जा पाने के नाम पर जिस नोटबंदी को देश में लागू किया था, उसे नोटबंदी से तो काला धन कब्जे में नहीं आया। उल्टा महिलाएं जिस धन को मुसीबत में उपयोग करने के लिए परिवार से छुपा कर थोड़ा-थोड़ा करके जमा कर अपने पास रखती है।
उस पैसे को नोटबंदी के नाम पर ना केवल बाहर लाया, बल्कि सबके सामने उसे ही काला धन साबित कर दिया। यदि यह कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मोदी सरकार ने महिलाओं द्वारा छुपा के रखे गए इस पैसे को महिलाओं से छीनने में मदद किया है।
जानिए कब-कब बिके मंगलसूत्र
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अशोक खातरकर ने कहा कि मोदी सरकार के पास लोगों के बीच में कहने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। इसीलिए वह लोगों को भ्रमित करने के लिए अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं। मोदी जी का सार्वजनिक मंचों से यह कहना कि इंडिया गठबंधन की सरकार यदि केंद्र में आती है तो लोगों का संपत्ति ही नहीं छीन लेगी बल्कि महिलाओं के मंगलसूत्र तक छीन लिया जाएगा।
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उन्हें शोभा नहीं देता है क्योंकि यह सब बातें सिरे से गलत है। जिसकी जांच किए बिना ही गोदी मीडिया इसका प्रचार भी कर रही है,क्योंकि कांग्रेस घोषणा पत्र में ऐसा कहीं लिखा ही नहीं है। बल्कि सच्चाई यह है कि मौजूदा केंद्र सरकार के 10 साल के कार्यकाल में कई ऐसे मौके आए जब लोग मजबूरी में अपने मंगलसूत्र तक गिरवी रखने अथवा बेचने को मजबूर हुए। जब देश में नोटबंदी हुई, लॉकडाउन लगा, ऑक्सीजन का सिलेंडर के इंतजाम के लिए दर-दर भटकते रहे, नौकरी न मिलने के चलते बेरोजगारी से जूझ रहे, बच्चों की पढ़ाई महंगी हुई, मां-बाप अथवा परिवार के लिए इलाज महंगा हुआ तब घर की महिलाओं ने अपने गहने के साथ-साथ मंगलसूत्र भी बेच दिए।
इसकी जिम्मेदारी मौजूदा केंद्र सरकार को लेना चाहिए तो उल्टा दूसरे केंद्र सरकार दूसरे पार्टियों के घोषणा पत्र पर सवाल उठा रहे हैं।