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Bokaro Steel Plant के मजदूर उतरे सड़क पर, प्रबंधन को ललकारा, अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी

Bokaro Steel Plant के मजदूर उतरे सड़क पर, प्रबंधन को ललकारा, अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी
  • एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा-छेड़ोगे तो छोड़ेगें नहीं, शपथ है तानाशाही को जड़ से उखाड़ देंगें।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (हिंद मजदूर सभा) की शाखा कमेटी धमन भट्ठी ने विरोध प्रदर्शन किया। ठेका मजदूरों को चिकित्सा जांच तथा मिनिमम वेज की मांग पर मजदूरों को काम से बाहर निकालने की साजिश का आरोप लगाया गया। इसके खिलाफ हजारों आक्रोशित मजदूरों ने सेल/बोकारो इस्पात संयंत्र के धमन भट्ठी विभाग के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर चेतावनी प्रदर्शन किया। विराट चेतावनी प्रदर्शन फर्नेस नंबर-3 से प्रारंभ होकर मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर सभा के रूप में तब्दील हो गई।

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चेतावनी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संघ के महामंत्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि सेल बोकारो तथा धमन भट्ठी प्रबंधन मजदूरों के शोषण एवं उत्पीड़न का एक भी मौका चुकती नहीं है। शायद इनको स्मरण नहीं है कि दास प्रथा एवं बंधुआ मजदूरी के दिन अब लद चुके हैं। इन्हीं ठेका मजदूरों के खून पसीने के बदौलत रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद प्रबंधन में बैठे आला अधिकारियों का ठेका मजदूरों के प्रति घृणा की भावना समझ से परे है।

राजेंद्र सिंह ने कहा-नित नए-नए कानून लाकर वर्षों से कम कर रहे मजदूरों की रोजी-रोटी छिनने की साजिश इनके मजदूर प्रेम को साफ-साफ दर्शाता है। मिनिमम वेज की मांग करने पर मजदूरों को काम से तो निकाला ही जा रहा था, अब एक नया काला कानून मेडिकल चेकअप का लेकर आये हैं, जो पूरे सेल में और कहीं भी लागू नहीं है।

हम सैकड़ों अधिकारियों का उदाहरण दे सकते हैं जो ब्लड प्रेशर, शुगर और तो और भी गंभीर बिमारी से ग्रसित होते हुए भी नौकरी कर रहे हैं। उनकी नौकरी पर कोई खतरा नहीं है। मगर एक गरीब ठेका मजदूर का 1 सेंटीमीटर भी ऊंचाई कम है तो इनके अनुसार वह काम करने लायक नहीं है। ऐसा पैमाना सिर्फ और सिर्फ बोकारो इस्पात संयंत्र में ही देखने को मिलेगा।

ग्रुप इंश्योरेंस, ग्रेच्युटी, रात्रि पाली भत्ता…

यूनियन नेताओं ने कहा कि प्रबंधन को इस बात की चिंता नहीं है कि मजदूरों को ग्रुप इंश्योरेंस,ग्रेच्युटी, रात्रि पाली भत्ता, ग्रेड प्रमोशन आदि लम्बित सुविधाएँ कैसे दें। श्रम दर में वृद्धि के कारण जो मजदूर ESIC की सीमा से बाहर चले गए हैं, उनका और उनके आश्रितों का इलाज कैसे होगा? ठेका मजदूरों के प्रति हीन भावना से ग्रसित इनको आता है तो सिर्फ और सिर्फ शोषण।

अनफिट करने वाले काले कानून को वापस लेने की मांग

अंत में राजेंद्र सिंह ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अविलंब चिकित्सा जांच के नाम पर अनफिट करने वाले काले कानून को वापस लेते हुए मजदूरों की नौकरी की गारंटी सहित सभी सुविधाएँ मुहैया कराएं। अन्यथा किसी भी दिन धमन भट्ठी समेत पूरे प्लांट के ठेका मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे और इसकी संपूर्ण जवाबदेही भ्रष्ट एवं तानाशाही प्रबंधन की होगी।