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Breaking News: पानी टंकी हादसे पर BSP प्रबंधन, यूनियन और OA की महाबैठक, जांच कमेटी बनी, सभी टंकियों की होगी जांच, यह भी फैसला

Breaking News: पानी टंकी हादसे पर BSP प्रबंधन, यूनियन और OA की महाबैठक, जांच कमेटी बनी, सभी टंकियों की होगी जांच, यह भी फैसला
  • बीएसपी प्रबंधन ने मंगलवार दोपहर ढाई बजे बैठक बुलाई और पूरे घटनाक्रम पर खुलकर बातचीत की।

अज़मत अली, भिलाई। सेक्टर-4 पानी टंकी हादसे पर भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) हरकत में आ गया है। चारों तरफ से उठ रहे सवालों के बीच एक बार फिर बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन (BSP Officers Association) और यूनियन नेताओं (union leaders ) की मदद ली जा रही है। संकट के समय कर्मचारी-अधिकारी (Employee – Officer) प्रतिनिधि तलब किए जाते हैं। पिछले साल प्लांट में हुए हादसे के बाद टास्क फोर्स (Task Force) बनाया गया था। महाबैठक हुई थी, लेकिन दोबारा मीटिंग नहीं हो सकी।

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अब एक और हादसा हो गया है। बीएसपी प्रबंधन (BSP Management) ने मंगलवार दोपहर ढाई बजे बैठक बुलाई और पूरे घटनाक्रम पर खुलकर बातचीत की। मौजूदा हालात से निपटने के लिए यूनियन और ओए (OA) से मदद मांगी गई और आगे की प्लानिंग साझा की गई। बैठक में सीजीएम (CGM) टाउनशिप जेवाई सप्काले (JY Sapkale), सीजीएम पर्सनल संदीप माथुर (Sandeep Mathur), जीएम आइआर जेएन ठाकुर (JN thakur) आदि अधिकारी मौजू रहे।

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बैठक में यूनियन नेताओं ने सुझावों की झड़ी लगाई। संकट से निपटने के लिए श्रमिक नेताओं ने सुझाव दिया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत टैंकर से पानी सप्लाई (Water Supply) की जा रही है, इसके लिए पानी पाइप और लंबा करने की जरूरत है ताकि लोग आसानी से पानी ले सकें।

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एटक के महासचिव विनोद कुमार सोनी (Vinod Kumar Soni) ने कहा कि बैठकों का सिलसिला थमना नहीं चाहिए। ज्यादा से ज्यादा बैठक हो और कमेटी बनाई जाए। पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा-कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। बैठकें होती रहे और इनक्वायरी कमेटी (Inquiry Committee) बनाई जाए। इसमें कौन-कौन लोग हैं, यह भी सार्वजनिक किया जाए।

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बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) से मनोज डडसेना ने कहा-प्रबंधन जो भी कमेटी (Committee) बनाती है, उसमें यूनियन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। पारदर्शिता के लिए यह बहुत जरूरी है। बीडब्ल्यूयू (BWU) ने इस तरह की बैठक में कॉन्ट्रैक्ट सेल (Contract SAIL) और फाइनेंस विभाग (Finance Department) के अधिकारियों को भी बुलाने की मांग की। क्योंकि उन्हीं के कारण कॉन्ट्रैक्ट में लेट होता है। संबंधित अधिकारी लगातार मेंटेनेंस के कॉन्ट्रैक्ट के लिए लिखते हैं, पर कॉन्ट्रैक्ट सेल की लेटलतीफी के कारण काम नहीं होता।

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एचएमएस (HMS) के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने टुल्लू पंप खरीद कर जलापूर्ति को और बेहतर करने का सुझाव दिया ताकि लो प्रेशर की समस्या न होने पाए।

लोइमू के राजेंद्र सिंह परगनिहा ने जानना चाहा कि टंकी की अवधि कब तक की थी। इसकी मियाद क्या बीत चुकी थी। कौन जिम्मेदार है। कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।

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बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन (BSP Officers Association) के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर (Narendra Kumar Banchhor) ने इस तरह के हादसे से बचने का मुद्दा उठाया। जर्जर आवासों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू करने की बात कही। कब्जेदारों को खदेड़कर लोगों की जान बचाने का सुझाव दिया ताकि किसी दिन बीएसपी के जर्जर आवास न ढहने पाएं। जो मकान भी टूटने वाले हैं, उन पर पहले ही नोटिस लगाने का सुझाव दिया है।

इंटक के पूरन वर्मा ने सुझाव दिया कि सभी पानी टंकियों को इंटर लिंक किया जाए, ताकि आपात स्थिति में संकट से बच सकें।

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बीएसपी प्रबंधन ने यह ठोस कदम उठाया

सेक्टर-4 की जल प्रदाय टंकी गिरी, प्रबंधन ने तत्काल कार्यवाही का निर्णय लिया।

इस्पात नगरी भिलाई (Steel City Bhilai) के सेक्टर-4 स्थित जल आपूर्ति करने वाले दो टैंक आज सुबह लगभग 6.00 बजे अचानक गिर गए। इस दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।

-लगभग 50 से 52 वर्ष पुरानी दोनों टैंकों में प्रत्येक की क्षमता 1818 किलो लीटर थी।

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-इस दुर्घटना के बाद भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) की तत्काल एक बैठक इस्पात भवन में बुलाई गई। इस बैठक में इसकी जांच के लिए विभागीय स्तर पर एक कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है।

– बता दें कि जांच कमेटी में दो जीएम और एक एजीएम कमरूद्दीन की कमेटी बना दी गई है।

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-साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि ध्वस्त हुई टंकियों से प्रभावित होने वाले क्षेत्र में जल आपूर्ति के लिए तत्काल कदम उठाते हुए मुख्य जल आपूर्ति लाइन से जोड़ दिया जाएगा, जिससे जल आपूर्ति सामान्य हो सकें।

-प्रबंधन ने इसके लिए प्रयास प्रारम्भ कर दिये है और इसे शीघ्रता से पूर्ण करने का प्रयास किया  जा रहा है।

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-इसके साथ ही नगर निगम (Nagar Nigam) के साथ मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में वाटर टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति को सुगम बनाया जाएगा।

-साथ ही प्रबंधन ने यह भी निर्णय लिया है कि इस्पात नगरी की सभी पानी टंकियों की जांच करायी जाएगी और आवश्यकतानुसार उनकी मरम्मत को प्राथमिकता के अनुसार किया जाएगा।

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