- सेल के सभी प्लांट के ओए पदाधिकारियों के अलावा नगरनार, आरआइएनएल, मेकॉन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के अधिकारियों के लिए बड़ी खबर है। 24 अक्टूबर को सेल प्रबंधन और स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी पदाधिकारियों के बीच बड़ी बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में अधिकारियों के लंबित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बकाया राशि के भुगतान पर भी खुलकर बातचीत की जाएगी, ताकि जल्द से जल्द अधिकारियों को बकाया पैसा मिल सके।
सेफी चेयरमैन व बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर दिल्ली पहुंचने वाले हैं। वहां 23 अक्टूबर को सेफी पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें सेल के सभी प्लांट के ओए पदाधिकारियों के अलावा नगरनार, आरआइएनएल, मेकॉन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। संयुक्त रूप से एक एजेंडा बनाया जाएगा, जिस पर सेल प्रबंधन, मेकॉन प्रबंधन, इस्पात मंत्रालय में चर्चा की जाएगी।
सेल अधिकारियों का नया पे-रिवीजन होने वाला है। आरआइएनएल का पे-रिवीजन रुका हुआ है। ग्रेच्युटी को लेकर भी विवाद है। मेकॉन का 11 माह का पर्क्स का पैसा अब तक अधिकारियों को नहीं मिल सका है। मंत्रालय और मेकॉन प्रबंधन से मिलकर चर्चा होगी।
इधर-आरआइएनएल को बचाने की मुहिम अब भी जारी है। आरआइएनएल, नगरनार, मेकॉन, सेल को मर्ज करके मेगा पीएसयू बनाने की मांग फिर से उठाई जाएगी।
सेफी चेयरमैन एनके बंछोर के मुताबिक सेल अधिकारियों का एक इंक्रीमेंटेल पीआरपी रुका हुआ है। 2018-19 का पैसा अब भी फंसा हुआ। डीपीई ने निगेटिव मार्क दिया था। उस समय 5 प्रतिशत के बजाय 3 प्रतिशत ही पीआरपी दिया गया था। इसी 2 प्रतिशत की मांग की जा रही है। अगर प्रबंधन राजी हुआ तो बात बन जाएगी।
जानिए और किस मुद्दों पर होगी चर्चा
सेल अधिकारियों के 11 माह के पर्क्स का ब्याज, जेओ बैच की सीनियारिटी, वेतन-विसंगति, नई जेओ पॉलिसी बनाने, यूनिफॉर्म एचआरए पॉलिसी, पेंशन, प्रमोशन पॉलिसी में बदलाव, हॉस्पिटल, टाउनशिप को लेकर मंथन किया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें: सेल के 11 अधिकारियों का ट्रांसफर, BSP, BSL, RSP, ISP से भेजे गए दूसरे राज्यों में
टाउनशिप और अस्पताल को बचाना है
टाउनशिप के अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को दूर करने, कॉर्डियो, नेफ्रो विभाग पर फोकस, टाउनशिप की लैंड और बिल्डिंग को बचाना, माइंस के आवास को बेहतर करने पर भी बातचीत की जाएगी। प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ ही सुविधाएं भी बढ़ाना है।