मृतक रंजीत सिंह अविवाहित है। मां की उम्र अधिक है। भाई पात्रता की सूची में आ रहा है, लेकिन वह कक्षा 8 तक ही पढ़ा हुआ है। इस वजह से वह नौकरी के दायरे से बाहर निकल रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट हादसे में झुलसे मजदूर रंजीत का शव मरच्युरी से बाहर नहीं निकल सका है। दोपहर 1.10 बज चुका है, लेकिन परिवार और प्रबंधन के बीच मामला हल नहीं हो सका। आश्रित को नौकरी देने की बात प्रबंधन ने स्वीकारी है, लेकिन पात्रता का मामला उलझ गया है। 25 अप्रैल को बीएसपी के एसएमएस-2 के कांटीनुअस कास्टिंग शॉप के कास्टर 6 में हादसा हुआ था, जिसमें 4 मजदूर झुलस गए थे।
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मृतक रंजीत सिंह अविवाहित है। मां की उम्र अधिक है। भाई पात्रता की सूची में आ रहा है, लेकिन वह कक्षा 8 तक ही पढ़ा हुआ है। इस वजह से वह नौकरी के दायरे से बाहर निकल रहा है।
इसी बात को लेकर परिवार और प्रबंधन के बीच बातचीत का दौर जारी है। भट्ठी थाना टीआई केके कुशवाहा पुलिस बल के साथ मौजूद हैं। पंचनामा के लिए प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, तभी कैंप क्षेत्र के रहवासी नौकरी को लेकर भड़क गए। परिवार के करीबी एवं पूर्व बीएसपी कर्मी ने इसे हादसा के बजाय हत्या तक करार दे दिया है।
बीएसपी परिसर में हादसा होने की बात बोलकर आश्रित को लिखित में नौकरी देने की मांग की गई है। बीच का रास्ता निकालते हुए दुर्ग जिले के डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी आशुतोष पांडेय ने भी परिवार से फोन पर बातचीत की। पीड़ित पक्ष का कहना है कि परिवार का खर्च रंजीत ही उठा रहा था। मां का सहारा रंजीत ही था। इसलिए नौकरी के बगैर सबकुछ अंधेरा ही अंधेरा है। इसलिए प्रबंधन लिखित में दे कि मृतक का छोटा भाई पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी का हकदार होगा।
इसी बात को लेकर तनाव बना हुआ है। हर तरफ से मान-मनव्वल का दौर भी जारी है। बीएसपी आइआर विभाग के सीनियर मैनेजर रोहित हरित परिवार की बातों को उच्च प्रबंधन तक पहुंचाने और बीच का रास्ता निकालने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
सीटू ठेका यूनियन से योगेश सोनी के महासचिव योगेश सोनी और इंटक ठेका यूनियन के अध्यक्ष संजय साहू, जसबीर सिंह, गुरुदेव साहू, आर. दिनेश, गुलाब दास, सुरेश कुमार, बीएसपी कांट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन से अध्यक्ष त्रिलोकी सिंह, महासचिव मधुसूदन शर्मा, नवीन कुमार, फरहत खान आदि मौजूद रहे।