BSP ठेका मजदूर बीमारियों की चपेट में, मेडिकल के नियमों से हो रहे बेरोजगार

BSP contract workers are in the grip of diseases, unemployed due to medical rules

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट ठेका मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक के कार्यकारिणी की बैठक यूनियन कार्यालय सेक्टर 4 में यह मुद्दा सामने आया है। इंटक यूनियन की मांग पर बीएसपी द्वारा मेडिकल कराए जाने से श्रमिकों को उनके बीमारी के बारे में पता चल जाता है और वह अपना इलाज प्रारंभ कर देता है, लेकिन इसमें कुछ सुधार की आवश्यकता है, जिसमें श्रमिकों ने बताया कि बीएसपी के द्वारा प्राइवेट एजेंसी से मेडिकल कराया जा रहा है। बीएसपी के द्वारा जो मेडिकल का पैरामीटर रखा गया है, उसमें बहुत से श्रमिक अनफिट हो जा रहे हैं, जिससे उनका गेट पास नहीं बन पा रहा है। इसके कारण वह बेरोजगार हो जा रहे हैं। जिससे उनके परिवार के पालन पोषण की समस्या पैदा हो रही है वह समय पिछले कई वर्षों से संयंत्र में कार्य कर रहा है।
मेडिकल पैरामीटर में छूट देकर लाइट जॉब में गेट पास बनाया जाए

स्टील ठेका श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष संजय कुमार साहू ने प्रबंधन से मांग की है कि मेडिकल पैरामीटर में कुछ छूट देकर उनका गेट पास लाइट जॉब के लिए बनाया जाए, जिससे कि वह ऑफिस या स्टोर या लाइट जॉब में कार्य कर सकें। ठेका श्रमिक पिछले कई वर्षों से संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस कोक ओवन सिंटरिंग प्लांट, मिल्स जैसे विभागों में कार्य कर रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई है। उन्हें चर्म रोग, ब्लड प्रेशर, शुगर एवं सुनाई कम देना जैसे बीमारियां हो गई हैं। उन्हें मेडिकल कराने से अब अपात्र घोषित हो जा रहे है।
मेडिकल टेस्ट की वैधता 1 साल के लिए हो एवं मेडिकल नंबर उपलब्ध कराया जाए
उपाध्यक्ष सी पी वर्मा ने बीएसपी प्रबंधन से मांग की, श्रमिकों का मेडिकल होने के बाद उस की वैधता 1 साल के लिए हो जिससे कि वह ठेका समाप्त होने या दूसरे ठेकेदार के यहां कार्य करने पर उसे पुनः मेडिकल कराने की जरूरत ना पड़े एवं उसे मेडिकल नंबर दिया जाए जिससे कि दूसरे साल मेडिकल कराने पर उसके पूरे रिपोर्ट पता चल सके और उस में क्या अंतर आया है यह पता चल सके।
मेडिकल टोकन की संख्या बढ़ाई जाए
उपाध्यक्ष आर दिनेश ने कहा ठेका श्रमिकों के मेडिकल टेस्ट का प्रतिदिन 80 टोकन दिया जाता है, जिससे श्रमिकों को परेशानी हो रही है उसे बढ़ाकर 100 टोकन किया जाए एवं 10 टोकन को रिजर्व में रखा जाए जिससे कि जो श्रमिक मेडिकल होने के दिन में में किसी कारणवश नहीं आने से उसका दूसरे दिन मेडिकल हो सके और उसका गेट पास बन सके।
ठेका श्रमिकों का जल्द हो 15 लाख का सामूहिक दुर्घटना बीमा।
उपाध्यक्ष मनोहर लाल ने कहा पिछले 3 साल से इंटक यूनियन ठेका श्रमिकों का 15 लाख का सामूहिक दुर्घटना बीमा के लिए प्रयास कर रही है प्रबंधन जल्द कार्रवाई कर ठेका श्रमिकों को 15 लाख का दुर्घटना बीमा की प्रक्रिया प्रारंभ करें।
अध्यक्ष संजय कुमार साहू ने बताया इन सभी विषयों पर प्रतिनिधिमंडल के साथ मेडिकल करने वाले एजेंसी रेणुका डायग्नोसिस के डॉक्टर संजीव कुमार से मिलकर मेडिकल करने की पूरी प्रक्रिया के विषय में जानकारी प्राप्त की एवं श्रमिकों के समस्या से अवगत कराया। वरिष्ठ प्रबंधक औद्योगिक संबंध रोहित हरित से मिलकर सभी समस्या के समाधान पर चर्चा की। कार्यकारिणी की बैठक में सी पी वर्मा दीनानाथ सिंह आर दिनेश, गुलाब दास ,मनोहर लाल ,सुरेश कुमार, गुरुदेव साहू ,जसवीर सिंह, कोला राजू ,अनिल कुमार, बलराम वर्मा, नवीन कुमार ,कृष्ण कुमार ,दामन लाल ,नारायण राठौर ,ज्ञानेश्वर एवं अन्य कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।

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