- आफिसर्स एसोसिएशन के द्वारा कला मंदिर में स्वामी विवेकानंद व्याख्यान।
- स्वामी निखिश्वरानंद जी द्वारा “आधुनिक मानव तनाव में” एवं डॉ. ओमप्रकाश वर्मा द्वारा “आध्यात्मिक उत्कर्ष और स्वामी विवेकानंद” विषय पर व्याख्यान।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन एवं रामकृष्ण सेवा मंडल भिलाई (BSP Officers Association and Ramkrishna Seva Mandal Bhilai) के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला (Swami Vivekananda Lecture Series) का आयोजन महात्मा गांधी कला मंदिर (Mahatma Gandhi Kala Mandir) में किया गया। इस आयोजन में देश के प्रख्यात वस्ताओं को व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया था।
रामकृष्ण मिशन राजकोट (Ramakrishna Mission Rajkot) के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद एवं विवेकानंद विद्यापीठ रायपुर के सचिव डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने इस अवसर पर आधुनिक मानव तनाव में एवं आध्यात्मिक उत्कर्ष और स्वामी विवेकानंद विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिए।
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डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने अपने व्याख्यान में भौतिकवादी दर्शन एवं आध्यात्मिक दर्शन के अंतर को बड़े आसान शब्दों में वर्णित किया। उन्होंने बताया कि भौतिक दर्शन के प्राचीन विद्वानों जैसे चर्वाक आदि को भारतीय संस्कृति ने कभी स्वीकृत नहीं किया अपितु आध्यात्मिक दर्शन सदैव भारत में सहर्ष स्वीकार गए हैं।
अलग-अलग समय काल में विभिन्न विद्वान ऋषियों के द्वारा आध्यात्म को ज्ञान योग, भक्तियोग, राजयोग एवं कर्मयोग के द्वारा जनमानस के सम्मुख प्रस्तुत किया गया स्वामी विवेकानंद ने पांचवा मार्ग आध्यात्म का भारतीय जनमानस के सम्मुख रखा जो कि ‘सेवा योग है’ शिव भाव से जीव सेवा जो कि मनुष्य को आध्यात्म से परिपूर्ण कर देता है।
स्वामी निखिलेश्वरानंद ने अपने उद्भाषण में बताया कि तनाव का मूल कारण क्या है और आधुनिक मानव किस प्रकार तनाव के जाल में फँस जाता है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार वर्तमान समय में ना सिर्फ बड़े बल्कि बाल मन भी तनाव ग्रस्त हो चुका है। आज के समय में जिस प्रकार बच्चों के द्वारा आत्मघाती कदम उठाये जा रहे हैं तथा आज का किशोर जिस प्रकार नशे के गिरफ्त में फंसा हुआ है वो पूरे समाज के लिए चिंतनीय है।
उन्होंने सफलता को पुनः परिभाषित करने पर जोर दिया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए सफलता का पैमाना अलग होने चाहिए। यदि कोई अपनी पूरी क्षमता के साथ परिश्रम कर जो स्थान अर्जित करता है वही उसकी सफलता है तथा उसे उसका आनंद लेना चाहिए ना कि किसी अन्य की तुलना कर दुखी होना चाहिए। ये खबर भी पढ़ें: SAIL DSP-ISP: दुर्गापुर स्टील प्लांट का स्वतंत्रता दिवस बना खास, शहीद कर्मचारियों को ऐसे किया याद
उन्होंने कहा कि गीता अनुरूप अपने को ढालें, अपने कर्म और अपने प्रयासों को उत्कृष्ट करें तथा परिणाम को ईश्वर पर छोडें। उन्होंने तनाव से बचने के अत्यंत सरल नियम भी बताये जिस पर सभी आसानी से अमल कर सकते हैं।
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तनाव मिटाने के लिए स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के सूत्र
ए-एनालाइज (Analyze), 90 प्रतिशत तक समस्यायें काल्पनिक होती है
एक्सेप्ट (Accept), सत्य को स्वीकारें एवं आगे की योजना पर कार्य करें।
बी-बाइट् एज् मच एज् यू कैन च्यू (Bite as much as you can chew)! उतना ही कार्य लें जो आप कर पायें।
सी-काउंट योर ब्लेसिंग (Count your Blessing)
डी-डू योर बेस्ट लिव द रेस्ट (Do Your Best Live the Rest)
ई-इमोशनल इंटेलिजेंस (Emotional intelligence)
एफ-फोरबियरेंस (Forbearance) (सहन करें)
ओए के ये पदाधिकारी रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन ओए महासचिव परविन्दर सिंह ने दिया। इस कार्यक्रम का संचालन सत्यावान नायक ने किया। इस कार्यक्रम में श्री रामकृष्ण सेवा मंडल के अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा के साथ सभी पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
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इस व्याख्यान का लाभ उठाने कार्यपालक निदेशक (एम एम) एके चक्रवर्ती एवं कार्यपालक निदेशक (एच आर) पवन कुमार, मुख्य महाप्रबंधकगण प्रबीर सरकार, तुषार कांत, अनुराग उपाध्याय, पूर्व कार्यपालक निदेशक किरण कपूर एवं एमएम गदरे तथा ओए के पदाधिकारी अंकुर मिश्रा, तुषार सिंह, अखिलेश मिश्रा, संजय तिवारी, नितेश क्षत्री, ज्योति प्रकाश शर्मा तथा जोनल प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में भिलाई के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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