BSP Sports Summer Camp: 2558 बच्चों को 24 खेलों की बारीकी सिखाया 128 कोच ने, अब नेशनल खिलाड़ी बनेंगे फ्री डे-बोर्डिंग में

  • इस शिविर में 05 साल से लेकर लगभग 18 वर्ष तक के बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल खेल को बढ़ावा देने के लिए हर कोशिश कर रहा है। सेल की यूनिट भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) ने समर कैंप आयोजित किया और खिलाड़ियों के हुनर को और तराश दिया। समर कैंप में 2558 बच्चे शामिल हुए। इनमें 728 बेटियां शामिल हुईं। समर कैंप से बच्चों को चयनित किया जाएगा, जिनको डे-बोर्डिंग में रखकर नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी बनाने का गुर सीखाया जाएगा।

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10 मई से 09 जून तक BSP ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर लगा। इसका समापन समारोह सेक्टर-1 के पंत स्टेडियम में गुरुवार को हुआ। बतौर मुख्य अतिथि डायरेक्टर इंचार्ज (DIC) अनिर्बान दासगुप्ता शामिल हुए। खेल अधिकारी एसआर जाखड़ के संयोजन में प्रशिक्षण शिविर में हुनर सीखने वाले बच्चों ने अपना कौशल भी दिखाया। जिम्नास्टिक, कराते आदि खेलों का डेमो दिया।

भिलाई इस्पात संयंत्र के क्रीडा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएं विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस समापन समारोह के अवसर पर खेलों का प्रदर्शन भी किया गया। इस शिविर का मुख्य उदेश्य बच्चों के बीच खेल के प्रति रुझान में वृद्धि करना, बच्चों के शारीरिक विकास के साथ- साथ मानसिक और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना है। समापन कार्यक्रम में ईडी प्रोजेक्ट एंड पीएंडए एस मुखोपाध्याय, ईडी फाइनेंस डाक्टर एके पंडा, ईडी एमएम एम चक्रवर्ती, सीजीएम माइंस समीर स्वरूप, सीएमओ इंचार्ज डाक्टर रवींद्र नाथ, सीजीएम पर्सनल संदीप माथुर, सीजीएम फाइनेंस डीएन करण, सीजीएम वर्क्स तापस दासगुप्ता, सीजीएम आरके श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

जानिए अधिकारियों ने क्या कहा…

डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता: बच्चों मजा आया कि नहीं, बच्चों की तरफ से जवाब आया, बहुत मजा आया। डीआइसी बच्चों के साथ बचपन की यादों में खो गए। सेल भिलाई स्टील प्लांट आपके साथ जुड़ पाया और हम जुड़ पाए, हमें बहुत गर्व है। भारत का प्रतिनिधित्सव कीजिए दुनिया भर में। दिव्यांगों का ओलंपिक चल रहा है। सेल जुड़ा हुआ है। इस समर कैंप के जरिए हम आपको आनंद दे पाए, यह आगे भी देते रहेंगे।

ईडी पीएंडए और ईडी प्रोजेक्ट एस मुखोपाध्याय: यह समर कैंप यादों को अपने साथ ले जाएगा। बच्चे अपने साथ दोस्ती ले जाएंगे। यादगार ले जाएंगे। समर कैंप का फल दिख रहा है। बच्चों ने जिमनास्टिक, कराते का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसके लिए मेरी तरफ से खूब बधाई हो। यहां मौजूद कोच और खिलाड़ियों ने उत्साह दिखाया है। इस समर से यह आशा है कि बच्चे नेशनल स्तर तक खेल का प्रदर्शन करेंगे। मेरी तरफ से सबको शुभकामनाएं।

सीजीएम पर्सनल संदीप माथुर: इस खेल के महाकुंभ में शामिल होकर मैं गौरव महसूस कर रहा हूं। यही बच्चे खेल के दूत हैं। इन्हीं प्रतिभाओं ने भिलाई को पहचान दिलाई है। 2000 से अधिक बच्चों को मूर्तरूप खेल विभाग दे रहा है। समर कैंप का शुभारंभ 125 बच्चों के साथ शुरू हूआ थाा, जो आज खेलों की महागाथा बन चुका है। डीआइसी के प्रयास से सभी बच्चों को टी-शर्ट प्रदान की गई है। बीएसपी का प्रयास है कि राष्ट्रीय स्तर की सुविधा दी जाए। प्रबंधन का यही लक्ष्य है।

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बीएसपी समर कैंप का इतिहास

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का भी एक गौरवशाली इतिहास रहा है। बीएसपी के सहयोग से ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण की शुरुआत वर्ष 1977 से हुई थी। इसमें प्रथमत: 08 खेलों को शामिल किया गया था। तब से लेकर आज तक लगातार लगभग 46 वर्षों से संयंत्र ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन प्रतिवर्ष करता आ रहा है।

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24 खेल में 120 कोच ने दिखाई मेहनत

वर्तमान में ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर-2023 में शामिल 24 खेलों में 120 प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न खेल परिसरों, शालाओं के हॉल एवं क्रीड़ागणों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इन 24 खेलों में एथलेटिक्स, बैडमिन्टन, बॉल बैडमिन्टन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, शतरंज, क्रिकेट, फुटबॉल, हैंण्डबॉल, हॉकी, कराटे, जूडो, टेनिस, टेबल टेनिस, वालीबॉल, योगा, खो-खो, कबड्डी, पावर लिफ्टिंग, साइकिल पोलो, जिम्नास्टिक, फेंसिंग, नेटिंग, कुश्ती शामिल हैं। इस शिविर में 05 साल से लेकर लगभग 18 वर्ष तक के बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।

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जाखड़ से लेकर राजेश चौहान तक जुड़ा नाम

बीएसपी के ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण में खिलाड़ियों को अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। इन प्रशिक्षकों में कुछ पूर्व अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी जैसे एसआर जाखड़ (वॉलीबॉल), राजेश पाटिल (बैडमिंटन), कृष्णा साहू (भारोत्तोलन), डेनिस क्रीस्टी (हॉकी), शत्रुघ्न स्वाई (एनआईएस कोच), बीडी कुरुपथी (हैंडबॉल), राजगोपालन (वर्तमान छ॰ग॰ अंडर 19 क्रिकेट हेड कोच) परमजीत सिंह (पूर्व रणजी क्रिकेटर) जैसे नाम भी शामिल हैं।

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डे- बोर्डिंग में मुफ़्त कोचिंग

इस शिविर में विभिन्न खेलों में खिलाड़ियों को अनुभवी प्रशिक्षकों (कोच) से प्रशिक्षण के साथ साथ भिन्न- भिन्न खेल, सुरक्षा संबन्धित सामग्री, मैदान और सर्व सुविधायुक्त स्टेडियम उपलब्ध कराये जाते हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र के इस ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर में 200 प्रतिभावान बच्चों को चयन करके डे- बोर्डिंग स्कीम में चुनते हैं, जहां इन्हें मुफ़्त कोचिंग के साथ-साथ स्पोर्ट्स किट व अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। जिससे उन्हें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक खेलने हेतु तैयार किया जा सके।

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