- बीएसपी वर्कर्स युनियन के युवा विंग ने आईआर विभाग में खोला युवाओं की समस्याओं का पिटारा
- बीएसपी कर्मचारियों को पहले की तरह ही फिर से परिवार सहित अंडमान निकोबार की सैर करवाने की माँग की।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) के युवा विंग ने आईआर विभाग में बैठक की, जिसमें बीएसपी वर्कर्स युनियन की युवा टीम ने युवा कर्मचारियों को हो रही अनगिनत समस्याओं और चिंताओ से प्रबंधन को अवगत कराया।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) के सहायक महासचिव कृष्णामूर्ति ने प्लांट में अव्यवस्थित टॉयलेट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज सभी कर्मचारी खासकर महिला कर्मचारियों को टायलेट की कमियों और इनके नियमित साफ सफाई ना होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पूरे प्लांट में अधिकारियों के आफिस बिल्डिंग के अलावा अन्य कार्यक्षेत्र में कहीं भी ठीक ठाक टायलेट की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा कैंटिन के अनहाइजैनिक और बेस्वाद खाने की शिकायत पहले भी बहुत बार की गई। परन्तु कैंटीन में खाने की व्यवस्था में रत्ती भर भी सुधार हेतु प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसका परिणाम आज भी प्लांट में कर्मचारी गंदा खाना खाने के लिए मजबूर है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) के सहायक महासचिव लुमेश राहंगडाले ने 17 साल पुरानी इंसेटिव स्कीम में संशोधन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज भी बीएसपी कर्मचारियों को 2007 में बनी इंसेटिव स्कीम से ही भुगतान किया जा रहा है, जिसके तहत युवा कर्मचारियों को कुल मिलाकर 500-1000 रुपये ही इंसेटिव मिल रहा है।
जहाँ 2007 में मैनपावर प्रोडक्टिविटी 268 टन प्रति कर्मचारी थी। वहीं, आज बढ़कर नवंबर 2024 में प्राप्त डाटा अनुसार 711 टन प्रति कर्मचारी हो गई है। ऐसे में 2007 की इंसेटिव पॉलिसी में बदलाव कर ऐसी पॉलिसी बने जिससे कर्मचारियों को कम से कम 3000 रुपये इंसेटिव के रुप में मिलें। फिक्सड इंसेटिव दशकों से सिर्फ 19 रुपये ही दिया जा रहा है, जिसमें आज तक बढ़ोतरी नहीं हुई है। युवा कर्मचारियों के इंसेटिव बढ़ोतरी उनका निश्चय ही मनोबल बढ़ायगा।
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बीएसपी वर्कर्स युनियन के सहायक महासचिव राजकुमार सिंह ने बीएसपी कर्मचारियों को पहले की तरह ही फिर से परिवार सहित अंडमान निकोबार की सैर करवाने की माँग की। पहले एलटीए स्कीम से बीएसपी वर्कर्स अपने परिवार सहित अंडमान निकोबार घूमता था, जिसे 2013 के बाद बंद कर दिया गया।
अधिकतर युवा कर्मचारी 2013 के बाद ही बीएसपी में भर्ती हुए हैं, जिससे वे इस स्कीम से वंचित रह गए, इसीलिए वर्तमान में ऐसी कुछ व्यवस्था या स्कीम लाई जाएँ, जिससे अंडमान निकोबार या इसके समतुल्य अन्य पर्यटनस्थल पर युवा कर्मचारियों को भी परिवार सहित घुमने का अवसर मिलें।
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सहायक महासचिव संदीप सिंह ने युवा कर्मचारियों की आवास व्यवस्था को लेकर हो रही परेशानियों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि आज भी युवा बीएसपी कर्मचारी छोटे छोटे आवास में रहने के लिए बाध्य है, जिनकी मरम्मत भी उन्हें स्वयं के खर्चे से करनी पड़ती हैं क्योंकि इन आवासों के मरम्मत की सालों से लंबित शिकायतों का निराकरण बीएसपी प्रबंधन नहीं करता, कहीं किसी आवास में मरम्मत कार्य होता भी है, तो वह दोयम दर्जे का ही होता है, जिसकी कोई गुणवत्ता नहीं होती।
टार फेल्टिंग और आवास मरम्मत में देरी, आन-लाइन अच्छे और बड़े आवास का ना मिलना, बड़े बड़े आवासों पर अवैध कब्जा, खराब पानी आदि टाऊनशिप की अव्यवस्थाओं से युवा कर्मचारियों को हर दिन दो चार होना पड़ता है।
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बीएसपी वर्कर्स युनियन के अन्य पदाधिकारियों ने हॉस्पिटल में डाक्टरों, नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी से हो रही अव्यवस्था को बताया और इसमें सुधार की माँग की। डिग्रेडेशन की मार झेल रहे युवा कर्मचारियों के करियर ग्रोथ, फास्टट्रैक प्रोमोशन, पदनाम आदि पर भी चर्चा हुई।
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बैठक में बीएसपी प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक जेएन ठाकुर, विकास चंद्रा और सहायक महाप्रबंधक रोहित हरित उपस्थित थे। वही बीएसपी वर्कर्स युनियन की तरफ से सहायक महासचिव कृष्णामूर्ति, लुमेश राहंगडाले, राजकुमार सिंह, संदीप सिंह, घनश्याम साहू, सचिव दीपेश चुघ, नागेश्वर राव, अजय तमुरिया, सदस्य रामेश्वर बिसेन, अभिषेक शामिल थें।