खुली जीप पर ढोल-नगाड़े संग प्लांट से घर तक विदाई
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सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में हादसों की भरमार हुआ करती थी। लोगों की आदत में लापरवाही शामिल हो चुकी थी, लेकिन इस रवायत को मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं) जीपी सिंह ने तोड़ा। प्लांट के भीतर यातायात नियम तोड़ने वाले करीब 2 हजार कर्मचारी और अधिकारी को चार्जशीट तक थमा दी। परिवार की महिलाओं को भी तलब कर लिया ताकि घर तक सेफ्टी का माहौल बन सके। इसी तरह क्रांतिकारी प्रयोग करने वाले जीपी सिंह अब कंपनी की सेवा से विदा हो चुके हैं। रिटायरमेंट का पल यादगार बना दिया गया। यह सब कर्मचारियों ने किया।
मेन गेट के सामने भारी भीड़ लगी हुई थी। लोग हाथों में माला लिए ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत के लिए इंतजार कर रहे थे। सेवानिवृत्ति पर बहुत कम लोगों को नसीब होता है ऐसा प्यार। लोगों को इंतजार था सीजीएम जीपी सिंह के गेट से बाहर निकलने का। थोड़ी देर में खुली जीप में सवार जीपी सिंह मेन गेट से बाहर निकले। लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा उनके स्वागत के लिए। ढोल नगाड़े बजने लगे, लोग नाचने लगे। लोगों ने पुष्पा हार से उन्हें लाद दिया। यह दृश्य था जीपी सिंह के विदाई का था, जिसे देखिए वही सेल्फी लेता दिखा।
सेल भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं) जीपी सिंह को 30 जून को उनकी सेवानिवृत्ति पर बीएसपी के सेफ्टी वारियर्स एवं सेफ्टी इंजीनियरिंग विभाग ने भव्य विदाई दी। खुली जीप में सवार जीपी सिंह को सेफ्टी वारियर्स ने मेन गेट के बाहर निकलते ही फूलों से ला दिया। ढोल नगाड़े के बीच लोग नाचते गाते उनके जीप के समक्ष चल रहे थे। उनकी जीप को एस्कॉर्ट करते हुए 18 मोटर साइकिल में सेफ्टी वारियर्स चल रहे थे।
जीपी सिंह के लोकप्रियता का आलम यह था कि उन्हें शुभकामना देने वालों की एक लंबी कतार लगी थी। ऐसी धूमधाम वाली विदाई बहुत कम लोगों को मिलती है। सेफ्टी वारियर्स पूरे जोश के साथ नाच रहे थे। एक अद्भुत नजारा था विदाई का । लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था श्री जी पी सिंह को विदाई देने के लिए।
खुली जीप में सवार श्री सिंह का यह जुलूस मेन गेट से प्रारंभ होकर उनके तालपुरी निवास तक चला।
उनके इस भव्य विदाई समारोह के साक्षी बने क्यूसीएफआई, हैदराबाद हेड क्वार्टर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव। उन्होंने भी पुष्पगुच्छ देकर श्री सिंह का अभिनंदन किया। इस अवसर पर श्री सिंह की जीवनसंगिनी बबिता सिंह तथा उनकी पुत्री रिचा निखिल भी साथ रही।
विदित हो कि जीपी सिंह ने भिलाई इस्पात संयंत्र के सुरक्षा संस्कृति को नया आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सेफ्टी वारियर्स तथा सेफ्टी सर्कल जैसे अभिनव संकल्पनाओं को मूर्त रूप देने में श्री सिंह ने उत्कृष्ट योगदान दिया है। उनके नाम 6 पेटेंट व 2 कॉपीराइट दर्ज है। श्री सिंह अपने इनोवेटिव कार्यों के लिए कई बार राष्ट्रीय स्तर पर विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में सिंह क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया के भिलाई चैप्टर के सचिव तथा क्यूसीएफआई के नेशनल बोर्ड में डायरेक्टर हैं।