- इस बार कर्मचारी काफी सतर्क हो गए हैं,क्योंकि झांसेबाजी से पेट भर चुका है। जो नेताजी फोन कर ट्रांसफर निरस्त कराकर भिलाई लाने का दम भरते थे, दोबारा फोन तक नहीं किए।
अज़मत अली, भिलाई। जब-जब चुनाव आता है, सेल (SAIL) भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों की पूछ-परख होनी शुरू हो जाती है। ट्रेड यूनियन चुनाव (Trade Union Elections) के समय के नजारे को कोई भूला नहीं है। झांसेबाजी का बेहतरीन नमूना पेश किया गया था। अब विधानसभा चुनाव आ गया है। एक बार फिर, कर्मचारियों को अपने पक्ष में करने के लिए दांव-पेंच लगाने के लिए हथकंडा अपनाया जा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant में आवाज उठानी और शोर मचाना जरूरी, तभी मिल रहा पूरा वेतन
लेकिन, इस बार कर्मचारी (Employee) काफी सतर्क हो गए हैं,क्योंकि झांसेबाजी से पेट भर चुका है। जो नेताजी फोन कर ट्रांसफर (Transfer) निरस्त कराकर भिलाई (Bhilai) लाने का दम भरते थे, दोबारा फोन तक नहीं किए। न ही ट्रांसफर आदेश निरस्त कराकर वापस भिलाई ला सके। जी हां, बात हो रही है भिलाई स्टील प्लांट से दक्षिण भारत ट्रांसफर किए गए रामकेश मीणा और अन्य कर्मचारियों की।
Suchnaji.com के सवालों पर रामकेश मीणा का दर्द छलक आया। गुजरी बातों और फोन पर नेताजी के आश्वासन को याद कर भावुक हो गए। यूनियन चुनाव (Union Election) में जिस तरह के वोटों को बिखरने से रोकने में रामकेश मीणा ने भूमिका निभाई, वह आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। जिन सियासी लोगों ने ट्रांसफर कराने का वादा किया था, अब वे पूरी तरह से अपनी बातों को ही भूल चुके हैं। कोई सांस-डकार नहीं ले रहा है।
युवा कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। एक बार फिर चुनावी मौसम (Election Season) आ गया है। लेकिन, इस बार कर्मचारी बदला लेने के मूड में नजर आ रहे हैं।
रामकेश मीणा का कहना है कि कर्मचारियों के हक के लिए वह आवाज उठाते रहे हैं और उठाते रहेंगे। लेकिन, जिन लोगों ने फोन पर आश्वासन दिया था, उनकी बेरुखी को भूलेंगे नहीं…।
केंद्र में सरकार होने के बावजूद न तो यूनियन कुछ कर पा रही है और न ही लोकसभा (Lok Sabha) में आवाज उठाने वाले नेताजी…। 39 माह का बकाया एरियर है। इधर-बीएसपी कर्मचारी (BSP Employee) विधायक से मेल-मुलाकात कर रहे हैं ताकि एक निष्पक्ष जांच एजेंसी राज्य सरकार से गठित कराई जाए और कर्मचारियों को दी गई सजा माफ हो। एक साथ ट्रांसफर, निलंबन, इंक्रीमेंट की सजा दी गई थी।