हर यूनियन ने 39 माह के बकाया एरियर का मुद्दा उठाया। इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह ने ऐतिहासिक विलंब तक करार दे दिया।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के इतिहास की पहली महिला चेयरमैन सोमा मंडल एक इच्छा अधूरी रह गई। मायूस हैं। सेल के कार्यकाल में बतौर चेयरमैन वह कर्मचारियों के पदनाम का मुद्दा हल नहीं कर सकीं। इसको लेकर उन्हें मलाल है। इस बात का खुलासा सोमा मंडल ने खुद कर्मचारी प्रतिनिधियों के सामने किया है।
भिलाई स्टील प्लांट के अपने आधिकारिक आखिरी दौरे पर पहुंची चेयरमैन से यूनियन नेताओं की बातचीत हुई। हर यूनियन ने 39 माह के बकाया एरियर का मुद्दा उठाया। इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह ने ऐतिहासिक विलंब तक करार दे दिया। पदनाम के मुद्दे पर चेयरमैन ने जवाब दिया कि मेरी इच्छा थी कि मैं इस विषय को हल करके जाऊं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
प्लांट स्तर पर आम सहमति नहीं बनने की वजह से ऐसा हुआ। कुछ इकाइयों ने इस पर आपत्ति तक दर्ज कराई। इस वजह से एनजेसीएस की बैठक में भी मुद्दा हल नहीं हो सका और मामला उलझकर रह गया। बैठक में मौजूद यूनियन नेताओं ने कहा-मैडम बातचीत का दौर फिर से शुरू करते हैं और कोई बीच का रास्ता निकालते हैं।
खास बात यह है कि पूरी बैठक में चेयरमैन ने सिर्फ दो विषय पदनाम और सेफ्टी ही खुलकर बोला। बाकी सभी सवालों का जवाब डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता देते रहे। वहीं, मीटिंग शुरू होने से पहले सभी यूनियन नेताओं ने आपस में बातचीत की और तय किया कि चेयरमैन की मुलाकात को सिर्फ फेयरवेल ही समझा जाए। 30 तारीख को रिटायर हो रही हैं, इसलिए यहां किसी तरह का विरोध करना उचित नहीं होगा। कर्मचारियों के लंबित मुद्दों पर उनके रुख को लेकर घेरने का विचार छोड़ दिया गया।