छत्तीसगढ़: धान खरीदी में धांधली का आरोप, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पकड़ी खामियां, भाजपा सरकार लपेटे में

Chhattisgarh: Allegations of rigging in paddy procurement, former Home Minister Tamradhwaj Sahu caught flaws, questions on BJP government
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने धान खरीदी केन्द्र का किया औचक निरीक्षण। भाजपा सरकार पर कई आरोप।
  • बारदाना का मानक वजन 640 ग्राम बताया जा रहा है।
  • मौके में बोरे का वजन केवल 540 ग्राम था।
  • बोरा भी अमानक है, जिसका भुगतान भी किसानों को ज्यादा धन दे कर चुकाना पड़ रहा है।
  • सरकार धान खरीदी सुचारू रूप से चलाने का झूठा दावा कर रही है -ताम्रध्वज साहू।

सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने धान खरीदी केन्द्रों के समितियो में किसानों को धान खरीदी में होने वाली समस्याओं का जायजा लेना शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, दुर्ग शहर के पूर्व विधायक अरुण वोरा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल कोसरे, अध्यक्ष केश शिल्प कल्याणी बोर्ड  नंदकुमार सेन, उपाध्यक्ष श्रम कल्याण मंडल केशव बंटी हरमुख सहित कांग्रेस  कार्यकर्ताओं ने दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के ग्राम कोलिहापुरी धान खरीदी केंद्र में पहुँचकर धान खरीदी केन्द्र का औचक निरिक्षण किया।

इस अवसर पर पूर्व गृहमंत्री ने बातया की इस वर्ष किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए अनावश्यक समय लग रहा है। अगर किसान धान बेचने से चूक गए तो पखवाड़े भर का समय लग रहा है।

प्रदेश में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बनाए गए उपार्जन केंद्रों में जबदस्त अव्यवस्था होने का आरोप  लगाया है और कहा कि सभी धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था का आलम है।

धान के लिए पर्याप्त मानक बोरों की व्यवस्था नहीं है किसानों को अपना आधा बोरा को देने के लिए कहा जा रहा है। आपको बता दें राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना में से एक किसानों से धान खरीदी करना होता है जिसमें धान खरीदी केंद्रों के लिए गाइड लाइन जारी होता है, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार पिछले 14 नवंबर से किसानों से धान खरीदने का कार्य शुरू किया गया है।

प्रदेश के सभी जिलों में धान खरीदी किया जा रहा है, जिसमें किसानों से एक बोरी में 40 किलो के अनुपात से धान खरीदना है। बरदाना का अलग से वजन 700 ग्राम निर्धारित किया गया है। दोनों को मिलाकर 40.700 किलो धान लेना है।

टीम ने विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में जाकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया, जिसमें पाया कि हर खरीदी केन्द्र में खरीदा हुआ धान अलग-अलग वजन का पाया। कहीं 41.500 kg तो कहीं 41. 300kg। इसी तरह से हर खरीदी केन्द्र में अलग अलग वजन पाया गया। किसी भी केंद्र में 41 किलो से नीचे नहीं पाया गया, जबकि राज्य सरकार की गाइड लाइन में धान खरीदने का मानक अलग है।

धान की मीलिंग करने में राइस मिलरों ने जताई है असमर्थता

पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेशभर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है। इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर थे। धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फ़ैसले के बाद विभिन्न ज़िलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं।

धान खरीदी केंद्रों में जारी नहीं हो रहा टोकन, किसान परेशान

पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है। किसान घंटों खड़े रहते हैं। आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है। धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपए प्रति क्विन्टल में करें, क्योंकि 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था।

केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए किया जाए। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपए में धान खरीदा था।

भाजपा द्वारा किसानों को एकमुश्त भुगतान का वादा किया गया था पर वर्तमान में केवल 2300 के दर से भुगतान किया जा रहा है। बारदाना का मानक वजन 640 ग्राम बताया जा रहा है मौके में बोरे का वजन केवल 540 ग्राम था बोरा भी अमानक है, जिसका भुगतान भी किसानों को ज्यादा धन दे कर चुकाना पड़ रहा है।

किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे

क्या समिति प्रबंधक व जिला प्रशासन को नही मालूम  हर खरीदी केन्द्र के लिए प्रशासन के द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, तो क्या नोडल अधिकारी को राज्य सरकार का गाइड लाइन नहीं मालूम या फिर किसानों को यूं ही छला जा रहा है। आखिर किसके निर्देश पर केंद्र प्रभारी किसानों से अधिक मात्रा में धान ले रहें है। इससे किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।

इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, दुर्ग शहर के पूर्व विधायक अरुण वोरा, जिला अध्यक्ष निर्मल कोसरे, अध्यक्ष हस्त शिल्प बोर्ड नंदकुमार सेन, उपाध्यक्ष श्रम कल्याण मंडल केशव  बंटी हरमुख, अध्यक्ष जनपद पंचायत दुर्ग देवेंद्र देशमुख, ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप चंद्राकर, पूर्व साडा उपाध्यक्ष बृज मोहन सिंह, अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ रिवेंद्र यादव, जगदीश साहू, जनपद सदस्य टिकेश्वरी लाल देशमुख, ज्ञानेश्वर मिश्रा, राकेश हिरवानी, रूपेश देशमुख, महेंद्र सिन्हा, मुकुंद पारकार चुनन्नी चंद्राकर, शिव नारायण दिल्लीवार, गुहा देशमुख, सरपंच ज्वाला प्रसाद देशमुख, देवधर साहू सहित कांग्रेस के कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।