- सीटू ने कहा डेलॉइट की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे उच्च प्रबंधन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 6 नवंबर को हुए सीटू के कार्यकारिणी बैठक में अस्पताल की निजीकरण की कोशिश के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाने तथा साथ में स्वतंत्र एवं संयुक्त गतिविधियों को संचालित करने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत संयंत्र कर्मियों, उनके परिजनों सेवानिवृत कर्मियों उनके परिजनों तथा आमजन के बीच माइक प्रचार, नुक्कड़ सभाएं, गेट मीटिंग्स, ग्रुप मीटिंग्स आदि किए जाएंगे।
इसी क्रम में आज 11 नवंबर को बोरिया गेट में माइक प्रचार एवं गेट मीटिंग की गई। भिलाई के लोगों को अंधेरे में रखकर इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन द्वारा अस्पताल को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर यूनियन नेताओं ने अपनी बातों को रखा।
ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: मिल जोन की कमान संभालेंगे केके देशमुख और सुदामा महिलांगे
सीटू ने कहा डेलॉइट की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे उच्च प्रबंधन
बोरिया गेट में हुए सभा में सीटू नेताओं ने कहा कि इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से डेलॉइट को अस्पताल पर परामर्श देने के लिए हायर किया एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर 9 अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों का दौरा भी करवाया।
इस दौरे के बारे में भिलाई के चुनिंदा अधिकारियों को छोड़कर किसी को भी खबर नहीं थी। सब कुछ गुपचुप तरीके से कर लिया गया। अब खबर सार्वजनिक हुई है कि डेलॉइट ने अपनी रिपोर्ट इस्पात मंत्रालय एवं सेल प्रबंधन को सौंप दिया है, जिस पर संयंत्र के उच्च प्रबंधन से राय मांगी जा रही है।
सीटू ने उच्च प्रबंधन एवं मंत्रालय से दो टूक कहना चाहता है कि डेलोइट द्वारा दिए गए रिपोर्ट को सार्वजनिक करें, क्योंकि यह सार्वजनिक उद्योग के अस्पताल का मामला है, जो सीधे संयंत्र में कार्यरत एवं सेवानिवृत्ति कामगारों एवं उनके परिजनों से संबंधित है।
शुरुआत में ही रोकना होगा अस्पताल के निजीकरण को
सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने खुले मंच से कहा कि संयंत्र के अंदर निजीकरण की गाज गिराने की कोशिश कर ही रहे हैं। साथ ही साथ अस्पताल को भी निजी हाथों में देने की कोशिश जारी है। हमें इस कोशिश को शुरू में ही रोकना होगा।
इसके लिए सीटू ने संयंत्र के कर्मियों, सेवानिवृत्ति कर्मियों, सभी परिजनों एवं आमजन से अपील किया कि अपनी संबद्धताओं से ऊपर उठकर सीटू सहित जो भी संगठन सड़कों पर उतर रहा है एवं विरोध कारवाईयां कर रहा है, उनके साथ खड़े होकर अस्पताल की निजीकरण के खिलाफ हो रही लड़ाई को मजबूत करें, ताकि अस्पताल को हर हाल में निजी हाथों में जाने से रोका जा सके।
ये खबर भी पढ़ें: लाल किले के पास भीषण धमाका, 10 की मौत, 24 से ज्यादा जख्मी, दिल्ली में अलर्ट
भिलाई का प्रबंधन भी नहीं चाहता है अस्पताल का निजीकरण
सीटू नेताओं ने कहा कि अस्पताल को निजी हाथों में देने की कोशिश के खिलाफ सीटू लगातार कर्मियों एवं अधिकारियों से चर्चा कर रहा है। चर्चा के दौरान यह बात स्पष्ट रूप से सामने आ रही है कि कर्मचारियों के साथ-साथ संयंत्र एवं अस्पताल का प्रबंधन भी इस अस्पताल के निजीकरण के खिलाफ है।
वे अपने स्तर पर विरोध दर्ज करवा रहे हैं। बावजूद इसके यदि उच्च प्रबंधन एवं इस्पात मंत्रालय, अस्पताल को निजी करने के दिशा में आगे बढ़ता है तो इसके विपरीत परिणाम सामने आएंगे, जिसके लिए उच्च प्रबंधन एवं मंत्रालय ही जिम्मेदार होगा।












