Coal India Breaking News: अधिकारियों की लापरवाही से बढ़ें शोषण, हादसे, कोयला श्रमिक सभा भड़का, बैठकों, कार्यक्रमों का HMS ने किया बायकॉट

Coal India Breaking News Exploitation and Accidents Increase due to Negligence of Officials HMS Boycotts Meetings and Programs
  • ठेका मजदूरों को सुरक्षा (सेफ्टी), सामाजिक सुरक्षा एवं वेतन सुरक्षा प्रदान करने में कंपनी अधिकारियों का निष्क्रिय रहने शोषण हो रहा।
  • वर्ष 2024 के लगभग 70 प्रतिशत ठेका कामगारों को अभी तक बोनस (PLI) नहीं मिल पाया है।
  • इस वर्ष 2025 में अभी तक एक भी ठेका कर्मचारी को बोनस (PLI) नहीं दिया गया है।

सूचनाजी न्यूज, नागपुर। कोल इंडिया के वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड-डब्ल्यूसीएल के कर्मचारियों और ठेका मजदूरों के मुद्दे पर प्रबंधन को घेर लिया गया है। कोयला श्रमिक सभा (HMS) ने वेकोलि के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेश को पत्र लिखकर यूनियन की लाइन स्पष्ट कर दी है।

कोयला श्रमिक सभा (HMS) का वेकोलि द्वारा आयोजित इकाई से लेकर कंपनी स्तर तक समस्त प्रकार की बैठकों, कार्यक्रमों के बहिष्कार का फैसला लिया गया है। कोयला श्रमिक सभा के अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने स्थानीय प्रबंधन समेत कोल इंडिया प्रबंधन तक को सूचित कर दिया है। साथ ही कड़े शब्दों में चेतावनी दे दी है कि अगर, हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन का रास्ता खुला है। जनरल सेक्रेटरी शरद धाण्डे की ओर से पत्र लिखा गया है।

पढ़िए आखिर कोयला श्रमिक सभा (HMS) क्यों भड़का

1. संगठन द्वारा बार-बार ध्यानाकर्षित किये जाने के बावजूद वेकोलि अधिकारियों द्वारा खदानों में सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी किये जाने से खदानों में लगातार बड़ी दुर्घटनाएँ घट रही हैं।

मुख्य कारक निम्नानुसार हैं

(i) किसानों से भूमि का कब्जा न मिल पाने के कारण अधिकारियों द्वारा खदान की सीमित भूमि से ही अधिक उत्पादन कर कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने की सनक में असुरक्षित रूप से कार्य कर दुर्घटनाओं को आमंत्रण देना।

(ii) खान सुरक्षा निदेशालय द्वारा सुरक्षा संबंधी जारी दिशा निर्देशों का पूर्णतः उल्लंघन किया जाना।

(iii) खुली खदानों में रौशनी की उचित व्यवस्था एवं भूमिगत खदानों में वेंटीलेशन तथा वर्किंग फेस में उचित सपोर्ट न किया जाना।

2. संपूर्ण वेकोलि में स्वास्थ्य सेवाओं में घोर लापरवाही एवं भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका है। वेकोलि अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बावजूद कंपनी कॉलोनियों में पानी एवं शुद्ध पेयजल की उचित व्यवस्था करने में अधिकारियों द्वारा पूर्णतः विफल हो चुका है। जर्जर हो चुकी कंपनी आवासीय कॉलोनियों की मरम्मत एवं उसकी स्वच्छता में जिम्मेदार अधिकारियों का पूर्णतः विफल रहना। कंपनी द्वारा कल्याण मद विभिन्न मिशनों के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च करने के बावजूद धरातल पर परिणाम शून्य रहना तथा किये गये खर्चों का ऑडिट भी न कराना।

3. वेकोलि अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के बुधवार/रविवारीय एवं पी.एच. ड्यूटी में कटौती कर जानबूझकर कामगारों को परेशान करना और अपनी सुख सुविधाओं में लगातार वृद्धि करना।

4. भू-आश्रितों के तहत रोजगार ग्रहिताओं को SOP के नाम पर जानबूझकर अनावश्यक रूप से ऐसी खदानों में पदस्थापित किया जाना जो पहले से ही लगभग 20 हजार प्रति टन घाटे में चल रही हैं। जिसके कारण कंपनी के उत्पादन व उत्पादकता को लगातार क्षति पहुँचाई जा रही है। और खदान/क्षेत्र के उत्पादन में कमी तथा घाटे में बढ़ोतरी का ठीकरा बेकसूर मजदूरों पर फोड़ना।

5. कंपनी के निदेशक तकनीकि जिनका मूल कार्य एवं प्रमुख जिम्मेदारी खदानों में उत्पादन व सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करना है, वे मुख्यालय में बैठ कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेशों एवं कामगारों को प्रताड़ित करने के नये-नये हथकण्डे अपनाने में अपना ध्यान केन्द्रित किये हुए हैं।

6. कंपनी के करोड़ों रूपये खर्च कर खदानों के विस्तार हेतु अधिग्रहित की गई भूमि में से लगभग 90 प्रतिशत किसानों/भू-आश्रितों को मुख्यालय में बैठे निष्क्रिय एवं भ्रष्ट अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण मुआवजा तथा नौकरी न दिये जाने पर खदान का विस्तार रूकने से सीमित जगह से ही अधिकारियों द्वारा सुरक्षा को ताक पर रख कर तथा दुर्घटनाओं को निमंत्रण देते हुए लगातार कोयला उत्पादन किया जा रहा है।

7. कंपनी में बड़ी संख्या में कार्यरत ठेका मजदूरों को सुरक्षा (सेफ्टी), सामाजिक सुरक्षा एवं वेतन सुरक्षा प्रदान करने में कंपनी अधिकारियों का निष्क्रिय रहते हुए पूर्णतः विफल रहना।

8. कंपनी में ठेका मजदूरों (माइनिंग / नॉन माइनिंग) को बोनस (PLI) दिये जाने संबंधी कोल इण्डिया द्वारा जारी आदेश के बावजूद इस दिशा में किसी प्रकार का ठोस कदम न उठाना जिसके कारण पिछले वर्ष 2024 के लगभग 70 प्रतिशत ठेका कामगारों को अभी तक बोनस (PLI) न मिल पाना। साथ ही इस वर्ष 2025 में अभी तक एक भी ठेका कर्मचारी को बोनस (PLI) ने दिया जाना।

11 अक्टूबर से ही बहिष्कार का सिलसिला शुरू

इन सभी विषयों की जानकारी कोयला श्रमिक सभा (HMS) द्वारा बार-बार आपको विभिन्न माध्यमों से दिया जा रहा है। किन्तु इसके बावजूद कंपनी उच्च अधिकारियों द्वारा इन विषयों को गंभीरता से न लेते हुए इस पर ठोस निर्णय न लिया जाना, कहीं न कहीं इस ओर इशारा करता है कि उपरोक्त सभी कार्यों में कंपनी के उच्च अधिकारियों की भी मौन सहमति है।

इसके कारण मजदूर वर्ग में कंपनी/कंपनी के उच्च अधिकारियों के प्रति जबरदस्त असंतोष व रोष है। अतः वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में प्रथम क्रमांक का संगठन होने के नाते कोयला श्रमिक सभा (HMS) की अब यह नैतिक जिम्मेदारी हो गई है कि वह कंपनी को बचाने तथा कामगारों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाये।

इसलिए संगठन आपको अवगत कराना चाहता है कि आज से वेकोलि द्वारा आयोजित इकाई से लेकर कंपनी स्तर के सभी प्रकार की सभा, औद्योगिक संबंधी/बैठकों तथा सभी प्रकार के कार्यक्रमों का बहिष्कार करता है।

साथ ही कोयला श्रमिक सभा (HMS) चेतावनी देता है कि यदि कंपनी उच्च अधिकारियों द्वारा शीघ्र ही उपरोक्त सभी मुद्दों पर ठोस कदम उठाते हुए उचित निर्णय नहीं लिया जाता है, तो संगठन संपूर्ण वेकोलि में तीव्र आंदोलन करने हेतु बाध्य होगा। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी कंपनी उच्च अधिकारियों की होगी।