SAIL बायोमेट्रिक पर गहराया विवाद, NJCS का हिस्सा हो खदान, श्रमायुक्त तक पहुंचा मामला

Controversy deepens over SAIL biometrics, mine should be represented in NJCS, matter reaches Labor Commissioner
श्रमिक संगठनों को चुनाव प्रक्रिया से गुजरना पड़े तो चुनाव के लिए भी तैयार रहने के लिए सभी श्रमिक संगठनों को भी आग्रह किया गया है।
  • खदान को भी NJCS फोरम में प्रतिनिधित्व की माँग।
  • संगठन ने सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय, चाइबासा से लगाई गुहार।

सूचनाजी न्यूज, किरीबुरू। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (Jharkhand Group of Mines) में बायोमेट्रिक को लेकर बवाल मचा हुआ है। हर तरफ से प्रबंधन के खिलाफ घेराबंदी की जा रही है। कानूनी लड़ाई भी जारी है। वहीं, नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) पर अब सीधा हमला बोला जा रहा है।

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बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को लेकर किरीबुरु खदान के झारखंड मजदूर संघर्ष संघ द्वारा किया गया ID एक्ट केस अब NJCS फोरम में खदान का प्रतिनिधित्व तक पहुँच गया है। सेल प्रबंधन किरीबुरू ने सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय को अपने दिये गये विवरण में NJCS फोरम पर हुए बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली (Biometric Attendance System) के समझौता का जिक्र किया था।

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जिसको झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने काउंटर कर सेल प्रबंधन (SAIL Management) पर ही सवाल उठा दिया है कि NJCS बैठक में सिर्फ संयंत्र का ही प्रतिनिधित्व है, खदान का नहीं। खदान की किस्मत का फैसला संयंत्र वाले कैसे ले सकते हैं? भौगोलिक दृष्टि से दोनों अलग है और समस्या भी।

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महासचिव राजेंद्र सेंद्रिया का कहना है कि खदान की सहमति के बैगर, खदान से बातचीत, चर्चा किए बैगर NJCS कोई भी फैसला लेता है। जब किसी को फांसी दिया जाता तो भारतीय कानून उसकी अंतिम इच्छा पूछे जाने का प्रावधान है। परंतु NJCS में निर्णय खदान से चर्चा किए बैगर लिया जाना कहाँ तक जायज है।

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इसलिए खदान को भी NJCS फोरम में प्रतिनिधित्व की माँग संगठन ने सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय, चाइबासा के माध्यम से सेल प्रबंधन को समर्पित कर दिया गया है।

चाहे इसके लिए श्रमिक संगठनों को चुनाव प्रक्रिया से गुजरना पड़े तो चुनाव के लिए भी तैयार रहने के लिए सभी श्रमिक संगठनों को भी आग्रह किया गया है।

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