- नोटबंदी के 7 साल बाद कितने बदले देश के हालात। कांग्रेस ने आंकड़ा पेश कर सरकार पर कटाक्ष किया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी। आज सात साल बाद फिर नोटबंदी की यादें ताजा हो गई। कतार लगी भीड़, मौत और कोहराम का मंजर लोग याद कर रहे हैं। एक तरफ सत्ता पक्ष इसे उपलब्धि बता रहा है। वहीं, विपक्ष हमलावर है।
नोटबंदी की बरसी पर Rahul Gandhi ने ट्वीट कर कहा-नोटबंदी एक सोची समझी साज़िश थी। रोज़गार तबाह करने की। श्रमिकों की आमदनी रोकने की। छोटे व्यापारों को खत्म करने की। किसानों को नुकसान पहुंचाने की।
असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ने की। 99% आम भारतीयों पर हमला, 1% पूंजीपति मोदी ‘मित्रों’ को फायदा पहुंचाने की। ये एक हथियार था, आपकी जेब काटने का-परम मित्र की झोली भर कर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर बनाने का!
मोदीजी को चौराहा नहीं मिला, देश दो राहे पर खड़ा
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष Mallikarjun Kharge ने भी ट्वीट कर लिखा-नोटबंदी के बाद मोदी जी ने 50 दिन मांगे थे, आज 7 साल हो गए। वो चौराहा तो नहीं मिला, देश को दोराहे पर ज़रूर खड़ा कर दिया।
एक तरफ़ अमीर, अरबपति अमीर हो गया है, तो दूसरी ओर, गरीब और भी गरीब होता जा रहा है। आज 150 लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है,जिन्होंने नोटबंदी के चक्रवात को झेला! देश की अर्थव्यवस्था और विकास दर को गहरा धक्का लगा।
एक ही झटके में लाखों छोटे व्ययसाय ठप्प पड़ गए। करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई। पाई-पाई जोड़कर जो हमारी गृह लक्ष्मी महिलाओं ने बचत जुटाई थी, वो ख़त्म हो गई।
जाली नोट और बढ़ गए, 500 के जाली नोटों में पिछले साल ही 14% बढ़ोतरी हुई और 2000 के नोटों पर भी नोटबंदी लागू करनी पड़ी।
काले धन पर लगाम लगाने में विफ़ल रही मोदी सरकार। Cash In Circulation में 2016 से अब तक 83% उछाल आया। पिछले 7 वर्षों में संपत्ति खरीदने वालों में से 76% को कीमत का एक हिस्सा Cash में चुकाना पड़ा। (लोकल सर्कल्स सर्वे)।
मोदी सरकार की नोटबंदी आम नागरिकों के जीवन में एक गहरे ज़ख़्म की तरह है, जिसकी मरहम-पट्टी वो आज तक कर रहें हैं।
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