चेयरमैन ने कहा-कम्युनिकेट गैप न होने दें। अपने बॉस से सवाल करें। झगड़ा नहीं करना है। शालीनता से बात रखनी है। काम करने के तरीके पर चर्चा कीजिए। गलत फैसले को आगे बढ़ने से रोकना है। सामूहिक फैसले से आगे बढ़ना है। सवाल करने से रोकना नहीं है।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के नवागत चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कामकाज संभालने के बाद पहला संदेश दे दिया है। सोशल मीडिया के माध्यम से सेल के करीब 59 हजार कर्मचारियों-अधिकारियों और करीब 60 हजार ठेका मजदूरों तक अपनी बात रखी है। पिछले 70 सालों में सेल ने देश के विकास में जो योगदान दिया अब उससे आगे बढ़ते हुए अगले 70 सालों का ख्वाब दिखाया जा रहा है। सेल को नंबर-1 बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। ठेका मजदूर से लेकर डायरेक्टर इंचार्ज तक की बात की है।
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अमरेंदु प्रकाश ने डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह, डारेक्टर फाइनेंस एके तुल्सयानी, डायरेक्टर कामशियल वीएस चक्रवर्ती, डायरेक्टर टेक्नीकल एके सिंह की मौजूदगी में संदेश दिया। उन्होंन कहा कि 70 साल में सेल ने जो किया, अब इससे आगे के 70 साल का सपना देखने का दौर शुरू। आज से और अभी से शुरू। जो सपना देखेंगे, उसे पूरा करने के लिए सब मिलकर काम करेंगे। सपने को मीलियन टन और प्रोडक्शन के पैमाने पर नहीं तौलेंगे, बल्कि नंबर 1 कंपनी और परिवार की तरफ बढ़ें। इतने संसाधनों और टैलेंट को लेने के बाद सपना नीचे रहा तो देश के साथ अन्याय होगा।
नंबर-1 की परिभाषा देते हुए कहा कि जब लोग आपसे सीखना शुरू करें, आप क्या कर रहे हैं, वह जानना शुरू करें तो यही नंबर वन की निशानी है। प्लांट, उत्पादन, सेफ्टी, टेक्नो एकोनॉमी, एचआर पॉलिसी के क्षेत्र से नंबर-1 बनना है।
देश के 25 बेहतर शहरों में 10 टाउनशिप हमारी भी शामिल हो। ठेका मजदूरों की खुशी, स्किल, सेफ्टी पर बात करें, इससे दूसरी कंपनियां हमसे सीखने की बात करेंगी, तब हम मान पाएंगे कि हम नंबर1 हैं। सपना वह नहीं होता रात को सोते समय दिखे, सपना वह होता है जो रात को सोने न दे।
ठेका मजदूर और सुरक्षा पर फोकस
चेयरमैन ने करीब 60 हजार ठेका मजदूरों की बात की। कहा-ठेका मजदूर कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। इनके प्रति हमारी जिम्मेदारी है। पहला सवाल खुद से पूछें कि क्या हमारे साथ काम करने वाला मजदूर उतना सेफ है। सेफ्टी का ख्याल ठेका मजदूर के लिए रख रहे हैं। क्या उनको यह अधिकार मिला है। मजदूर को यह अधिकार है कि यह असुरक्षित कार्य है, हम नहीं कर सकेंगे। ठेका मजदूरों को इतनी हिम्मत और बुद्धि देंगे, वह असुरक्षित काम को रोक लेगा,उसी दिन हम नंबर-1 बन जाएंगे।
दूसरी बात ठेका मजदूर को जो पेमेंट मिलना है, वह मिल रहा या नहीं। पेमेंट वापस तो नहीं लिया जा रहा है। हम इसे नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं। शहरों में लाखों लोग रहते हैं, उनके चेहरे पर खुशियां लाना है। अगर, लोग बोलते हैं कि वर्क प्लेस के बाहर आने के बाद पेमेंट वापस लेता है तो मैं क्या करूं। चेयरमैन ने कहा-आप सोचना शुरू करें और रास्ते निकालें। हम सब साथ हैं। सही मायने में नंबर 1 बनना है तो यह जिम्मेदारी लेनी होगी।
खुद को बेंच मार्क न बनाएं, देश में नंबर 1 जो है उससे तुलना करें
चेयरमैन अमरेंद्र प्रकाश ने कहा कि कंपनी के नंबर 1 बनने के सपने में सबको मिलकर काम करना है। सेल को नंबर 1 बनाने का सपना देखा है। आज और अभी से कदम बढ़ा दीजिए। हर साल परफॉर्मेंस बेहतर हुआ है। अब हमें जरूरत है अपनी स्पीड बढ़ाने की। अपने बेंच मार्क को आधार न बनाएं और नंबर 1 पर जो है उनसे तुलना करें।
सेल ने स्टील के साथ समाज बनाया
चेयरमैन ने कहा-सेल ने स्टील के साथ समाज और शहर को बनाया है। भिलाई, बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर, रांची, चंद्रपर, राजहरा में देखने को मिलता है कि पूरा भारत सीमट आया है। यहां हर संस्कृति दिखती है। 1950 से आज तक जो लोग कंपनी से जुड़े हैं, उनको सलाम करते हैं।
सपना छोटा नहीं देखेंगे, परंपरा तो बदल देंगे
चेयरमैन ने कहा-सपना कभी छोटा नहीं देखेंगे। सपने को छोटा होने नहीं देंगे। नंबर 1 बनना है। अगर, कोई प्रोसीजर नंबर वन होने में रोकता है तो उसके तत्काल बदल देंगे। 59 हजार लोगों का परिवार अकेला नहीं है। विराट कोहरी के शतक का जिक्र करते हुए कहा-एक टीम में काम करते हैं और यह देखते हैं कि टीम जीत रही है। परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर मुस्कान है या नहीं। आह्वान किया है कि अपनी बात को जरूर आगे रखें।
बॉस को भी गलत करने से रोकने का हौसला दिखाएं
एक-एक कार्मिकों का हौसला बढ़ाते हुए चेयरमैन ने कहा-कम्युनिकेट गैप न होने दें। अपने बॉस से सवाल करें। झगड़ा नहीं करना है। शालीनता से बात रखनी है। काम करने के तरीके पर चर्चा कीजिए। गलत फैसले को आगे बढ़ने से रोकना है। सामूहिक फैसले से आगे बढ़ना है। सवाल करने से रोकना नहीं है।
कोई भी भगवान नहीं, इगो मत पालिए
आप सभी लोग अपनी जगह पर लीडर हैं। कोई भी भगवान नहीं है। मैंने जो कहा वही सही, बाकी सब गलत है, यह सही नहीं है। चेयरमैन बोले-इसलिए मैं अह्वान कर रहा हूं कि अगर मैं गलत बोल रहा हूं तो आप अपने बॉस स्तर पर अपना सुझाव दीजिए। मैं इसे स्वीकार करूंगा। इगो नहीं पालना है। बॉस का ही अंतिम शब्द नहीं है।
काम कम मत करो, काम को कम मत लो
चेयरमैन ने हौसला बढ़ाते हुए कहा-रैंक नहीं अब रोल में परफॉमेंस दिखाने की जरूरत है। इस भूमिका में ओसीटी भी हो सकता है। ऐसा आइडिया, जो कंपनी को आगे ले जाए। वरिष्ठता के क्रम में आने वाले अगर इगो पालते हैं तो उससे बचें और परफॉर्मेंस को रोकने न दें। चेयरमैन ने एक स्लोगन-काम कम मत करो, काम को कम मत लो, दिया। काम करने का तरीका ऐसा कि काम आसान हो जाए। हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क करने की जरूरत है।